ट्रेजडी किंग की पहली पुण्यतिथि सायरा बानो का छलका दर्द, बयां किया जज्बात
सायरा बानो ने खत में बताया कि आज भी उनका नाम सुनते ही उनकी आंखें नम हो जाती हैं. वो अपनी भावनाओं पर काबू बिल्कुल नहीं रख पातीं.
highlights
- पहली पुण्यतिथि पर सायरा बानो ने एक मार्मिक पत्र लिखा है
- दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर, 1922 को पेशावर में हुआ था
- दिलीप कुमार ने 22 साल छोटी सायरा बानो से 1966 में शादी की थी
नई दिल्ली:
हिंदी फिल्मों के ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार उर्फ यूसुफ खान आज ही दिन 2021 में दुनिया से अलविदा कह गए थे. उनके निधन को एक साल हो गए. आज उनकी पहली पुण्यतिथि है. दिलीप कुमार की पहली पुण्यतिथि पर उनकी पत्नी सायरा बानो ने एक मार्मिक पत्र लिखा है. सायरा और दिलीप कुमार की शादी 11 अक्टूबर, 1966 को हुई थी. सायरा, दिलीप से 22 साल छोटी हैं. इस तरह वह 55 सालों तक दिलीप कुमार के साथ रहीं. लेकिन दिलीप कुमार की पहली पुण्यतिथि (Dilip Kumar Death Anniversary) पर सायरा बानो (Saira Banu) के गम का सागर छलक उठा है और उन्होंने बताया है कि बीता एक साल उनके लिए किसी पहाड़ से कम नहीं था.
सायरा बानो ने खत में क्या लिखा?
दिलीप कुमार (Dilip Kumar) जब तक जिंदा रहे हिंदी सिनेमा के लीजेंड कहलाए. उनके निधन के एक साल बाद भी उनकी याद में फैंस गमजदा हो जाते है तो सोचिए जिंदगी का हर एक पल उनके साथ बिताने वालीं सायरा बानो ने उनकी पहली पुण्यतिथि पर लिखे खत में क्या लिखा है. अपने इस खत में सायरा ने बताया कि आज भी वो अपने बिस्तर पर दिलीप साहब को तलाशती हैं. उनके मुताबिक जिस बिस्तर पर पांच दशक उन्होंने युसूफ साहब के साथ बिताए आज वो जब उस पर सोती हैं तो उनकी बगल को खाली पाती हैं ये दर्द असहनीय है. वो मुंह फेर लेती हैं, तकिए से चेहरा ढक लेती हैं और ये सोचकर सोने की कोशिश करती हैं कि जब वो आंखें खोलेंगी तो उन्हें सामने पाएंगी.
सायरा बानो ने खत में बताया कि आज भी उनका नाम सुनते ही उनकी आंखें नम हो जाती हैं. वो अपनी भावनाओं पर काबू बिल्कुल नहीं रख पातीं. अगर टीवी पर वो दिलीप साहब की कोई फिल्म देख लें या रेडियों पर कोई गाना सुन लें तो वो भावुक हुए बिना नहीं रह पातीं. यही वजह है कि वो अपने स्टाफ से भी दूरी बना चुकी हैं क्योंकि कोई ना कोई उन्हें याद कर ही लेता है.
निजी जीवन को लेकर चर्चा में रहे
बॉलीवुड इंडस्ट्री में ट्रेजिडी किंग के नाम से फेसम दिलीप कुमार (dilip kumar) ने खुद के 22 साल छोटी सायरा बानो (saira banu) से 1966 में शादी की थी. उनकी जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया था जब वे दूसरी औरत के लिए अपनी पत्नी को छोड़कर चले गए थे. ये बात और है कि अपनी गलती का अहसास होने के बाद वे सायरा के पास वापस लौट आए थे. सायरा बानो से शादी के 14 साल बाद जब उन्होंने पाकिस्तानी लेडी आसमां रहमान से दूसरी बार निकाह किया तो वे चर्चा में आ गए थे. तब यह खबरें थीं कि सायरा मां नहीं बन सकतीं, इसलिए दिलीप साहब को दूसरी शादी करनी पड़ी.
कहा जाता है कि दोनों का अफेयर लंबे समय से चल रहा था. लोगों के सवाल से बचने के लिए दिलीप साहब ने इस दौरान घर से बाहर निकलना तक बंद कर दिया था. बता दें कि आसमां और दिलीप कुमार की मुलाकात हैदराबाद में एक क्रिकेट मैच के दौरान हुई थी. 1980 में दोनों ने शादी की और 1982 में उनका तलाक हो गया. कहा जाता है कि आसमां दिलीप साहब को धोखा दे रही थीं. इस वजह से उन्होंने आसमां को तलाक दिया और वापस सायरा की ओर लौट आए.
यह भी पढ़ें: 'मैं मां काली की भक्त', महुआ मोइत्रा अपने बयान पर कायम
दिलीप कुमार पिता क्यों नहीं बन सके, इसका जवाब उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'द सबस्टांस एंड द शैडो' में दिया है. बुक में दिलीप कुमार ने कहा है, "सच्चाई यह है कि 1972 में सायरा पहली बार प्रेग्नेंट हुईं. यह बेटा था (हमें बाद में पता चला). 8 महीने की प्रेग्नेंसी में सायरा को ब्लड प्रेशर की शिकायत हुई. इस दौरान पूर्ण रूप से विकसित हो चुके भ्रूण को बचाने के लिए सर्जरी करना संभव नहीं था और दम घुटने से बच्चे की मौत हो गई." दिलीप कुमार की मानें तो इस घटना के बाद सायरा कभी प्रेग्नेंट नहीं हो सकीं.
दिलीप कुमार एक परिचय
दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर, 1922 को पेशावर में हुआ था. दिलीप कुमार का असली नाम मुहम्मद युसुफ़ खान था. उनके पिता मुंबई आ बसे थे, जहां उन्होंने हिन्दी फ़िल्मों में काम करना शुरू किया. उनका नाम उस वक्त के चलन के अनुसार बदल कर दिलीप कुमार कर दिया गया ताकि उन्हे हिन्दी फ़िल्मो में ज्यादा पहचान और सफलता मिले. वर्ष 2000 से 2006 तक वे राज्य सभा के सदस्य रहे. 1980 में उन्हें सम्मानित करने के लिए मुंबई का शेरिफ घोषित किया गया. 1991 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया. 1995 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 1998 में उन्हे पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ भी प्रदान किया गया.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह