logo-image

दाराशिकोह (Dara Shikoh) की कब्र मिलने का क्या है सच, हुमायूं मकबरे का फिर दौरा करेगी मंत्रालय की कमेटी

दाराशिकोह (Dara Shikoh) भारतीय उपनिषद और भारतीय दर्शन का विद्वान होने के साथ उदारवादी भी था. उदारवादी नजरिए के कारण ही मुगलशासकों में सिर्फ दाराशिकोह के चरित्र को भाजपा का मातृसंगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पसंद करता है.

Updated on: 25 Dec 2020, 01:09 PM

नई दिल्ली :

दिल्ली के हुमायूं मकबरे (Humayun Tomb) में दाराशिकोह (Dara Shikoh) की कब्र मिलने के सच का पता जानने के लिए संस्कृति मंत्रालय (Culture Ministry) की ओर से गठित कमेटी की बैठक में एक बार फिर साइट देखने का निर्णय लिया गया. अब 11 जनवरी 2021 को संस्कृति मंत्रालय की कमेटी हुमायूं मकबरे का दौरा कर दिल्ली नगर निगम के इंजीनियर संजीव कुमार सिंह के दावे का अंतिम तौर पर सच जानेगी, जिसमें उन्होंने मकबरे में दाराशिकोह की कब्र खोजने का दावा किया है. 

यह भी पढ़ें: बंगाल चुनाव में अपने-अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ेंगे कांग्रेस-लेफ्ट

खास बात है कि जिस हुमायूं मकबरे में दाराशिकोह की कब्र खोजने का दावा किया गया है, उससे साढ़े पांच किलोमीटर की दूरी पर ही दाराशिकोह रोड भी है. मुगल शासक शाहजहां के चार बेटों में से एक दाराशिकोह की 1659 में उसके ही भाई औरंगजेब ने राजगद्दी के लिए हत्या कर दी थी. दाराशिकोह भारतीय उपनिषद और भारतीय दर्शन का विद्वान होने के साथ उदारवादी भी था. उदारवादी नजरिए के कारण ही मुगलशासकों में सिर्फ दाराशिकोह के चरित्र को भाजपा का मातृसंगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पसंद करता है. ऐसे में वर्तमान सरकार में दाराशिकोह की कब्र की चल रही इस खोज के काफी मायने हैं.

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी का मिशन यूथ, 65 फीसद युवा आबादी है लक्ष्य

जनवरी में कमेटी के सदस्य साइट विजिट करेंगे, बैठक में हुआ तय 
हुमायूं मकबरे में दाराशिकोह की कब्र का पता लगाने के लिए हुई बैठक के बाद कमेटी के सदस्य बीआर मणि ने बताया कि आज की बैठक में तय हुआ है कि जनवरी में कमेटी के सदस्य साइट विजिट करेंगे. दिल्ली नगर निगम के इंजीनियर संजीव कुमार सिंह को भी बुलाया जाएगा. उसके बाद ही दाराशिकोह की कब्र पर कोई निर्णय होगा. कमेटी के दौरे के बाद रिपोर्ट मिनिस्ट्री को जाएगी. कुछ मेंबर इससे पूर्व भी साइट का विजिट कर चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली नगर निगम के इंजीनियर संजीव कुमार सिंह ने हुमायूं मकबरे में जिस कब्र को दाराशिकोह की बताई है, उस दावे से कमेटी के अधिकांश सदस्य सहमत हैं. संजीव कुमार सिंह के दावे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के अनुमानों से भी मैच करते हैं.

यह भी पढ़ें: राहुल गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष पद पर वापसी का मंच तैयार...

दाराशिकोह की कब्र ढूंढने के लिए इस साल जनवरी में बनाई थी कमेटी
दरअसल, संस्कृति मंत्रालय ने हुमायूं के मकबरे में दफन दाराशिकोह की कब्र ढूंढने के लिए इस साल जनवरी में कमेटी बनाई थी. इस कमेटी में आरएस बिष्ट, बीआर मणि, केएन दीक्षित, डॉ. केके मुहम्मद, सैयद जमाल हसन, बीएम पांडेय शामिल हैं. यह कमेटी कब्र खोजने में जुटी हुई थी कि दक्षिणी नगर निगम के इंजीनियर संजीव कुमार सिंह ने एक रिपोर्ट पेश कर सबको चौंका दिया.

यह भी पढ़ें: जानें कौन हैं 1971 के युद्ध में वॉर ऑफ मूवमेंट की रणनीति बनाने वाले जैकब

उन्होंने औरंगजेब के जमाने में आधिकारिक इतिहास लिखने वाले मोहम्मद काजिम की फारसी में लिखी पुस्तक आलमगीरनामा का अनुवाद कराया तो पता चला कि उसमें दाराशिकोह के कत्ल और लाश दफ्न करने के बारे में पूरी जानकारी है. किताब में लिखा गया है कि दारा की लाश को हुमायूं के मकबरे में गुंबद के नीचे बने तहखाने में दफ्न किया गया, जहां पहले से अकबर के बेटों डानियल और मुराद दफ्न हैं. संजीव कुमार सिंह ने बताया कि पिछले चार वर्षों के प्रयास के बाद वह कब्र खोजने में सफल रहे। हर जमाने की कब्रों की शैली के अध्ययन के बाद दाराशिकोह की कब्र तक पहुंचे. आलमगीरनामा पुस्तक ने उन्हें रास्ता दिखाया. उन्होंने शौकिया यह कार्य करते हुए कमेटी के सामने अपनी रिपोर्ट रखी, जिसकी सभी ने प्रशंसा की। जो चीज अंधेरे में रही, उसे रोशनी में लाने की खुशी है.