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Sachin Tendulkar: 'दो तक दिन सो नहीं पाए सचिन', अजय जडेजा ने सुनाया 24 साल पुराना किस्सा

भारत के पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा (Ajay Jadeja) ने भारत और जिम्बाब्वे के सबसे यादगार मुकाबलों में एक कोका कोला चैंपियंस ट्रॉफी (Coca Cola Champions Trophy) का एक किस्सा सुनाया है.

Updated on: 21 Aug 2022, 02:43 PM

नई दिल्ली:

टीम इंडिया (Team India) इस वक्त जिम्बाब्वे दौरे (Zimbabwe Tour) पर है. तीन मैचों की वनडे सीरीज में भारत ने 2-0 से कब्जा कर लिया है. टीम इंडिया 6 साल बाद जिम्बाब्वे दौरे पर गई है. पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh) की अगुवाई में टीम इंडिया 2016 में जिम्बाब्वे दौरे पर गई थी. लेकिन 1990 के दशक में दोनों टीमों के बीच काफी मुकाबले खेले गए थे. भारत के पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा (Ajay Jadeja) ने भारत और जिम्बाब्वे के सबसे यादगार मुकाबलों में एक कोका कोला चैंपियंस ट्रॉफी (Coca Cola Champions Trophy) का सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से जुड़ा एक किस्सा सुनाया है. यह सीरीज 1998 में शारजाह में खेली थी और यह एक त्रिकोणीय सीरीज थी. इसमें श्रीलंका (Sri Lanka) की टीम भी शामिल थी.  दरअसल ग्रुप स्टेज के आखिरी मुकाबले में सचिन जिम्बाब्वे के तेज गेंदबाज हेनरी ओलोंगा (Henry Olonga ) ने आउट कर दिया था. अजय जडेजा ने बताया कि इसे बाद सचिन तेंदुलकर सो नहीं पाए थे.

हेनरी ओलंगा ने इस मैच में चार विकेट लिए थे और भारत को हार का सामना करना पड़ा था. अजय जडेजा ने बताया, 'उस गेंद ने सचिन को बदल डाला था. हम बहुत खुशनसीब हैं कि हमें उनके साथ खेलने का मौका मिला. वह अहंकारी शख्स नहीं थे लेकिन वह अपने खेल पर गर्व करते थे. और जब वह इस तरह आउट हो गए तो वह अगले दो दिन तक सो नहीं पाए. मैच वाली पूरी रात वह बेहद निराश रहे. मैंने उन्हें इस तरह निराश होते कभी नहीं देखा था. उनकी यह निराशा सिर्फ आउट होने को लेकर नहीं थी, जिस तरह से हम मैच हारे थे, उससे भी वह दुखी थे.'

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हालांकि सचिन तेंदुलकर ने सीरीज के फाइनल मुकाबले में अपना बदला लिया. उन्होंने हेनरी ओलंगा को जमकर धुनाई की थी. सचिन ने 92 गेंदों पर 124 बन ठोक दिए थे और भारत इस मुकाबले को 10 विकेट से जीत लिया था. जडेजा ने आगे कहा, ‘उस दिन मैंने उनको बिल्कुल अगल देखा. वह आउट होने के बाद पूरी शाम, अगले दिन प्रैक्टिस और इंतजार करा कि ये हेनरी ओलंगा ने जो मेरे साथ किया है, यह बड़ा गलत हो गया है और फिर जो उन्होंने जवाब दिया, फिर ओलंगा साहब ढूंढ रहे थे कि बॉल कहां-कहां से उठा-उठाकर मैं लाऊं. मेरे लिए यह सचिन तेंदुलकर की बहुत खास इनिंग थी. उस समय जिम्बाब्वे ऐसी टीम नहीं हुआ करती थी, जो अब हम देख रहे हैं। पहले अच्छी टीम थी.’