पहलवान बजरंग पुनिया ने 18वें एशियाई खेलों में रविवार को भारत की झोली में पहला स्वर्ण पदक डाल दिया। बजरंग ने पुरुषों की 65 किलोग्राम भारवर्ग फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में जापान के दाइची ताकातानी को 11-8 से मात दे इस महाद्वीपीय खेल आयोजन में अपना पहला स्वर्ण हासिल किया। बजरंग ने इंचियोन में 2014 में खेले गए 17वें एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था। इस बार उनसे उम्मीद थी कि वह अपने पदक का रंग बेहतर करेंगे और उन्होंने उम्मीदों को पूरा करते हुए भारतीय प्रशंसकों को खुशी का पल दिया।
इसी साल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले बजरंग ने फाइनल मुकाबले की शानदार शुरुआत की और आते ही टेकडाउन से छह अंक लिए। ताकातानी ने 0-6 से पिछड़ने के बाद हालांकि हार नहीं मानी और बजरंग को बाहर ले जाते हुए दो अंक लिए। पहले राउंड में बजरंग 6-2 की बढ़त के साथ गए।
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दूसरे राउंड में ताकातानी ने वापसी के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया और स्कोर 6-6 से बराबर कर लिया। यहां से दोनों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी गई। बजरंग ने जापानी खिलाड़ी को पलटते हुए दो अंक लेकर स्कोर 8-6 और फिर 10-6 कर लिया, लेकिन इसी बीच ताकातानी ने दो अंक लेकर एक बार फिर वापसी की कोशिश की लेकिन बजरंग ने एक और अंक लिया और दूसरे राउंड की समाप्ति तक अपनी तीन अंकों की बढ़त को बनाए रखते हुए सोने का तमगा हासिल किया।
बजरंग ने अपने पहले मुकाबले में उज्बेकिस्तान के पहलवान सिरोजिद्दीन खासानोव को 13-3 से मात दे क्वार्टर फाइनल का सफर तय किया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने ताजिकिस्तान के फेजेव अब्दुलकासिम को 12-2 से एकतरफा शिकस्त दे अंतिम-4 में प्रवेश किया जहां मंगोलिया के बाटमगनाई बैटचुलुन को 10-0 से मात दे फाइनल में जगह बनाकर अपना पदक पक्का किया।
Source : IANS