भारत के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार पिछले कुछ सालों से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया और नए टी20 कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के भरोसे पर खरे उतरे।
भुवनेश्वर अपनी फिटनेस की वजह से भारतीय क्रिकेट टीम से अंदर और बाहर होते रहे हैं। वापसी करने के बाद भी, उन्होंने अपने मानकों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया और गेंद से भी कमाल करके दिखाने में असफल साबित हो रहे थे।
मेरठ में जन्मे इस तेज गेंदबाज ने यूएई में टी20 विश्व कप 2021 में भारत के लिए केवल एक मैच खेला। उनकी फिटनेस और फॉर्म को लेकर अनिश्चितता के कारण उनका न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से भी बाहर होना तय था। हालांकि, राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा ने अनुभवी गेंदबाज पर भरोसा दिखाया और चयनकर्ताओं को उन्हें टीम में चुनने के लिए मना लिया था।
इसके बाद, तीनों मैचों की सीरीज में भुवनेश्वर ने अच्छे स्पेल फेंककर उन पर दिखाए गए भरोसे को सही ठहराया। टी20 के लिए चुनी गई टीम में हर्षल पटेल और अवेश खान जैसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने आईपीएल 2021 में अपनी टीम के लिए बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन पहले मैच में भुवी को उनसे आगे चुनना द्रविड़ और शर्मा के भरोसे को देखा जा सकता है।
टी20 सीरीज में फॉर्म में वापसी के कुछ संकेत दिखाते हुए 31 साल के तेज गेंदबाज ने कीवी टीम के सलामी बल्लेबाज डेरिल मिशेल को एक बेहतरीन गेंद फेंककर आउट किया था, जिन्होंने हाल ही में समाप्त हुए विश्व कप में शानदार बल्लेबाजी की थी।
इस खूबसूरत डिलीवरी ने सभी को हैरान कर दिया था और लोगों को 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज की यादें ताजा कर दी, जहां भुवी ने अपना डेब्यू किया था और पाकिस्तान के बल्लेबाजों को आउट किया था।
जब एक क्रिकेटर अपने करियर के बुरे दौर से गुजरता है, तो उसे समर्थन की जरूरत होती है, खासकर अपने कप्तान और कोच से। वहीं, उनको लेकर रोहित के कहा था कि वे आने वाले दिनों में भारत के लिए अच्छा कर सकते हैं।
न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के कप्तान रोहित और कोच राहुल द्रविड़ ने यह बात कही थी कि वे खिलाड़ियों को निडर क्रिकेट खेलने की अनुमति देने में बड़ी भूमिका निभाएंगे और जब वे ऐसा न भी करें तब भी आत्मविश्वास पैदा करने की कोशिश करेंगे, जिससे परिणाम अलग हो।
रोहित ने कहा था, खिलाड़ियों को पूरा मौका देने की जरूरत है ताकि वह अपना बेहतरीन प्रदर्शन दे सके। ऐसा नहीं कि उन्हें कुछ मैचों में मौका देकर, दोबारा न खेलने दिया जाए, इसे कुछ भी नहीं हो सकेगा।
पूर्व टी20 कप्तान विराट कोहली ने भी विश्व कप से पहले भुवी की इकोनॉमी दर की सराहना करते हुए तेज गेंदबाज का समर्थन किया था। हालांकि, कोहली के समर्थन के बाद भी अनुभवी गेंदबाज को एक मैच के बाद ही भारत की प्लेइंग इलेवन से हटा दिया गया था।
भुवनेश्वर, जो लगातार दो आईपीएल सीजन 2016 और 2017 में पर्पल कैप धारक थे, उन्होंने यूएई में आईपीएल 2021 के दूसरे फेस के दौरान छह मैचों में 54 के औसत से केवल तीन विकेट लिए। उनका 7.97 का इकॉनमी रेट आईपीएल सीजन में उनका सबसे खराब प्रदर्शन था।
हालांकि, न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई टी20 सीरीज में उनका अच्छा प्रदर्शन उन्हें काफी आत्मविश्वास देगा।
क्रिकेटर का अच्छा फॉर्म और फिटनेस टीम इंडिया के लिए सकारात्मक संकेत है क्योंकि मौजूदा टी20 मैचों में केवल जसप्रीत बुमराह ही खेल के विभिन्न मौकों पर गेंदबाजी कर सकते हैं। वहीं, भुवनेश्वर को भी खेल के विभिन्न मौके के दौरान गेंदबाजी करने और महत्वपूर्ण विकेट लेने में कौशल प्राप्त है।
अगले टी20 विश्व कप के लिए केवल 11 महीने बचे हैं और कोच द्रविड़ और कप्तान रोहित भुवी को खेल के सबसे छोटे प्रारूप में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए ज्यादा से ज्यादा मौके देना पसंद करेंगे।
पिछले दिनों भुवी ने खुद कहा था कि लगातार प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलने से तेज गेंदबाजों को अपनी गेंदबाजी लय हासिल करने में मदद मिलती है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लंबे समय तक गेंदबाजी न करने से उनका फॉर्म खराब हुआ था।
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Source : IANS