ब्रायन लारा ने खोले वेस्ट इंडीज टीम के कई राज,कहा-शर्मिंदगी महसूस होती थी

महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के बेईमानी के बारे में ऐसे खुलासे किये है जिसे सुनकर पूरी दुनिया हैरान है।

महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के बेईमानी के बारे में ऐसे खुलासे किये है जिसे सुनकर पूरी दुनिया हैरान है।

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vinita singh
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ब्रायन लारा ने खोले वेस्ट इंडीज टीम के कई राज,कहा-शर्मिंदगी महसूस होती थी

ब्रायन लारा (फाइल फोटो)

वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने अपने देश की विश्व विजयी टीम के बेईमानी के बारे में ऐसे खुलासे किये है जिसे सुनकर पूरी दुनिया हैरान है।

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लंदन में एमसीसी स्पीरिट ऑफ़ कॉड्री लेक्चर 2017 में  लारा ने खुलासा किया कि कैसे उनकी टीम ने कई मौकों पर बेईमानी कर जीत हासिल की थी और उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती थी।

ऑस्ट्रेलिया से पहले क्रिकेट की दुनिया में वेस्टइंडीज की टीम की बादशाहत थी और उसके पास दुनिया के सबसे दमदार बल्लेबाज और गेंदबाजों की पूरी फौज थी।

इन्हीं के दम पर वेस्टइंडीज ने करीब डेढ़ दशक तक कोई भी टेस्ट सीरीज नहीं हारी थी। हालांकि, जब दुनिया की दूसरी टीमें इस टीम को टक्कर देने लगी तो वेस्टइंडीज के कई महान खिलाड़ियों ने मैदान पर बेईमानी भी की। लारा ने ऐसी ही कुछ घटनाओं के बारे में दुनिया को बताया है।

लारा ने कहा है कि उनकी टीम 90 के दशक में विश्व क्रिकेट में अपनी बादशाहत के बावजूद खेल भावना से नहीं खेलती थी। लारा ने इस दौरान शीर्ष टीमों से खेल की भावना को बरकरार रखने की अपील की है।

लारा बताते हैं कि जब वेस्टइंडीज की टीम को एक के बाद एक जीत की आदत पड़ी थी तो उन्हें अपनी इस टीम पर गर्व नहीं हो रहा था। उन्होंने इसकी वजह बताई है कि 1988 में पाकिस्तान दौरे पर अंपायरों के गलत फैसलों की मदद से वेस्टइंडीज टीम जीत हासिल कर रही थी।

उन्होंने कहा कि इमरान खान ने शानदार गेंद पर विव रिचर्ड्स को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया था। इसके अलावा एक बार अब्दुल कादिर की गेंद पर जेफ्री डुजॉन कैच आउट हो गए थे, लेकिन यह अंपायरों की मेहरबानी थी कि वे दोनों खेलते रहे। इस तरह से विंडीज टीम की जीत कई बार अंपायरों की बेईमानी का नतीजा भी रही।

उनके मुताबिक अंपायरों के फैसले से पाकिस्तान का दिल टूट गया। वो उस मैच में नहीं खेल रहे थे लेकिन उन्हें शर्मिंदगी महसूस हुई। लारा ने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आता कि बल्लेबाज़ आउट होने के बावजूद क्यों क्रीज़ पर जमे रहना चाहते हैं...क्यों एक ही पारी में दो बार बैटिंग करना चाहते हैं जबकि दूसरी टीम अपना पसीना बहा रही है...?'

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इसी तरह एक और घटना का ज़िक्र करते हुए लारा ने कहा कि 1990 में इंग्लैंड की टीम वेस्ट इंडीज के दौरे पर थी। इंग्लैंड की टीम में न तो इयान बॉथम थे और न ही डेविड गॉवर इसलिए उसके जीतने की कोई उम्मीद नहीं थी लेकिन जमैका में पहला टेस्ट जीतकर उसने सभी को चौका दिया हालंकि तब भी सबको विश्वास था कि इंग्लैंड ये जीत फिर नहीं दोहरा सकती।

लारा ने कहा कि गयाना टेस्ट बारिश में धुल गया और 1-0 की बढत के साथ इंग्लैंड तीसरे टेस्ट के लिए त्रिनिदाद पहुंची। कप्तान ग्राहम गूच ने ग्रीन विकेट पर टॉस जीतकर वेस्ट इंडीज़ को पहले बल्लेबाज़ी को कहा। लंच तक मेज़बान टीम ने पांच विकेट सिर्फ़ 29 रन पर खो दिए।

पांचवे दिन इंग्लैंड बहुत मज़बूत स्थिति में थी तभी बारिश आ गई और एक सेशन का खेल नहीं हो पाया लेकिन तब भी इंग्लैंड के पास छोटा सा लक्ष्य प्राप्त करने के लिए काफी समय था। लेकिन एक तरफ जहां ग्राउड स्टाफ़ ने मैदान में गीली जगहों को सुखाने में समय ज़ाया किया वहीं वेस्ट इंडीज़ के बॉलर्स ने एक घंटे में सिर्फ 7 ओवर फेंके। मैं इस मैच में भी बाहर था। मैच ड्रॉ हो गया।

फिर अंधेरा हो गया था और हारकर इंग्लिश कप्तान ग्राहम गूच को अपने खिलाड़ियों को मैदान से बाहर बुलाना पड़ा। लारा ने कहा कि वेस्ट इंडीज़ ने अगले दो टेस्ट जीतकर सिरीज़ 2-1 से जीत ली लेकिन मेरे लिए ये खेल का सबसे दुखभरा पल था।

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लारा ने कहा कि आने वाले सालों में वेस्टइंडीज के पतन की वजह भी यही बेईमानी बनी। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड और पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में बेईमानी से जीत हासिल करने के बाद वेस्टइंडीज को अपनी गलतियों पर काम करने, उसमें सुधार करने का मौका नहीं मिल सका। सब जीत की खुमारी में ही डूबे रहे।

उनके मुताबिक, लोग कहते हैं कि 1995 में हार के बाद से वेस्टइंडीज का बुरा समय शुरू हुआ, लेकिन उनकी टीम का बुरा समय तब शुरू हो गया था जब उनके देश के महान खिलाड़ी इस तरह का खेल दिखा रहे थे। इसके बाद लारा ने हाल ही में लीड्स टेस्ट में इंग्लैंड की मजबूत टीम को हराने वाली वेस्टइंडीज की टीम की जमकर तारीफ की।

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ब्रायन लारा ने दिसंबर 1990 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने टेस्ट करिअर की शुरुआत की थी और 2006 में पाकिस्तान के ही खिलाफ ही आखिरी टेस्ट मैच खेला था।

अपने 16 साल के करिअर में लारा ने 131 टेस्ट में 11953 रन बनाए। इसमें 34 शतक और 48 अर्धशतक शामिल हैं। 400 नाबाद उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा। उन्होंने 299 वनडे खेले जिसमें उन्होंने 10405 रन बनाए जिसमें 19 शतक और 63 अर्धशतक शामिल हैं। 169 उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर था।

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Source : News Nation Bureau

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