योगांध्र 2025 : विशाखापट्टनम में पीएम मोदी का स्वागत, आंध्र प्रदेश बना वैश्विक योग आंदोलन का केंद्र
पीएम मोदी ने ओडिशा को दी 18,653 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात
मौत से चंद घंटे पहले तक शूटिंग करती रही ये एक्ट्रेस, कहलाती थी बॉलीवुड इंडस्ट्री की मां
Kota Suicide Case: कोट में युवक ने लगाया मौत को गले, आठ पन्नों के सुसाइड नोट में किया 4 लोगों का जिक्र
International Yoga Day 2025: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आज, विशाखापत्तनम में PM मोदी, जम्मू कश्मीर पहुंचे रक्षा मंत्री
MP: श्योपुर में समय से पहले मानसून की दस्तक, भारी बारिश से खिरखिरी नदी में उफान, टूटा कई गांवों से संपर्क
भारत-इंग्लैंड टेस्ट : शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल के शतक, भारत का स्कोर 359/3
ईडी ने ईएसओपी अनियमितताओं को लेकर केयर हेल्थ इंश्योरेंस की जांच की, वरिष्ठ अधिवक्ता को भेजा गया समन वापस लिया
जिद, जुनून और जीत की मिसाल : 21 जून को जन्मी विनीता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया था तिरंगा

CIC के फैसले से नाराज हुआ BCCI, RTI के दायरे में लाने के फैसले को देगा चुनौती

बीसीसीआई आरटीआई कानून के दायरे में आने का विरोध करता है और खुद को स्वायत्त संस्था बताता है। बोर्ड का मानना है कि इस झटके के लिए सीओए जिम्मेदार है।

बीसीसीआई आरटीआई कानून के दायरे में आने का विरोध करता है और खुद को स्वायत्त संस्था बताता है। बोर्ड का मानना है कि इस झटके के लिए सीओए जिम्मेदार है।

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
CIC के फैसले से नाराज हुआ BCCI, RTI के दायरे में लाने के फैसले को देगा चुनौती

बीसीसीआई

बीसीसीआई के केंद्रीय सूचना आयुक्त के आदेश को चुनौती देने की संभावना है जिसमें क्रिकेट बोर्ड को सूचना का अधिकार कानून दायरे में लाने को कहा गया है. बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने साथ ही इस मामले से निपटने में प्रशासकों की समिति (सीओए) पर ‘जानबूझकर लापरवाही’ बरतने का आरोप लगाया. सीआईसी के इस फैसले का मतलब है कि बीसीसीआई को राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) माना जाएगा.

Advertisment

बीसीसीआई आरटीआई कानून के दायरे में आने का विरोध करता है और खुद को स्वायत्त संस्था बताता है. बोर्ड का मानना है कि इस झटके के लिए सीओए जिम्मेदार है.

सीआईसी के आदेश के विधिक असर के बारे में बात करते हुए बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा, ‘मेरा मानना है कि बीसीसीआई के कानूनी प्रतिनिधित्व के अधिकार पर सीओए की ओर से जानबूझकर लापरवाही भरा रवैया अपनाया गया.’ 

और पढ़ें: CIC ने BCCI को दिया कड़ा निर्देश, कहा- RTI के दायरे में आना ही होगा 

उन्होंने कहा, ‘सीआईसी की 10 जुलाई की सुनवाई में पूछा गया था बीसीसीआई को आरटीआई कानून के दायरे में क्यों नहीं आना चाहिए. बीसीसीआई ने इस मामले में जवाब तक दायर नहीं किया और कारण बताओ नोटिस पर भी जवाब नहीं दिया. अब एकमात्र तरीका इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देना और फिर आगे बढ़ना है.’

एक अन्य बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि विनोद राय और डायना इडुल्जी की मौजूदगी वाले सीओए ने संभवत: चुनाव की घोषणा करने से पहले बोर्ड को आरटीआई के दायरे में लाने की कोशिश की.

अधिकारी ने कहा, ‘हमने सुना है कि बीसीसीआई आंशिक तौर पर आरटीआई के दायरे में आना चाहता है और टीम चयन जैस मुद्दों का खुलासा नहीं करना चाहता. क्या यह मजाक है. अगर बीसीसीआई चुनौती देता है तो कोई बीच का कोई रास्ता नहीं होगा.’

और पढ़ें: भारत बनाम वेस्टइंडीज मैच से पहले BCCI की 'मानक प्रक्रिया' से नाराज हुआ सौराष्ट्र क्रिकेट असोसिएशन

अधिकारी ने कहा कि आरटीआई के दायरे में आने पर टीम चयन की प्रक्रिया या आईपीएल फ्रैंचाइजियों की इसमें भूमिका थी या नहीं जैसे सवाल पूछे जा सकते हैं. शेयरधारकों के पैटर्न और निवेश के बारे में पूछा जा सकता है. अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा अधिकारी के निजी आचरण और कार्यस्थल पर महिला उत्पीड़न जैसे सवाल पूछे जा सकते हैं.

Source : News Nation Bureau

Central Information Commission bcci cic ruling cic bcci bcci rti act bcci
      
Advertisment