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हितों के टकराव की वजह से पूर्व क्रिकेटरों को बोर्ड में लाना मुश्किल: सौरव गांगुली

गांगुली ने हितों के टकराव के मुद्दे पर दोबारा से विचार करने की बात कही और कहा कि यह मुद्दा एक कारण है कि पूर्व क्रिकेटर बोर्ड में नहीं आ पा रहे हैं.

Updated on: 07 Dec 2019, 05:30 AM

कोलकाता:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री और उनके बीच विवादों की खबरों को सिरे से नकार दिया है और कहा है कि जब बतौर अध्यक्ष बात आती है तो उनका मतलब सिर्फ टीम के प्रदर्शन से है. गांगुली ने इंडिया टुडे कॉनक्लेव में कहा, "इसलिए इन्हे अफवाहें कहा जाता है. आप अच्छा करिए तो आप रहेंगे, नहीं करेंगे तो कोई और आएगा. मैं खेलता था तब भी यही बात थी."

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पूर्व कप्तान ने कहा, "बातें, अफवाहें काफी सारी चीजें होंगी लेकिन ध्यान सिर्फ उस पर होगा जो 22 गज की पिच पर हो रहा है." गांगुली ने विराट कोहली के प्रदर्शन को एक उदाहरण के तौर पर पेश करते हुए कहा, "जिंदगी सिर्फ प्रदर्शन करने की बात है और इसका स्थान कोई नहीं ले सकता. विराट इस बात के बेहतरीन रोल मॉडल हैं, उन्होंने मैदान के अंदर और बाहर जिस तरह से अपने आप को संभाला है वो बेहतरीन है. कोहली को सफल होने के लिए जो समर्थन चाहिए वो उन्हें दिया जाएगा. विराट, रवि को जिस चीज की जरूरत है वो उन्हें मिलेगा. लेकिन अंत में, हमें अच्छा प्रदर्शन चाहिए."

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गांगुली ने साथ ही हितों के टकराव के मुद्दे पर दोबारा से विचार करने की बात कही और कहा कि यह मुद्दा एक कारण है कि पूर्व क्रिकेटर बोर्ड में नहीं आ पा रहे हैं. गांगुली ने कहा, "मैं हितों के टकराव के मुद्दों के कारण पूर्व खिलाड़ियों को बोर्ड में नहीं ला पा रहा हूं. सचिन जैसे खिलाड़ी को छोड़कर जाना पड़ा इसे प्रैक्टिकल होना होगा. हितों के टकराव का मुद्दा सिर्फ प्रशासकों पर लागू होना चाहिए और क्रिकेटरों को इससे राहत मिलनी चाहिए."