CWG 2018: 9 पदक जीतकर देश के सम्मान को लिफ्ट करने वाले ये हैं भारतीय वेटलिफ्टर्स

भारतीय वेटलिफ्टिंग टीम 5 गोल्ड, दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज पदक समेत कुल 9 मेडल जीते। अगर बात सिर्फ वेटलिफ्टिंग की हो तो भारत इस खेल के पदक तालिका में सबसे उपर रहा।

भारतीय वेटलिफ्टिंग टीम 5 गोल्ड, दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज पदक समेत कुल 9 मेडल जीते। अगर बात सिर्फ वेटलिफ्टिंग की हो तो भारत इस खेल के पदक तालिका में सबसे उपर रहा।

author-image
sankalp thakur
एडिट
New Update
CWG 2018: 9 पदक जीतकर देश के सम्मान को लिफ्ट करने वाले ये हैं भारतीय वेटलिफ्टर्स

कॉमनवेल्थ में भारत ने जीता 9 मेडल

ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में भारत के वेटलिफ्टर्स ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए 9 पदकों पर कब्जा किया। आज भारत के ये 'खेलवीर' स्वदेश लौटेंगे। भारतीय वेटलिफ्टिंग टीम 5 गोल्ड, दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज पदक समेत कुल 9 मेडल जीते। अगर बात सिर्फ वेटलिफ्टिंग की हो तो भारत इस खेल के पदक तालिका में सबसे उपर रहा।

Advertisment

भारत की तरफ से वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ( 48 किलो ), संजीता चानू ( 53 किलो), सतीश शिवालिंगम ( 77 किलो ), आर वेंकट राहुल ( 85 किलो ) और पूनम यादव ( 69 किलो ) ने गोल्ड मेडल जीता जबकि पी गुरुराजा ( 56 किलो ) और प्रदीप सिंह ( 105 किलो ) के अपने वर्ग में सिल्वर मेडल जीता तो वहीं विकास ठाकुर ( 94 किलो ) और दीपक लाठेर ( 69 किलो ) ने ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया।

ये रहे भारत के गोल्डन प्लेयर्स

साएखोम मीराबाई चानू
सभी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए भारत की स्टार भारोत्तोलक साएखोम मीराबाई चानू ने गुरुवार को 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया।

मणिपुर की चानू ने इस स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन किया और अपने प्रतिद्वंद्वियों को आस-पास भी नहीं भटकने दिया। चानू ने एक साथ राष्ट्रमंडल खेलों का रिकार्ड और गेम रिकार्ड अपने नाम किए।

चानू ने स्नैच में 86 का स्कोर किया और क्लीन एंड जर्क में 110 स्कोर करते हुए कुल 196 स्कोर के साथ स्वर्ण अपने नाम किया। स्नैच और क्लीन एंड जर्क दोनों में चानू का यह व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उन्होंने साथ ही दोनों में राष्ट्रमंडल खेल का रिकार्ड भी अपने नाम किया है।

पिछले कुछ वर्षो में चानू के प्रदर्शन में काफी सुधार आया है। वह भारतीय भारोत्तोलन की परंपरा की बागडोर अपने हाथ में ले चुकी हैं और आदर्श खिलाड़ी के रूप में अपना वर्चस्व स्थापित कर रही हैं।

चानू से इस साल एशियाई खेलों और 2020 टोक्यो ओलम्पिक खेलों में भी पदक की उम्मीद है। उनका कहना है कि वह भारत की महिला भारोत्तोलक विश्व चैम्पियन कुंजारानी देवी, 2000 ओलम्पिक खेलों की कांस्य पदक विजेता कर्णम मलेश्वरी,लैशराम मोनिका देवी और संजीता चानू को पछाड़कर देश की नई पहचान बनने के लिए तैयार हैं।

इस उपलब्धि तक पहुंचने वाली चानू के लिए जीवन आसान नहीं रहा। 23 वर्षीया चानू इम्फाल ईस्ट जिले की हैं। अन्य भारतीय खिलाड़ियों की तरह ही उन्हें भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।

