बांग्लादेश के साथ खेले गए तीसरे वनडे मैच में आउट होने के बाद भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) ने भड़क गईं. अंपायर के फैसले भड़कीं हरमन ने अपना बल्ला स्टंप पर दे मारा. उनका गुस्सा इतना तेज था की हर कोई उन्हें ऐसा करते देख हैरान रह गया. हालांकि, अब टीम की सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) उनके सपोर्ट में उतर आई हैं. उनका कहना है की मेन्स क्रिकेट में भी तो ऐसी चीजें होती हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा की ऐसी चीजें स्वीकार्य नहीं हैं.
क्या बोलीं Smriti Mandhana
तीसरे वनडे मैच में हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) 14(21) के स्कोर पर अपना विकेट गंवा बैठीं. मगर, आउट होने के बाद हरमन का गुस्से वाला रूप देखने को मिला था, क्योंकि वह अंपायर द्वारा LBW देने से बिलकुल खुश नहीं थीं. हरमन ने अपने बैट से स्टंप पर मारा और स्टंप उखड़ कर इधर-उधर बिखर गए. मैच खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब स्मृति मंधाना से इस बारे में पूछा गया, तो वह सवाल पर भड़क गईं.
उन्होंने कहा, "दोनों टीमों ने अच्छा क्रिकेट खेला. मैच के बीच जो कुछ भी हुआ, वो खेल का अभिन्न हिस्सा है. जब हम मेन्स क्रिकेट देखते हैं, तो वहां भी ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं. इसलिए मुझे यकीन है कि आप जानते होंगे कि वुमेन्स क्रिकेट में ये जो हुआ, ये कुछ अलग नहीं है. जब आप भारत के लिए खेलते हैं, तो आप हमेशा जीतना चाहते हैं और ये हीट ऑफ द मूमेंट था. वह दिए गए फैसले से वास्तव में खुश नहीं थी. उसे आउट दे दिया गया, लेकिन उन्हें लगा की वो आउट नहीं हैं, इसलिए वह अंपायर के फैसले से बिलकुल भी खुश नहीं थी. इसलिए उन्होंने ऐसा रिएक्शन दिया."
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अंपायरिंग पर मंधाना ने भी दिया बयान
मैच खत्म होने के बाद Harmanpreet Kaur ने अंपायरिंग की जमकर आलोचना की. वहीं Smriti Mandhana भी हरमन की बातों से सहमत नजर आईं. कॉन्फ्रेंस में जब मंधाना से अंपायरिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने करारा जवाब दिया और कहा, "आपको क्या लगता है? किसी भी मैच में कभी कभार होता है कि आप इस तरह की अंपायरिंग से खुश नहीं होते. खासतौर पर तब जब इस बार सीरीज में DRS भी नहीं है. हमें बेहतर अंपायरिंग की उम्मीद थी, कुछ फैसलों में अंपायरिंग का बेहतर स्तर चाहिए था क्योंकि कुछ फैसलों में यह साफ दिख रहा था. मुझे यकीन है कि ICC, BCCI और बांग्लादेश बोर्ड इस मुद्दे पर पर चर्चा करेंगे और शायद फिर तटस्थ अंपायरिंग प्रणाली आ जाए ताकि हम फिर इस तरह की बात ना करें, और शायद हम क्रिकेट और संबंधित सवालों पर ध्यान लगा सकें."