पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा (Ashish Nehra) का मानना है कि 2004 में महेंद्र सिंह धोनी के द्वारा विशाखापट्टनम में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई पारी से उन्हें लगने लगा कि एमएस धोनी के मुंह में खून लगा है और वह रनों के भूखे हैं. एमएस धोनी ने वनडे में अपना पहला शतक 15 साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ लगाया था. उस मैच में आशीष नेहरा ने भी चार विकेट चटकाए थे, जबकि धोनी ने 123 गेंदों पर 148 रनों की पारी खेली थी.
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टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा (Ashish Nehra) ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि एमएस धोनी की उस पारी ने भारत को यह विश्वास दिलाया कि धोनी भविष्य में एक अच्छे विकेटकीपर बल्लेबाज बन सकते हैं जोकि राहुल द्रविड़ की जगह ले सकते हैं. आशीष नेहरा ने कहा,उस पारी से टीम को यह विश्वास हो गया था कि हमारे पास भी एक अच्छा विकेटकीपर बल्लेबाज हो सकता है. एमएस धोनी के लिए शुरुआती कुछ मैच अच्छे नहीं रहे थे. लेकिन उनके जैसे आत्मविश्वासी इंसान को अगर मौका मिले और वो उसको भुना ले, तो उन्हें वापस खींचना मुश्किल हो जाता है.
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पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने कहा, महेंद्र सिंह धोनी का मजबूत पक्ष उनका आत्मविश्वास है. उस पारी से ऐसा लगा कि एमएस धोनी के मुंह में खून लगा था और वह रनों और भूखे हो गए थे. इसके बाद धोनी ने शायद ही कभी तीन नंबर पर बल्लेबाजी की, लेकिन उन्होंने अपना नाम बना लिया था. उस सीरीज में हमने बाकी चार मैच हार गए थे. लेकिन सीरीज में धोनी टीम इंडिया की खोज रहे.
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नेहरा ने साथ ही कहा, धोनी जब टीम में आए थे तो वह अच्छे विकेटकीपर नहीं थे. उनसे पहले जो भी खेले वो बेहतर विकेटकीपर थे. वो किरन मोरे और नयन मोंगिया जैसे नहीं थे. उनके अनुशासन, जुनून, कंपोजर और कॉन्फिडेंस ने उन्हें सबसे अलग लाकर खड़ा कर दिया. नेहरा ने कहा, धोनी ने वो किया जो दिनेश कार्तिक और पार्थिव पटेल नहीं कर सके थे. धोनी ने मौके का फायदा उठाया.
Source : IANS