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अनिल कुंबले ने इस्तीफे पर दिया बड़ा बयान- कोहली नहीं चाहते थे पद पर बना रहूं

भारतीय टीम के कोच अनिल कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया है। काफी समय से अनिल कुंबले और टीम के कप्तान विराट कोहली के बीच अनबन की खबर थी।

Updated on: 21 Jun 2017, 12:20 AM

highlights

  • भारतीय टीम के कोच अनिल कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया है
  • काफी समय से अनिल कुंबले और टीम के कप्तान विराट कोहली के बीच अनबन की खबरें आ रही थी
  • कुंबले ने कहा, कोहली को उनके तौर तरीकों से परेशानी थी और तो ऐसे में उनके लिए आगे बढ़ने का ही विकल्प था

नई दिल्ली:

भारतीय टीम के कोच अनिल कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया है। काफी समय से अनिल कुंबले और टीम के कप्तान विराट कोहली के बीच अनबन की खबरें आ रही थी।

बतौर कोच उनके कॉन्ट्रैक्ट का आज आखरी दिन था। उन्‍होंने इस पद पर आगे नहीं बने रहने की इच्‍छा जताई है।

कुंबले ने कहा, 'बीसीसीआई ने मुझे एक दिन पहले ही यानी सोमवार को बताया कि कप्तान को मेरी शैली को लेकर कुछ दिक्कतें हैं और वह नहीं चाहते कि मैं हेड कोच के तौर पर टीम के साथ आगे भी जुड़ा रहूं। उन्होंने कहा इस मतभेद को देखते हुए मुझे लगा कि मैं कोच की जिम्मेदारी छोड़ दू।

आपको बता दें चैंपियंस ट्रॉफी में हार के बाद भारतीय टीम मंगलवार को ही वेस्टइंडीज के दौरे पर रवाना हुई है लेकिन कुंबले टीम के साथ नहीं गए जिसके बाद से ही अटकले लगाई जा रही थी कि टीम में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

लंबे समय से कोच को लेकर चल रहे किच किच के बीच कुंबले का यूं अचानक इस्तीफा देना निश्चित तौर पर पहले ही इशारा कर रहा था कि उन्होंने पद इसलिए छोड़ा क्योंकि भारत चैंपियंस ट्रॉफी में अपना खिताब बचाने में कामयाब नहीं हुआ और कोहली की उनके साथ ताल-मेल सही बैठ नहीं रही।

जंबो का रिकॉर्ड है शानदार

भारत के सबसे सफल गेंदबाज है अनिल कुंबले। एक पारी के सभी दस विकेट चटकाने वाले चमत्कारी गेंदबाज़ है अनिल कुंबले। अपनी गेंदबाजी से भारत की जीत की अनगिनत कहानी लिखने वाले गेंदबाज़ है अनिल कुंबले।

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भारत के इस सबसे विश्वसनीय क्रिकेटर ने जब 2018 में क्रिकेट को अलविदा कहा तब से ही वह किसी न किसी रूप में टीम इंडिया के साथ जुड़े रहे हैं। इस खिलाड़ी का एक्सपिरियंस ही था जिसने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को मजबूर कर दिया और अनिल कुंबले को 1 साल के लिए टीम का कोच बनाया गया।

इस एक साल के दौरान भारत को कुल 17 टेस्ट (चार वेस्टइंडीज में और 13 भारत में), घरेलू जमीन पर ही आठ एकदिवसीय और तीन टी-20 मैच खेलने थे, साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी भी।

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