B'day Spl: अनिल कुंबले महान क्रिकेटर ही नहीं अच्छे इंसान भी, जानें रोचक बातें
महान क्रिकेटर और महान इंसान अनिल कुंबले का आज जन्मदिन है. वह आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं.
नई दिल्ली:
महान क्रिकेटर और महान इंसान अनिल कुंबले का आज जन्मदिन है. वह आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं. गेंदबाजी में रिकॉर्ड उन्हीं के नाम हैं, अगर काेई क्रिकेटर कभी भी भारतीय क्रिकेट के गेंदबाजी के रिकॉर्ड तोड़ेगा तो उसका नाम अनिल कुंबले के ऊपर आएगा. लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता है, गेंदबाजी के ढेरों रिकॉर्ड कुंबले के नाम ही रहेंगे. एक बार जरूरत पड़ने पर उन्होंने सिर पर चोट लगने के बाद भी मैदान में उतरने का फैसला किया था. यह पल आज भी भारतीय दर्शकों को याद है.
भारत की तरफ से आज भी कामय है ये रिकॉर्ड
अनिल कुंबले भारत के अकेले ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी हैं, जिन्होंने जिम लेकर के बाद एक टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में सभी 10 विकेट लिए हैं. इनका जन्म 17 अक्टूबर 1970 को कर्नाटक में कृष्णा स्वामी और सरोजा के यहाँ हुआ. उनका सरनेम ‘कुंबले’ उनके परिवार वालों ने कुंबला नाम के उनके पैतृक गांव के नाम पर रखा. हालांकि वह अपनी लम्बाई के कारण बाद में जंबो नाम से प्रसिद्ध हुए.
अनोखा रिकॉर्ड
अनिल कुंबले के 10 विकेट लेने पर भारत ने पाकिस्तान से न केवल 2 मैच की श्रृंखला जीती वरन अनिल कुंबले को ‘मैन ऑफ द मैच’ भी दिलाया. इसी उपलब्धि के कारण अनिल क्रिकेट के ‘हॉल ऑफ फेम’ में अपना नाम दर्ज करवा सके. 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाने वाले पहले खिलाड़ी जिम लेकर ने अपना रिकार्ड 31 जुलाई 1956 को बनाया था.
बल्लेबाज से अचानक बन गए बॉलर
अनिल कुंबले शुरू के क्रिकेट मैचों में बल्लेबाज के रूप में खेले थे. अत: उनकी छवि बल्लेबाज की ही बनने लगी थी. 1990 में हुए मैच में पाकिस्तान के विरुद्ध खेलते हुए उन्होंने दिल्ली में 113 रन बनाए. उसी वर्ष उन्होंने अपने टेस्ट जीवन की शुरुआत की जिसमें उन्होंने मानचेस्टर के ओल्ड ट्राफर्ड में ग्राहम गूच की इंग्लिश टीम के विरुद्ध खेलते हुए अपने प्रथम मैच में तीन विकेट लिए. फिर तो उनकी बॉलिंग में निखार आता गया और वह भारत के सबसे सफल बल्लेबाज में शुमार हो गए. कुंबले पारंपरिक स्टाइल से हट कर स्पिनर हैं जो कभी गुगली गेंद फेंकते हैं और कभी मीडियम पेस फास्ट गेंद फेंकते हैं . वह गेंद को अधिक घुमाते नहीं हैं जो उनका अपना अलग अंदाज है .
घरेलू क्रिकेट में योगदान
कर्नाटक की तरफ से कुंबले ने अपना फस्ट क्लास डेब्यू हैदराबाद के खिलाफ 1989 में किया जिसमें उन्होंने चार विकेट लिए. उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ अंडर 19 टीम में चुन लिया गया.
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में याेगदान
कुंबले ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अप्रैल 1990 में पदार्पण किया. इसी वर्ष इंग्लैड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला. अनिल कुंबले ने 132 टेस्ट मैच की 236 पारियों में 619 विकेट लेकर टीम इंडिया के सबसे सफल गेंदबाज बने हुए हैं. 271 एकदिवसीय मैच की 265 पारियों में 337 विकेट लेने का गौरव भी उनके नाम है. कुंबले ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अप्रैल 1990 में पदार्पण किया.
क्रिकेट से संन्यास
अनिल कुंबले ने मार्च, 2007 में अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. क्रिकेट से विदाई के वक़्त उन्होंने कहा- “क्रिकेट महज खेल है. जब आप खेलते हैं और जीत या हार जाते हैं, तब यह खेल से कहीं बड़ा लगता है. लेकिन जब आप घर वापस जाते हैं, अपने परिवार और बच्चों को देखते हैं, तब लगता है कि नहीं, यह सिर्फ खेल ही है, उससे ज़्यादा नहीं.”
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