चानू की प्रेरणा भारतीय महिला भारोत्तोलक कुंजारानी रही हैं, जो मणिपुर की हैं। 2007 में चानू ने इस खेल में कदम रखा था और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

दक्षिण एशियाई जूनियर खेलों में चानू ने स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही अपनी क्षमता का सबूत दिया। इसके बाद, उन्होंने 2011 में अंतर्राष्ट्रीय युवा चैम्पियनशिप में भी सोना जीता।

वरिष्ठ स्तर पर उनका पहला पदक 2014 में ग्लास्गो में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों में आया। उन्होंने रजत पदक हासिल किया और संजीता चानू ने स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद, 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों में और 2017 राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीते।

संजीता चानू

संजीता चानू ने भारत को गोल्ड कोस्ट में जारी कॉमनवेल्थ गेम में दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया। उन्होंने महिलाओं के 53 किग्रा वर्ग में 192 किग्रा का वजन उठाकर गोल्ड अपने नाम किया।

ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भी संजीता ने गोल्ड मेडल ही जीता था और इस बार भी गोल्ड ही अपने नाम किया।

संजीता भारतीय रेलवे की कर्मचारी है। संजीता मैदान के बाहर स्वभाव से शर्मीली हैं लेकिन मैदान पर उतनी ही आक्रमक। 20 साल की संजीता ने 2014 कॉमनवेल्थ में 48 किग्रा वर्ग में 173 किग्रा वजन उठाकर ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था।

मीराबाई चानू की ही तरह संजीता भी कुंजारानी देवी से बहुत प्रभावित थीं जिन्होंने वेटलिफ़्टिंग में भारत के लिए ख़ूब नाम कमाया।

2017 में उनका नाम अर्जुन अवॉर्ड की लिस्ट में शामिल नहीं था, जिसके बाद वो कोर्ट भी पहुंच गई थीं। हालांकि उन्हें उसके बावजूद अर्जुन अवॉर्ड नहीं मिला था। ऐक बार फिर उन्होंने अपने प्रदर्शन से उन्होंने देश का नाम रोशन किया है।

सतीश शिवालिंगम
भारत को वेटलिफ्टिंग में तीसरा गोल्ड दिलाने वाले सतीश शिवालिंगम थे। सतीश ने कुल 317 किग्रा (144 किग्रा+173 किग्रा) भार उठाया और वह अपने प्रतिद्वंद्वियों से इतने आगे हो गए कि क्लीन ऐंड जर्क में अपने आखिरी प्रयास के लिए नहीं गए। हालांकि, उनके लिए यहां तक पहुंचने का रास्ता मुश्किल था और एक समय में उन्होंने दर्द के कारण पदक की उम्मीद भी छोड़ दी थी।

सतीश ने 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में स्नैच में 149 और क्लीन ऐंड जर्क में 179 किग्रा सहित कुल 328 किग्रा भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता।

आर वेंकट राहुल

आर वेंकट राहुल (85 किग्रा) ने वेटलिफ्टिंग में भारत को चौथा स्वर्ण पदक दिलाया। इक्कीस वर्षीय राहुल ने कुल 338 किग्रा (स्नैच में 151 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 187 किग्रा) का वजन उठाया। आर वेंकेट राहुल आंध्रप्रदेश के गुंटूर से आते हैं।

पूनम यादव

भारत की पूनम यादव ने महिला वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए पांचवां गोल्ड मेडल जीता। पूनम ने 69 किलो भारवर्ग के स्नैच में 100 और क्लीन एंड जर्क में 122 किलो ग्राम वजन के साथ कुल 222 किलो ग्राम वजन उठाया। 

और पढ़ें: CWG 2018: हीना सिद्धु ने भारत को दिलाया 11वां स्वर्ण पदक

Source : News Nation Bureau

commonwealth games 2018 india weightlifters
      
Advertisment