न्यूजीलैंड का वो नायाब सितारा जिसकी चमक अभी बाकी है, जानें उनकी खास बातें

New Zealand wicketkeeper BJ Watling double century : गूगल पर जब आप बीजे वॉटलिंग + क्रिकइंफो सर्च करेंगे तो तो आप देखेंगे कि न्यूजीलैंड के इस विकेटकीपर बल्लेबाज के बारे में कहा जाता है कि ये एक अंडर रेटेड खिलाड़ी है.

New Zealand wicketkeeper BJ Watling double century : गूगल पर जब आप बीजे वॉटलिंग + क्रिकइंफो सर्च करेंगे तो तो आप देखेंगे कि न्यूजीलैंड के इस विकेटकीपर बल्लेबाज के बारे में कहा जाता है कि ये एक अंडर रेटेड खिलाड़ी है.

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Pankaj Mishra
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बीजे वॉटलिंग BJ Watling

बीजे वॉटलिंग BJ Watling( Photo Credit : फाइल फोटो)

New Zealand wicketkeeper BJ Watling double century : गूगल पर जब आप बीजे वॉटलिंग + क्रिकइंफो सर्च करेंगे तो तो आप देखेंगे कि न्यूजीलैंड के इस विकेटकीपर बल्लेबाज के बारे में कहा जाता है कि ये एक अंडर रेटेड खिलाड़ी है. दिसंबर 2009 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू के बाद बतौर विकेटकीपर सबसे ज्यादा रन (2287), सबसे ज्यादा शिकार, (214) वॉटलिंग (BJ Watling) के ही नाम हैं, वो भी 40.66 की औसत से हैं, जो एक विकेटकीपर बल्लेबाज के लिए अच्छा कहा जाएगा. इसके बावजूद वॉटलिंग (BJ Watling) की प्रतिभा को काफी कम करके आंका जाता है, लेकिन एक बार फिर से बीजे वॉटलिंग (BJ Watling) ने अपनी बल्लेबाजी से इंग्लैंड के खिलाफ ना सिर्फ दोहरा शतक लगाकर न्यूजीलैंड को जीत दिलाई, बल्कि क्रिकेट के लंबे फॉर्मेट में फिर से अपना लोहा मनवाया.

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पिछले कुछ समय से देखा जाए तो बीजे वॉटलिंग व्हाइट बॉल क्रिकेट में न्यूजीलैंड के सबसे सफल विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर उभरे हैं. साल 2009 में ब्रैंडन मैक्कलम ने जब अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देने के लिए विकेटकीपिंग छोड़ी तो वॉटलिंग के लिए उनकी जगह भरना बहुत मुश्किल था, क्योंकि वॉटलिंग एक पार्टटाइम विकेटकीपर थे, जिसकी वजह से साल 2009 से 2012 के बीच वॉटलिंग सिर्फ 8 टेस्ट मैच ही खेल पाए, जिसमें से पहले 6 टेस्ट मैच में वो बतौर स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के रूप में टीम में शामिल थे, लेकिन फिर भी वॉटलिंग टीम में डटे रहे.

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जब धोनी की टीम को किया जीत से महरूम
साल 2013 में बीजे वॉटलिंग को न्यूजीलैंड की टेस्ट टीम में नियमित रूप से विकेटकीपिंग का जिम्मा सौंपा गया, जिसके बाद उन्होंने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी और फिर वो वक्त भी आया जब वॉटलिंग ने अपनी बल्लेबाजी से लगभग हारा हुआ मैच भारतीय टीम के जबड़े से छीन लिया. फरवरी 2014 में वेलिंग्टन में खेले जा रहे सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में न्यूज़ीलैंड की पहली पारी 192 रन पर सिमट गई थी, जिसके बाद भारतीय टीम ने 438 रन बनाकर किवी टीम पर 246 रन की बढ़त बना ली थी. दूसरी पारी में एक बार फिर न्यूजीलैंड का टॉप ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया और न्यूजीलैंड 94 रन के स्कोर पर 5 विकेट गंवा चुकी थी. क्रीज के एक ओर कप्तान ब्रैंडन मैक्कलम थे जो अभी भी विकेट पर जमे थे और दूसरी ओर नए बल्लेबाज बीजे वॉटलिंग थे जो पहली पारी में खाता तक नहीं खोल पाए थे.

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लग रहा था कि न्यूजीलैंड ये मैच गंवा देगी, लेकिन वॉटलिंग ने ऐसी बल्लेबाजी की जिससे ना सिर्फ न्यूजीलैंड टेस्ट मैच बचाने में कामयाब रहा बल्कि ब्रैंडन मैकुलम के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 352 रन जोड़कर इतिहास ही रच दिया. वॉटलिंग ने इस पारी में 124 रनो की पारी खेली थी ये पारी इसलिए भी खास थी क्योंकि ये रन टेस्ट मैच की चौथी पारी में आए थे. बावजूद इसके वॉटलिंग की इस पारी को टेस्ट क्रिकेट में उतना सम्मान नहीं मिला, जितना मिलना चाहिए. इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में दोहरा शतक लगाना इस बात का सुबूत है कि बीजे वॉटलिंग टेस्ट क्रिकेट में वो नायाब सितारे हैं, जिसकी चमक को बिखरना अभी भी बाकी है.

Source : News Nation Bureau

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