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तीरथ सिंह रावत का प्रोफाइल, पत्रकारिता की पढ़ाई और 5 साल संघ प्रचारक...

भाजपा में तीरथ सिंह रावत खांटी संघ (RSS) पृष्ठिभूमि के नेता हैं. संघ और भाजपा संगठन में लंबे समय से अहम भूमिका निभाने के बावजूद वह सुर्खियों से दूर लो-प्रोफाइल रहने में यकीन रखने वाले नेता हैं.

Updated on: 10 Mar 2021, 02:11 PM

highlights

  • 1997 में वह संयुक्त उत्तर प्रदेश से एमएलसी चुने गए
  • उत्तर प्रदेश से अलग हो बने उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री रहे
  • तीरथ सिंह रावत गुटबाजी नहीं काम में यकीन रखते हैं

नई दिल्ली:

त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) की विदाई के बाद उत्तराखंड (Uttarakhand) के नए मुख्यमंत्री के लिए पौड़ी-गढ़वाल से लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) के नाम पर भाजपा ने मुहर लगाई है. भाजपा में तीरथ सिंह रावत खांटी संघ (RSS) पृष्ठिभूमि के नेता हैं. संघ और भाजपा संगठन में लंबे समय से अहम भूमिका निभाने के बावजूद वह सुर्खियों से दूर लो-प्रोफाइल रहने में यकीन रखने वाले नेता हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में 5 साल तक पूर्णकालिक प्रचारक रहे. पत्रकारिता की भी पढ़ाई कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से अलग होने के बाद बने उत्तराखंड के वह पहले शिक्षा मंत्री रहे हैं.

समाजशास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएट
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की प्रोफाइल पर नजर डालें तो वह बिरला कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल से समाजशास्त्र विषय से पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई कर चुके हैं. पत्रकारिता में भी उनके पास डिप्लोमा की डिग्री है. उनकी पत्नी पेशे से प्रवक्ता हैं. नौ अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल के सीरों गांव में जन्मे 56 वर्षीय तीरथ सिंह रावत छात्र जीवन में संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे. हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उत्तराखंड के प्रदेश संगठन मंत्री और बाद में एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री भी रहे. वर्ष 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक प्रचारक की जिम्मेदारी उन्होंने उठाई. संघ से जुड़ी जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन करने के बाद उन्हें भाजपा की मुख्यधारा की राजनीति में आने का मौका मिला. उत्तराखंड जब अलग नहीं हुआ था, तब 1997 में वह संयुक्त उत्तर प्रदेश से विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) चुने गए. उत्तराखंड राज्य का गठन होने के बाद वह वर्ष 2000 की भाजपा की सरकार में राज्य के पहले शिक्षा मंत्री बने.

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बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव भी रहे
तीरथ सिंह रावत 2007 में भाजपा के उत्तराखंड प्रदेश महामंत्री बने. उन्होंने उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई. वर्ष 2012 में उत्तराखंड की चौबट्टाखाल विधानसभा सीट से विधायक बने. वहीं संगठन क्षमता में माहिर होने के कारण भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने वर्ष 2013 में उन्हें उत्तराखंड भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था. वह 31 दिसंबर 2015 उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे. गृहमंत्री अमित शाह ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल में वर्ष 2017 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया था. पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें गढ़वाल सीट से उतारा था और उन्होंने 2.85 लाख से अधिक वोटों से उन्होंने जीत हासिल की.

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शोर नहीं काम करने में यकीन
उत्तराखंड भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'तीरथ सिंह रावत गुटबाजी में यकीन नहीं करते हैं. काम करने में यकीन रखते हैं, शोर मचाने में नहीं. संघ और भाजपा दोनों संगठन में उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का कुशलता से निर्वहन किया. यही वजह है कि आज पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री की कमान सौंप दी.'