आस्‍ट्रेलिया के इस खिलाड़ी ने ईशांत शर्मा को बनाया घातक गेंदबाज, क्‍या रही विराट की भूमिका

ईशांत शर्मा को कईयों ने उनकी समस्याओं के बारे में बताया, लेकिन सिर्फ आस्‍ट्रेलिया के जेसन गिलेस्पी ही थे, जिन्होंने उन्हें इसका हल दिलाया. जिसे वह लंबे समय से ढूंढ रहे थे.

ईशांत शर्मा को कईयों ने उनकी समस्याओं के बारे में बताया, लेकिन सिर्फ आस्‍ट्रेलिया के जेसन गिलेस्पी ही थे, जिन्होंने उन्हें इसका हल दिलाया. जिसे वह लंबे समय से ढूंढ रहे थे.

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Pankaj Mishra
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आस्‍ट्रेलिया के इस खिलाड़ी ने ईशांत शर्मा को बनाया घातक गेंदबाज, क्‍या रही विराट की भूमिका

ईशांत शर्मा( Photo Credit : फाइल फोटो)

ईशांत शर्मा को कईयों ने उनकी समस्याओं के बारे में बताया, लेकिन सिर्फ आस्‍ट्रेलिया के जेसन गिलेस्पी ही थे, जिन्होंने उन्हें इसका हल दिलाया. जिसे वह लंबे समय से ढूंढ रहे थे. ईशांत को यह भी लगता है कि विराट कोहली की कप्तानी में उनके, मोहम्मद शमी और उमेश यादव के बीच ‘बेहतर संवाद’ के साथ साथ अपार अनुभव ने देश के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजी आक्रमण के लिए शानदार काम किया. ईशांत ने हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्राफी मुकाबले के बाद फिरोज शाह कोटला पर कहा, भारत में समस्या यह है कि हर कोई आपको समस्या के बारे में बता देगा, लेकिन कोई भी आपको हल नहीं बताएगा. अब हल जानना सबसे अहम पहलू है.

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भारत के लिए 96 टेस्ट और 292 विकेट हासिल करने वाले इस अनुभवी ने कहा, मैंने महसूस किया कि शायद एक या दो लोगों ने ही निदान मुहैया कराने पर काम किया. समस्या के बारे में हर कोई आपको बता देगा, लेकिन जो अच्छा कोच है, वो आपको हल के बारे में भी बता देगा. तो उनकी समस्या क्या थी? ससेक्स में गिलेस्पी की कोचिंग में खेलने वाले ईशांत ने कहा, कई लोगों ने मुझे कहा कि मुझे फुल लैंग्थ गेंदों में अपनी रफ्तार बढ़ाने की जरूरत है. लेकिन किसी ने भी यह नहीं बताया कि क्या किया जाए? लेकिन जब मैं काउंटी क्रिकेट खेलने गया तो जेसन गिलेस्पी ने मुझे हल बताया.

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उन्होंने कहा, गिलेस्पी ने मुझे कहा कि फुल लैंग्थ गेंदों में रफ्तार बढ़ाने के अलावा आपको गेंद बस छोड़नी नहीं है, बल्कि निशाने पर हिट करनी है कि यह घुटने तक पहुंचनी चाहिए. वह महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भी काफी टेस्ट मैच खेले हैं और उस समय छह या सात तेज गेंदबाज होते थे जिन्हें रोटेट किया जाता था, जबकि उसकी तुलना में अब तीन या चार ही हैं. उन्होंने कहा, देखिये धोनी के समय में हममें से कुछ के पास उतना अनुभव नहीं था. साथ ही तेज गेंदबाजों को काफी रोटेट किया जाता था, यही कारण है कि एक ग्रुप के रूप में निरंतरता हासिल नहीं की जा सकी. ईशांत ने कहा, अगर आप जानते हो कि आपका तीन-चार तेज गेंदबाजों का पूल है तो इससे संवाद बढ़ जाता है. पहले छह से सात गेंदबाज होते थे तो इतनी बातचीत नहीं होती थी.

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उन्होंने कहा, लेकिन विराट के आने के बाद हमें काफी अनुभव मिला है और इससे मदद मिली है. अब जब आप ज्यादा खेलते हो, ड्रेसिंग रूम में ज्यादा रहते हो, परिवार की तुलना में टीम के साथ ज्यादा समय बिताते हो तो चर्चाएं भी खुली होती हैं. आप जब क्रीज पर जाते तो आप ज्यादा लुत्फ उठाना शुरू कर देते हो. यह अलग अहसास है. 

Source : Bhasha

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