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वसीम जाफर के समर्थन में उतरे अनिल कुंबले, बोली ये बड़ी बात

भारतीय टीम के पूर्व लेग स्पिनर और कप्तान अनिल कुंबले ने धार्मिक आधार पर टीम के चयन के आरोपों का सामना कर रहे उत्तराखंड क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर का समर्थन किया है.

Updated on: 12 Feb 2021, 08:39 AM

नई दिल्ली :

भारतीय टीम के पूर्व लेग स्पिनर और कप्तान अनिल कुंबले ने धार्मिक आधार पर टीम के चयन के आरोपों का सामना कर रहे उत्तराखंड क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर का समर्थन किया है. उत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) के अधिकारियों ने जाफर पर आरोप लगाया है कि जाफर ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए धार्मिक आधार पर राज्य टीम में खिलाड़ियों को शामिल कराने की कोशिश की थी. जाफर उस समय उत्तराखंड टीम के कोच थे, लेकिन अपने ऊपर आरोप लगने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कुंबले ने जाफर के ट़्वीट का जवाब देते हुए लिखा मैं आपके साथ हूं वसीम. आपने सही काम किया है. बदकिस्मती से वो खिलाड़ी अब आपकी मेंटॉरशिप को मिस करेंगे.

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इससे पहले, जाफर ने आईएएनएस से बातचीत में धार्मिक आधार पर राज्य टीम में खिलाड़ियों को शामिल कराने की कोशिश वाली बात को बेबुनियाद और निराधार बताया. उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह कि खिलाड़ी कभी भी टीम में 'जय श्रीराम' और 'जय हनुमान' का नारा नहीं लगाते हैं और ना ही उन्होंने खिलाड़ियों को कभी ऐसा करने से रोका है. भारत के लिए 31 टेस्ट मैचों में 1944 रन बनाने वाले जाफर के मार्गदर्शन में उत्तराखंड की टीम सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में ग्रुप चरण में पांच मैचों में से केवल एक ही मैच जीत पाई थीय सीएयू के अधिकारियों ने जाफर पर आरोप लगाया था कि जाफर ने ऑलराउंडर इकबाल अब्दुल्लाह को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए उत्तराखंड की टीम कप्तान बनाने की सिफारिश की थी. लेकिन जाफर का कहना है कि उन्होंने जय बिस्ता को उत्तराखंड टीम का कप्तान बनाने की सिफारिश की, लेकिन सीएयू के सचिव माहिम वर्मा और चयन समिति के चेरयरमैन रिजवान शमशाद ने अब्दुल्लाह को कप्तान बनाए जाने की सिफारिश की थी.

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बता दें कि उत्तराखंड क्रिकेट संघ के सचिव महिम वर्मा और मुख्य सिलेक्टर रिजवान शमशाद के साथ विवाद होने के बाद जाफर ने इस्तीफा दिया. इसके अलावा अपने इस्तीफे में जाफर ने सचिव महिम वर्मा पर टीम में दखल देने के साथ कई आरोप लगाए हैं. दूसरी ओर महिम ने ही जाफर पर गंभीर आरोप लगाए और खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया. उत्तराखंड क्रिकेट का कहा कहना है कि जाफर टीम के अधिकारियों से लड़ाई करते थे बल्कि मजहबी गतिविधियों से टीम को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे. महिम ने कहा कहना है कि वसीम जाफर घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे इसलिए हम लोग उनका फैसला मानते थे लेकिन घरेलू टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में टीम का प्रदर्शन बेदर खराब रहा और पांच में चार मैच टीम हार गई. इसके बाद उत्तराखंड क्रिकेट संघ ने विजय हजारे ट्रॉफी के लए टीम की घोषणा की और चंदेला को कप्तान बनाया गया और फिर जाफर नाराज हो गए और उन्होंने अगले दिन इस्तीफा दे दिया.

(IANS के साथ)