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6 बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम को सिल्वर मेडल से करना पड़ा संतोष

छह बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम (51 किग्रा) ने दुबई में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन कजाकिस्तान की नाजिम किजैबे के खिलाफ 2-3 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

Updated on: 30 May 2021, 08:52 PM

highlights

  • मैरी कॉम अपने रिकार्ड छठे स्वर्ण से चूक गईं
  • मैरी कॉम और लैशराम सरिता देवी ने पांच-पांच स्वर्ण पदक जीते हैं
  • अमित पंघल इस टूर्नामेंट में पांच पदक अपने नाम कर चुके हैं

दुबई:

छह बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम (Six time world champion boxer Mary Kom ) (51 किग्रा) ने दुबई में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप ( Asian Boxing Championships in Dubai ) के फाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन कजाकिस्तान की नाजिम किजैबे (Nazym Kyzaibay of Kazakhstan) के खिलाफ 2-3 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा. बता दें कि मैरी कॉम ने महिलाओं के 51 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में लुत्सैखान अल्तांतसेटसेग को 4-1 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी. इस तरह उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा.

मैरी कॉम अपने रिकार्ड छठे स्वर्ण से चूक गईं

वहीं, पहली बार एशियाई चैम्पियनशिप में खेल रहीं लालबुतसाही का 64 किग्रा के फाइनल में सामना कजाकिस्तान की मिलाना साफरोनोवा से हुआ. पुलिस में काम करने वाली और 2019 विश्व पुलिस खेलों में स्वर्ण पदक जीतन वाली लालबुतसाही अनुभवी साफरोनोवा से बिल्कुल नहीं डरीं और जमकर मुक्के बरसाए लेकिन 2-3 से यह मुकाबला हार गईं. भारत को दिन का दूसरा रजत मिला क्योंकि इससे पहले, मैरी कॉम अपने रिकार्ड छठे स्वर्ण से चूक गईं. मैरी कॉम को 51 किग्रा वर्ग के फाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन नाजि़म काजैबे ने 3-2 से हराया. इस हार के साथ ही एशियाई चैम्पियनशिप में मैरी कॉम का रिकार्ड छह स्वर्ण पदक जीतने का सपना फिलहाल पूरा नहीं हो सका है. मैरी कॉम ने एशियाई चैम्पियनशिप में सातवीं बार हिस्सा लेते हुए दूसरी बार रजत पदक जीता है.

मैरी कॉम और लैशराम सरिता देवी ने पांच-पांच स्वर्ण पदक जीते हैं

मैरी कॉम और लैशराम सरिता देवी ने एशियाई चैम्पियनशिप में पांच-पांच स्वर्ण पदक जीते हैं. इस महान मुक्केबाज ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 संस्करणों में स्वर्ण जीता था जबकि 2008 और इस साल उनके हिस्से में रजत पदक आया था. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में मैरी कॉम और लालबुतसाही (64 किग्रा) के बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं पूजा रानी (75 किग्रा) और अनुपमा (प्लस 81 किग्रा) आज ही अपने-अपने फाइनल मुकाबले खेलेंगी.

अमित पंघल इस टूर्नामेंट में पांच पदक अपने नाम कर चुके हैं

पुरुष वर्ग में मौजूदा चैम्पियन अमित पंघल, अब तक इस टूर्नामेंट में पांच पदक अपने नाम कर चुके हैं. शिवा थापा (64 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) सोमवार को अंतिम बार एक्शन में दिखेंगे. भारत ने इस चैंपियनशिप में अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए 15 पदक अपने नाम कर लिए हैं. यह इस चैम्पियनशिप में उसका अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन है. बैंकॉक में 2019 में भारत ने 13 पदक (2 स्वर्ण, 4 रजत और 7 कांस्य) जीते थे और तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था.

आठ भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. इन सबने देश के लिए कांस्य पदक हासिल किया है.

इस बीच, ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं एक अन्य भारतीय पूजा रानी, जिन्हें सेमीफाइनल में वॉक-ओवर मिला था, का सामना उज्बेकिस्तान की मावलुदा मोवलोनोवा से होगा. मावलुदा ने अंतिम -4 में लंदन ओलंपिक में पदक जीतने वाली मरीना वोल्नोवा की चुनौती को समाप्त किया था. दूसरी ओर, लालबुत्साई और अनुपमा को भी अपने-अपने भार वर्ग के फाइनल में मजबूत कजाख मुक्केबाजों का सामना करना होगा.