भारत के पैरा एथलीट विनोद कुमार ने यहां चल रहे टोक्यो पैरालम्पिक के पुरुष डिस्कस थ्रो एफ52 इवेंट में कांस्य पदक हासिल किया। इसके साथ ही भारत ने अबतक तीन पदक अपने नाम नाम कर लिए हैं।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व जवान 42 वर्षीय विनोद ने एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए 19.91 मीटर का थ्रो कर तीसरा स्थान हासिल किया और देश के लिए कांस्य पदक जीता। विनोद ने अपने पांचवें प्रयास में 19.91 मीटर का थ्रो किया।
एक समय विनोद दूसरे स्थान पर चल रहे थे लेकिन क्रोएशिया के वेलिमिर संदूर ने 19.98 मीटर का थ्रो कर उन्हें तीसरे स्थान पर खिसका दिया।
इस इवेंट का स्वर्ण पोलेंड के पिओतर कोसेविक्ज ने जीता जिन्होंने 20.02 मीटर का थ्रो किया।
विश्व में छठे स्थान पर मौजूद विनोद ने पहले थ्रो में 19.09 मीटर के थ्रो के साथ शुरुआत की।
विनोद आर्मी के परिवार से आते हैं। उनके पिता 1971 के युद्ध में घायल हुए थे। विनोद ने बीएसएफ ज्वाइन की लेकिन 2002 में पैर में लगी चोट के कारण उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी। वह करीब 10 वर्षो तक बिस्तर में थे।
विनोद ने रोहतक में राजीव गांधी स्टेडियम के पास एक दुकान खोली और उन्हें टीवी में रियो पैरालम्पिक खेलों की कवरेज के दौरान पैरा एथलेटिक्स में रुचि जागी।
विनोद ने 2018 और 2019 नेशनल्स में एफ53 डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक जीता था। उन्हें पेरिस में 2019 में हुए हेंडिस्पोर्ट ओपन पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री के दौरान पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय इवेंट में एफ52 वर्ग में शामिल किया गया।
विनोद दुबई में हुई विश्व चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहे थे, जिसके दम पर उन्हें टोक्यो पैरालम्पिक बर्थ हासिल हुई। विनोद का पैरालम्पिक में यह पहला पदक है।
विनोद से पहले आज ही पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने महिला एकल क्लास 4 इवेंट में रजत और निषाद कुमार ने पुरुष ऊंची कूद टी47 इवेंट में रजत पदक जीता है। राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर इन पैरा एथलीटों ने देश को पैरालंपिक में तीन पदक दिलाए हैं।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS