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यूक्रेन पर हमला तो झांकी है, दुनिया की 'असली' तबाही बाकी है: रूस

यूर्केन में रूस (Russia) अपनी ताकत, अपने हथियारों की ताकत, अपने टिकने की शक्ति को परख रहा है, ताकि वो नेटो के खिलाफ विश्वव्यापी संघर्ष छेड़ सके. प्रोफेसर एलेक्सेई फेनेंको ने कहा, 'हमारे लिए यूक्रेन में चल रही जंग सिर्फ अभ्यास है.

यूर्केन में रूस (Russia) अपनी ताकत, अपने हथियारों की ताकत, अपने टिकने की शक्ति को परख रहा है, ताकि वो नेटो के खिलाफ विश्वव्यापी संघर्ष छेड़ सके. प्रोफेसर एलेक्सेई फेनेंको ने कहा, 'हमारे लिए यूक्रेन में चल रही जंग सिर्फ अभ्यास है.

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Shravan Shukla
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Russian attack on Ukraine

Russian attack on Ukraine( Photo Credit : फाइल)

रूस का यूक्रेन पर हमला क्या महज सैन्याभ्यास है? क्या ये किसी बड़ी लड़ाई की तैयारी के लिए छोटा सा अभ्यास है? रूसी विशेषज्ञ की मानें तो 'हां'! यूक्रेन में रूस का स्पेशल ऑपरेशन सिर्फ अपने हथियारों को नेटो के हथियारों के मुकाबले में परखने का मौका मात्र है. वो नेटो के खिलाफ बड़े युद्ध की तैयारी कर रहा है. ऐसा दावा किया है रूस के रक्षा विशेषज्ञ प्रोफेसर एलेक्सेई फेनेंको ने. रूसी चैनल पर चर्चा के दौरान उन्होंने जो कुछ कहा, वो आज ब्रिटेन की सबसे बड़ी मीडिया कंपनियों में से एक डेलीस्टार (DailyStar) की टॉप हेडलाइन है. उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन में अपने उन सभी हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है, जिनकी अभी तक सही से जंग के मैदान में टेस्टिंग तक नहीं हो पाई थी. यूक्रेन में सैन्य हस्तक्षेप नेटो के खिलाफ एक बड़े 'विश्व स्तर पर संघर्ष' की तैयारी के लिए है. 

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देखिए: डेलीस्टार की सबसे बड़ी खबर...

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रूस के सरकारी Russia-1 Network टीवी चैनल (Russian state TV) पर आयोजित एक पैनल डिस्कशन में इंटरनेशनल सिक्योरिटी स्टडीज के टॉप रिसर्च फेलो प्रोफेसर एलेक्सेई फेनेंको (Russian analyst Professor Alexei Fenenko) ने साफ-साफ कहा कि यूर्केन में रूस अपनी ताकत, अपने हथियारों की ताकत, अपने टिकने की शक्ति को परख रहा है, ताकि वो नेटो के खिलाफ विश्वव्यापी संघर्ष छेड़ सके. प्रोफेसर एलेक्सेई फेनेंको ने कहा, 'हमारे लिए यूक्रेन में चल रही जंग सिर्फ अभ्यास है. भविष्य के एक बड़े संभावित जंग के लिए अभ्यास.' उन्होंने आगे कहा, 'हम अपने हथियारों का इस्तेमाल करेंगे. उनका नेटो के हथियारों से तुलनात्मक अध्ययन करेंगे. हम सीधे युद्धभूमि में ही देख रहे हैं कि हमारे हथियार नेटो के हथियारों की तुलना में कितने शक्तिशाली हैं. ये भविष्य के संघर्षों के लिए सीखने-समझने के मौके की तरह है'

Russia-1 Network टीवी चैनल पर प्रोफेसर एलेक्सेई फेनेंकोRussia-1 Network टीवी चैनल पर प्रोफेसर एलेक्सेई फेनेंको

बता दें कि रूसी टीवी चैनलों पर क्रेमलिन (रूसी सत्ता केंद्र) की नजर रहती है. इन चैनलों पर ऐसा कुछ भी नहीं चलता, जो सरकार की मर्जी के खिलाफ हो. ऐसे में रूसी विशेषज्ञ की ये टिप्पणी काफी हद तक नेटो के लिए चेतावनी की तरह है. हालांकि रूस ने यूक्रेन पर हमले को कभी आधिकारिक तौर पर युद्ध नहीं कहा है, वो हमेशा यूक्रेन पर हमले को 'स्पेशल मिलिटरी ऑपरेशन' ही कहता रहा है. खुद पुतिन (Vladimir Putin) भी अपने संबोधन में इसी टर्म का इस्तेमाल किया करते हैं. ऐसे में फेनेंको के बयान की गंभीरता को समझें तो क्रेमलिन अब अपनी अप्रोच बदल रहा है. उसने फिनलैंड, स्वीडन को नेटो में शामिल होने से बाज आने के लिए चेतावनियां दी हैं. उसने साफ कहा है कि यूक्रेन में किसी भी दूसरे देश का हस्तक्षेप रूस के खिलाफ युद्ध जैसा होगा. 

ये भी पढ़ें: Russia-Ukraine War और Corona के बीच भारत की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी

अमेरिकी रिटायर्ड जनरल का आया बयान

इस पूरे मामले पर अमेरिका के रिटायर्ड जनरल बेरी आर मक्कैफरी ने ट्विटर पर अपनी राय रखी है. उन्होंने फेनेंको के बयान को आश्चर्यजनक करार दिया. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि ताकत के मामले में नेटो की तुलना में रूस कहीं भी नहीं टिकता. उन्होंने साफ कहा कि इकोनॉमी से लेकर परंपरागत सैन्य ताकत के मामले में नेटो/यूरोपीय यूनियन के सामने रूस कहीं नहीं टिकता. नेटो/यूरोपीय यूनियन के पास रूस की तुलना में कई गुना ज्यादा ताकत है. उन्होंने कहा कि रूस अगर यूक्रेन में जंग को अभ्यास कहता है, तो ये उसके लिए बहुत महंगी पड़ रही है. ऐसे में अगर नेटो देशों के खिलाफ रूस कोई भी कदम उठाता है, तो वो उसके लिए आत्मघात करने जैसा होगा. 

अजोवस्ताल स्टील प्लांट अब रूसी कब्जे में आया

इस बीच रूस ने कहा है कि उसने मारिउपोल (Mariupol) के सबसे अहम और इकलौते यूक्रेनी ठिकाने अजोवस्ताल स्टील प्लांट (Azovstal steel plant) को पूरी तरह से अपने कब्जे में कर लिया है. यूक्रेन के करीब एक हजार जवान वहां से निकल कर भाग चुके हैं. बता दें कि करीब 80 दिनों से रूस के 20 हजार जवान अजोवस्ताल स्टील प्लांट का घेरा डाले हुए थे. वहां रूस को कड़ी टक्कर मिल रही थी और इतनी भारी संख्या में एक जगह पर सैनिकों के रुकने से रूसी ऑपरेशन पर असर पड़ रहा था. अब वो पूरी ताकत से दूसरे इलाकों पर हमलावर ऑपरेशन चला सकता है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने खुद अजोवस्ताल स्टील प्लांट पर कब्जे की मुहर लगाई है. रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेन्कोव (Major General Igor Konashenkov) ने कहा है कि अजोवस्ताल स्टील प्लांट को पूरी तरह से 'आजाद' करा लिया है. 

HIGHLIGHTS

  • बड़ी तैयारी में लगा है रूस?
  • यूक्रेन पर हमला महज एक अभ्यास?
  • विश्व युद्ध की तरफ बढ़ रहा है रूस?
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