इस बार जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी और राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के बीच विवाद चल रहा है। ऐसे में आईपीएल-10 के आयोजन पर खतरा मंडरा रहा है और अगर ये लीग नहीं होती है तो उससे बीसीसीआई को 2500 करोड़ तक का नुकसान हो सकता है, जिससे वो कंगाल भी हो सकता है।
दरअसल जिन राज्यों में मैच खेले जाने हैं, वहां की एसोसिएशन बीसीसीआई मिलने वाले पैसे के इंतजार में अभी तैयारियां शुरू नहीं कर रहा है। राज्य क्रिकेट संघ के मुताबिक, जब तक बीसीसीआई उन्हें पैसा नहीं देगा तब तक वो आयोजन की शुरूआत नहीं कर सकते हैं।
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बता दें कि आईपीएल में हिस्सा लेने वाली क्रिकेट संघों को बीसीसीआई लीग की शुरुआत से पहले अच्छा खासा पैसा देती है ताकि वो मैचों के लिए जरूरी तैयारियां शुरू कर दें। लेकिन इस साल बीसीसीआई के प्रशासन पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े और बड़े फैसलों के बाद से क्रिकेट संघ दिक्कत में हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, राज्य क्रिकेट संघ को तब तक पैसा नहीं दिया जाएगा जब तक वो लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को नहीं मानते हैं।
बोर्ड कितने देता है पैसे
पिछले कुछ सालों से टूर्नामेंट से एसोसिएशंस को बोर्ड से एडवांस और बैलेंस पेमेंट मिल रहा था। लेकिन चीजें इस बार वैसी नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हर क्रिकेट एसोसिएशन को आईपीएल के एक मैच के लिए 60 लाख रुपए दिए जाते हैं। जिसमें 30 लाख बीसीसीआई से मिलते हैं और बाकी फ्रेंचाइजी से। इन पैसों को खेल, प्रैक्टिस, लाइटिंग, मैदान को तैयारी और ग्राउंड स्टाफ पर खर्च किया जाता है।
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न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट, वन-डे और टी20 सीरीज के दौरान स्टेट एसोसिएशन ने कहा था कि वो इतना खर्च नहीं उठा पाएंगे। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फंड जारी कर दिये थे। लेकिन आईपीएल के लिए ऐसी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
Source : News Nation Bureau