मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले की आज 10वीं बरसी है जिसे हम 26/11 के नाम से याद रखते हैं. आजादी के बाद से भारत में हुआ यह सबसे बड़ा आतंकी हमला था जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई में घुसकर खुले आम गोली बारी और हमला किया. इस हमले में करीब 166 लोग की मौत हो गई थी और करीब 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. मरने वाले लोगों में करीब 28 लोग दुनिया के अन्य देशों से ताल्लुक रखते थे. इस आतंकी हमले से न सिर्फ देश बल्कि सारी दुनिया सकते में आ गई थी.
इस हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में जो कड़वाहट आई उसमें आज तक कोई सुधार नहीं आ पाया है. हमले के तुरंत बाद भारत ने पाकिस्तान से व्यापारिक, राजनीतिक और खेल संबंधों को खत्म कर लिया था.
भारत ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर आईपीएल में खेलने से प्रतिबंध लगा दिया, इतना ही नहीं उसने आगे भी पाकिस्तान के साथ किसी भी द्विपक्षीय सीरीज में खेलने से इंकार कर दिया. इसके साथा ही पाकिस्तान क्रिकेट के अलग-थलग पड़ने की शुरूआत हो गई थी.
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हालांकि पाकिस्तान हमेशा से इस बात को मानने से इंकार करता रहा है और उस दौरान भी यही किया लेकिन पाकिस्तान की पोल अगले साल ही खुल गई जब श्रीलंकाई टीम पाकिस्तान दौरे पर लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम पहुंच रही थी. उसी दौरान 12 हथियारबंद आतंकवादियों (जो बिल्कुल मुंबई हमले के हमलावरों के पैटर्न से मेल खाते थे) ने पूरी श्रीलंकाई टीम पर हमला कर दिया.
इस हमले में 6 खिलाड़ी गंभीर रूप से घायल हो गए थे, वहीं 6 पाकिस्तानी पुलिसकर्मियों और 2 आम नागरिकों की मौत हो गई थी. पाकिस्तान में खिलाड़ियों पर हुए इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को बड़ा झटका लगा, जहां पहले सिर्फ BCCI ने पाकिस्तान के साथ खेलने से इंकार किया था, वहीं इस घटना के बाद से ICC ने पाकिस्तान को असुरक्षित क्षेत्र करार दे दिया जिसके बाद से वहां किसी भी प्रकार के द्विपक्षीय दौरे के आयोजन का हो पाना मुश्किल हो गया.
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ICC ने 2011 में आयोजित होने वाले एकदिवसीय विश्व कप को लेकर पाकिस्तान से सारे आयोजन के अधिकारों को छीन लिया और वहां होने वाले सभी मैचों को भारत में स्थानांतरित कर दिया.
तत्कालीन ICC अध्यक्ष डेविड मोर्गन ने अपने बयान में कहा था कि टूर्नामेंट के सुरक्षित आयोजन और खिलाड़ियों को निडर माहौल देने के लिए हमने पाकिस्तान से उसके आयोजन अधिकारों को छीन लिया है और सभी मैचों को स्थानांतरित कर दिया है.
वहीं दुनिया के और देशों ने भी पाकिस्तान के होम मैचों के लिए पाकिस्तान जाने से इंकार कर दिया जिसकी वजह से उसे यूएई को अपना होम ग्राउंड बनाना पड़ा और वहां पर अपने देश में होने वाले सारे मैचों को खेलना पड़ा. इसका दुष्प्रभाव पीसीबी को मिलने वाले पैसे पर भी पड़ा.
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वहीं मुंबई हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान के साथ सिर्फ एक द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में खेली थी जिसका आयोजन भारत में ही हुआ था. गौरतलब है कि आतंक को समर्थन देने के चलते पाकिस्तानी क्रिकेटर्स की माली हालत इतनी खराब है कि वहां गेंदबाजों को प्रैक्टिस करने के लिए बोर्ड नई गेंदें नहीं उपलब्ध करा पा रहा है.
Source : Vineet Kumar