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क्या अनिल कुंबले बने रहेंगे टीम इंडिया के कोच? जंबो का रिकॉर्ड तो यही कहता है

अनिल कुंबले के कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया ने 17 टेस्ट मैचों में से 12 जीते हैं, जबकि उनके कोच पद पर रहते हुए 4 टेस्ट ड्रॉ रहे और सिर्फ 1 मैच गंवाया।

Updated on: 10 Jun 2017, 12:42 PM

नई दिल्ली:

भारत के सबसे सफल गेंदबाज है अनिल कुंबले। एक पारी के सभी दस विकेट चटकाने वाले चमत्कारी गेंदबाज़ है अनिल कुंबले। अपनी गेंदबाजी से भारत की जीत की अनगिनत कहानी लिखने वाले गेंदबाज़ है अनिल कुंबले।

भारत के इस सबसे विश्वसनीय क्रिकेटर ने जब 2018 में क्रिकेट को अलविदा कहा तब से ही वह किसी न किसी रूप में टीम इंडिया के साथ जुड़े रहे हैं। इस खिलाड़ी का एक्सपिरियंस ही था जिसने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को मजबूर कर दिया और अनिल कुंबले को 1 साल के लिए टीम का कोच बनाया गया।

इस एक साल के दौरान भारत को कुल 17 टेस्ट (चार वेस्टइंडीज में और 13 भारत में), घरेलू जमीन पर ही आठ एकदिवसीय और तीन टी-20 मैच खेलने थे, साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी भी।

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अनिल कुंबले के कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया ने 17 टेस्ट मैचों में से 12 जीते हैं, जबकि उनके कोच पद पर रहते हुए 4 टेस्ट ड्रॉ रहे और सिर्फ 1 मैच गंवाया। कुंबले के कार्यकाल के दौरान ही टीम इंडिया ने आईसीसी रैंकिंग में नंबर-1 का पायदान हासिल किया।

भारत ने कुंबले की कप्तानी में 9 वनडे मैच खेले हैं और उसमें से 6 में जीत हांसिल किया है।

निश्चित तौर पर 1 साल के कम समय में अनिल कुंबले ने टीम के साथ मिलकर कई सीरिज में जीत हांसिल की है। इतना ही नहीं उन्होंने विराट कोहली के साथ भी सामंजस्य बिठाया है।

यही कारण रहे होंगे की सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्‍मण के नेतृत्‍व वाली बीसीसीआई की एडवाइजरी कमेटी ने टीम इंडिया के हेड कोच के लिए कुंबले के नाम पर ही मुहर लगाने का फैसला किया।

सचिन-सौरव-लक्ष्मण ने कोच पद के नामों पर भी कप्तान विराट कोहली से बात भी की है. क्रिकेट कमेटी की दूसरी पसंद वीरेंद्र सहवाग है, लेकिन आखिरी फैसला बीसीसीआई और सीओए का ही होगा।

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वैसे टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग, ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी, पाकिस्तान के पूर्व कोच रिचर्ड पायबस, भारतीय टीम के पूर्व मैनेजर लालचंद राजपूत और पूर्व तेज गेंदबाज डोडा गणेश भी कोच बनने के रेस में हैं।