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Vidhan sabha chunav:अब बहुरेंगे निठल्लों के दिन, जानें कैसे काट रहे चांदी

झकाझक सफेद कुर्ता, चमकदार जूते, मूंह में पान का बीड़ा लग्जरी गाडियों का सफर, शानदार लंच और डिनर और क्या चाहिए, जी हां बात हो रही है निठल्लों की जिनके इस वक्त धरती पर पैर कभी-कभी टिकते हैं.

Updated on: 13 Nov 2021, 07:30 AM

highlights

  • नेताओं से संपर्क साधना कर दिया शुरु, गांव में लेने लगे वोटों के ठेके
  • शानदार गाड़ी की सवारी और सफेद कुर्ता-पायजामा बढ़ा रहा टशन 
  • प्रत्याशियों को दिखा रहे मुंगेरीलाल के सपने
     

नई दिल्ली :

झकाझक सफेद कुर्ता, चमकदार जूते, मूंह में पान का बीड़ा लग्जरी गाडियों का सफर, शानदार लंच और डिनर और क्या चाहिए, जी हां बात हो रही है निठल्लों की जिनके इस वक्त धरती पर पैर कभी-कभी टिकते हैं. कभी उन्हे साइकिल तक नसीब नहीं होती थी, लेकिन अब एक पैर कार्पेट पर दूसरा गाड़ी में है, चुनावी मौसम में निठल्लों की जमकर चांदी कट रही है. क्योंकि उन्होने चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को सपने ही ऐसे दिखा रखे हैं. यही नहीं किसी-किसी ने तो पूरी कॅालोनी की वोटों का ठेका लिया हुआ है. दरअसल मिशन 2022 फतह करने के लिए सभी पार्टियों ने ऐड़ी चौटी का जोर लगाना शुरु कर दिया है. जिसके लिए संभावित प्रत्याशियों ने क्षेत्र में घूमना शुरु कर दिया है. बस वही प्रत्याशी निठल्लों की टशन का कारण है. जानकारी के मुताबिक जैसी पार्टी चाहे वैसी ही उन्हे मिल रही है. साथ ही जेब भी गर्म होने की खबर है.=

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गायब हुए ताश के पत्ते
विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरु हो गई है. बताया जा रहा है कि मार्च या अप्रैल 2022 में संभावित आम चुनाव करा दिये जाएंगे. जिसके चलते प्रत्याशियों ने गांव-गांव जाकर वोटरों को लुभाना शुरु कर दिया है. आपको बता दें कि गांव देहात में सब जगह बस एक ही चर्चा है की वोट किसे डालोगे. ऐसे में उन लोगों की चांदी कट रही है जो गांव किसी चौपाल पर बैठकर पूरा दिन ताश के पत्तों में काटते थे. विधान सभा चुनाव में संभावित प्रत्याशियों को भीड़ दिखाने के लिए इस तरह के लोगों का साथ जमकर मिल रहा है. हां एक बात जरुर है इन लोगों के कहने से वोट किसी को एक भी मिलने वाली नहीं है.

जेब भी गर्म
गुठका खरीदने के लिए मुर्गा तलाशने वाले इन निठल्लों की जेब इन दिनों उम्दा किस्म के पान से भरी रहती है. साथ ही जेब में धन की भी कोई कमी नहीं है. इसके अलावा हाथ में ब्रांडेट सिगरेट का पैकेट इनके रोब को दोगुना कर रहा है. जिस समय ये प्रत्याशी के पीछे चलते हैं तो लगता है कि गांव की सारी वोटों के ठेकेदार यहीं हैं. यही नहीं प्रत्याशी को यह भी यकीन दिलाकर रखते हैं कि किस गांव में कितना खर्च करना है. हालाकि प्रत्याशी भी इनको भली-भाती जानता है पर करे क्या चुनाव में समर्थक तो यही लोग हैं.