Neville Roy Singham: भारत में चीनी प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप, जानें- कौन है नेवलराय सिंघम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि आप 'News Click' की फंडिंग का जाल देखेंगे तो नेवलराय सिंघम ने इसकी फंडिंग की. नेवलराय का संबंध चीन के साथ है.
highlights
- नेवलराय सिंघम पर मचा सियासी संग्राम.
- चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का समर्थक है नेवलराय सिंघम.
- बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना.
नई दिल्ली:
Chinese Propaganda In India: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Thakur) ने सोमवार को लोकसभा में मीडिया में चाइनीज फंडिंग का मुद्दा उठाया. निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि देश में चीन (China) के पैसे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ माहौल बनाया गया. उन्होंने कहा कि 'News Click' में चीन से पैसा आया. इस संबंध में न्यूयॉर्क टाइम्स (New York Times) की रिपोर्ट से सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि चीन 'News Click' को फंडिंग करता है.
'मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान'
इस पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कांग्रेस (Congress) और सहयोगी विपक्षी दलों पर निशाना साधा है. अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा कि 'News Click', कांग्रेस और चीन के बीच सांठगांठ है. ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान खुलकर बेचे जा रहे हैं.
चीन से है नेवलराय सिंघम का संबंध
अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'एंटी इंडिया कैंपेन' ये लोग चलाते थे, इनके यहां चीन के प्रति सम्मान है. जब मैं 'News Click' की बात करता हूं, इसकी फंडिंग की बात करता हूं...भारत में इसके खिलाफ छापे पड़े. कहां-कहां से पैसा लिया गया, कहां से पैसे आए, इन सबकी जानकारी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि आप इनकी फंडिंग का जाल देखेंगे तो नेवलराय सिंघम ने इसकी फंडिंग की. फंडिंग उसे चीन की ओर से आई. इसमें नेवलराय का संबंध चीन के साथ है.
इस पूरे मामलें में नेवलराय सिंघम का नाम लगातार सुर्खियों में आया. तो चलिए आपको बताते हैं कि ये नेवलराय सिंघम कौन है और कैसे उसने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया.
कौन है नेवलराय सिंघम
नेवलराय सिंघम एक अमेरिकी व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता है. वो आईटी कंपनी थॉटवर्क्स का संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष है. ये कंपनी कस्टम सॉफ्टवेयर, सॉफ्टवेयर टूल और परामर्श सेवाएं प्रदान करती है. सिंघम पर वैसे विभिन्न समूहों को फंड उपलब्ध करने के आरोप हैं जो चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देते हैं. इस प्रोपेगेंडा के तहत उइगर मुसलमानों के नरसंहार को खारिज और रूसी साम्राज्यवाद की पैरवी की जाती है.
बनाया बड़ा मुकाम
नेवलराय सिंघम का जन्म 1954 में संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था. उसने हावर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में डिग्री ली है. इसके बाद 1993 में थॉटवर्क्स की स्थापना से पहले कई वर्षों तक एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया. थॉटवर्क्स जल्द ही दुनिया की अग्रणी आईटी परामर्श कंपनियों में से एक बन गई. सिंघम को 2009 में फॉरेन पॉलिसी पत्रिका ने "शीर्ष 50 वैश्विक विचारकों" में से एक नामित किया था.
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का समर्थक है सिंघम
हाल के वर्षों में नेवलराय सिंघम तेजी से राजनीतिक सक्रियता में शामिल हुआ है. वो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का मुखर समर्थक है और चीन की सरकारी मीडिया के प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देने वाले समूहों को लाखों डॉलर का दान देता है. सिंघम ने उइगर मुस्लिमों के नरसंहार से भी इनकार किया है और रूसी साम्राज्यवाद की पैरवी की है.
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