logo-image

ब्रायन लारा ने बताया उन दो भारतीय बल्‍लेबाजों के नाम जो तोड़ सकते हैं उनका रिकार्ड

ब्रायन लारा ने खुद भी एक और भारतीय का नाम लिया है. हालांकि लारा ने जिस दूसरे भारतीय खिलाड़ी का नाम अब लिया है, वह काफी युवा हैं और उन्‍हें इस रिकार्ड तक पहुंचने के लिए अभी लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी.

Updated on: 10 Dec 2019, 11:45 AM

New Delhi:

आस्‍ट्रेलिया के डेविड वार्नर (David warner) वेस्‍टइंडीज के महान बल्‍लेबाजों में से एक ब्रायन लारा (Brian Lara) का टेस्‍ट की एक पारी में सबसे ज्‍यादा रन बनाने के रिकार्ड के काफी करीब पहुंच गए थे. वे 335 रन पर नाबाद खेल रहे थे, लेकिन तभी आस्‍ट्रेलिया के कप्‍तान टिम पेन ने पारी घोषित कर दी और डेविड वार्नर (David warner) रिकार्ड नहीं तोड़ पाए. हालांकि बाद में खुद ब्रायन लारा ने खुद भी कहा था कि वह इंतजार कर रहे थे कि उनका रिकार्ड टूट, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. ब्रायन लारा ने यह भी कहा था कि उनका रिकार्ड भारतीय सलामी बल्‍लेबाज रोहित शर्मा तोड़ सकते हैं, अब ब्रायन लारा ने खुद भी एक और भारतीय का नाम लिया है. हालांकि लारा ने जिस दूसरे भारतीय खिलाड़ी का नाम अब लिया है, वह काफी युवा हैं और उन्‍हें इस रिकार्ड तक पहुंचने के लिए अभी लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी. 

यह भी पढ़ें ः पाकिस्तानी क्रिकेटर मैच फिक्सिंग के दोषी करार, फरवरी में तय होगी सजा

डेविड वार्नर जब 335 रन पर नाबाद थे. तभी आस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने ऐसे समय टीम की पारी घोषित की जब उनका एक खिलाड़ी इतिहास रचने के करीब बढ़ रहा था. पेन ने टीम के तीन विकेट 589 के कुल स्कोर पर पारी घोषित कर दी, लेकिन इस समय सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर 335 रनों पर खेल रहे थे. डेविड वार्नर जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहे थे उससे लग रहा था कि वह आसानी से 400 का आंकड़ा छू लेंगे, लेकिन पेन ने उनसे यह मौका छीन लिया.

यह भी पढ़ें ः सौरव गांगुली नहीं, आज के एंग्री यंगमैन हैं विराट कोहली, जानें 21 हजार लोगों की राय

इसी के साथ डेविड वार्नर टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले सातवें आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बन गए थे. डेविड वार्नर के अलावा टेस्ट मैचों में डॉन ब्रैडमैन (334, 304), आरबी सिम्पसन (311), आरएम कूपर (307), मार्क टेलर (334 नाबाद), मैथ्यू हेडन (380), माइकल क्लार्क (329 नाबाद) ने तिहरे शतक लगाए हैं. वार्नर ने इसके साथ एडिलेड ओवल मैदान पर सर्वोच्च व्यक्तिगत योग अपने नाम किया. इस मैदान पर 299 रनों का रिकार्ड सर डॉन ब्रैडमैन के नाम था. टेस्ट क्रिकेट में आस्ट्रेलिाय के लिए सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकार्ड मैथ्यू हेडन के नाम है, जिन्होंने 2003 में पर्थ में जिम्बाब्वे के खिलाफ 380 रन बनाए थे. आस्ट्रेलिया की ओर से साल 2012 के बाद पहला तिहरा शतक बना है. इससे पहले तिहरा शतक माइकल क्लार्क ने लगाया था. पाकिस्तान के खिलाफ तिहरा शतक लगाने वाले वार्नर चौथे बल्लेबाज हैं. इससे पहले भारत के वीरेंद्र सहवाग ने मुल्तान में तिहरा शतक लगाया था. दिन-रात के टेस्ट मैचों में यह दूसरा तिहरा शतक है.

यह भी पढ़ें ः टोक्यो ओलंपिक का जश्न मनाने के लिए जापान लॉन्च करेगा एक विशेष सैटेलाइट

लेकिन अब बड़ा सवाल यह उठ गया है कि टेस्‍ट क्रिकेट में ब्रायन लारा की ओर से बनाया गया सर्वाधिक स्‍कोर का रिकार्ड कोई बल्‍लेबाज तोड़ पाएगा. एक पारी में सर्वाधिक रन बनाने का रिकार्ड वेस्‍टइंडीज के ब्रायन लारा के नाम पर दर्ज है. यह रिकार्ड उन्‍होंने साल 2004 में इंग्‍लैंड के खिलाफ बनाया था. 15 साल बाद भी ब्रायन लारा के इस रिकार्ड को अब तक कोई भी बल्‍लेबाज नहीं तोड़ पाया है. ब्रायन लारा ने इस मैच में 582 गेंदों का सामना किया और 400 रन बना दिए, इसके बाद भी वे आउट नहीं हुए और वेस्‍टइंडीज ने पारी घोषित कर दी. इस मैच में ब्रायन लारा ही वेस्‍टइंडीज के कप्‍तान हुआ करते थे.

यह भी पढ़ें ः 41 साल के भारतीय खिलाड़ी ने बनाया रिकार्ड, अब तक कोई नहीं कर सका

मैच के बाद जब डेविड वार्नर से पूछा गया कि वेस्‍टइंडीज के ब्रायन लारा का रिकार्ड कोई तोड़ पाएगा. तो वार्नर ने कहा कि भारत के सलामी बल्‍लेबाज रोहित शर्मा इस रिकार्ड को तोड़ सकते हैं. यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि वन डे और T20 के बाद जब से रोहित शर्मा ने टेस्‍ट मैचों में सलामी बल्‍लेबाजी शुरू की है, तब से वे और भी घातक हो गए हैं. वे वन डे और टेस्‍ट दोनों में दोहरा शतक लगा चुके हैं. वन डे में तो उनके नाम तीन दोहरे शतक हैं. जो सबसे ज्‍यादा हैं. अब इंतजार इस बात का है कि डेविड वार्नर की बात सही साबित हो और रोहित शर्मा पहले तिहरा शतक जड़ें और उसके बाद ब्रायन लारा का 400 रन का रिकार्ड पीछे छोड़ दें. वहीं ब्रायन लारा न्‍यूज कार्प से बात करते हुए कहा कि उनके रिकार्ड को दो भारतीय तोड़ सकते हैं, उसमें एक तो हिटमैन रोहित शर्मा हैं और दूसरे पृथ्‍वी शॉ हैं. पृथ्‍वी शॉ पर पिछले साल प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन उसके बाद उन्‍होंने अब वापसी कर ली है, वे रणजी में खेल भी रहे हैं और वे भारत के लिए भविष्‍य के क्रिकेट माने जाते हैं. पृथ्‍वी शॉ के बारे में भी यह मशहूर है कि वे एक बार टिक जाएं तो जल्‍दी उन्‍हें कोई आउट नहीं कर सकता.