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भारत और कनाडा के बीच टेंशन, 10 आसान प्वाइंट्स में समझिए पूरा मामला

भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर भारत और कनाडा के बीच रिश्ते तल्ख हो गए हैं. दोनों देशों ने अपने-अपने राजदूतों को वापस भेजने की तैयारी कर ली है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं कनाडा के साथ जारी इस पूरी तल्खी के पीछे क्या है कहानी..

Updated on: 20 Sep 2023, 09:52 PM

नई दिल्ली:

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने अपने देश की संसद में भारत को लेकर जो बात कही उसने दोनों देशों के बीच तल्खी इतनी बढ़ा दी कि भारत और कनाडा ने अपने-अपने देशों से एक दूसरे को राजदूतों को वापस भेजने का आदेश जारी कर दिया. आपको बताते हैं कि कनाडा के साथ जारी इस पूरी तल्खी के पीछे क्या कहानी है?  जानकारों की मानें तो ये पूरा विवाद ट्रुडो द्वारा कनाडा की जमीन पर भारत विरोधी गतिविधियों को संरक्षण देने से जुड़ा है. भारत ने कई बार कनाडा पर ये आरोप लगाया है कि उसने अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी कट्टरपंथियों को आश्रय देने के लिए किया है. दरअसल इस साल जून में हरदीप सिंह निज्जर नाम के एक कनाडाई नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, वो जुलाई 2020 में भारत द्वारा ‘आतंकवादी’ घोषित किया गया था. ट्रुडू ने इसका आरोप भारत पर लगाया.  चलिए इस पूरे मामले को हम आपको सरल भाषा में समझाते हैं. 

1. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई संसद के आपातकालीन सत्र में कहा, 'कनाडाई धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी भी विदेशी सरकार की भागीदारी हमारी संप्रभुता का अस्वीकार्य उल्लंघन है. ये उन मौलिक नियमों के विपरीत है जिनके द्वारा स्वतंत्र, खुले और लोकतांत्रिक समाज अपना आचरण करते हैं.'

2. कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए भारत सरकार ने निज्जर की हत्या में अपना हाथ होने से साफ इनकार किया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, 'कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा दिए गए ऐसे बयान आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की एक कोशिश है, जिसे कनाडा में आश्रय मिलता रहा है. 

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3. कनाडा ने अपने प्रधानमंत्री ट्रूडो के बयान के बाद ओटावा में टॉप इंडियन ऑफिशियल पवन कुमार राय को सस्पेंड कर दिया. राय 1997 बैच के पंजाब कैडर के आईपीएस अफसर हैं.

4. कनाडा की कार्रवाई का जवाब भारत ने उसी की भाषा में दिया. विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायुक्त कैमरून मैके को सस्पेंड करने का फैसला किया.  कनाडाई राजनयिक को देश छोड़ने के लिए 5 दिन का समय दिया गया.

5. भारत के 'जैसे को तैसे' की भाषा में जवाब के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के तेवर नरम पड़ गए. उन्होंने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा, 'भारत सरकार को इस मामले को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है. हम सिर्फ इतना ही कह रहे हैं, हम भारत को उकसा नहीं रहे या इसे आगे बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.'

6. रिश्तों में कड़वाहट के बीच कनाडा सरकार ने मंगलवार को भारत में अपने नागरिकों के लिए एक ट्रैवल एडवाइजरी भी जारी कर दी. इसमें भारत की यात्रा करने वाले या फिर भारत में रह रहे कनाडाई नागिरकों को जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों नहीं जाने की सला​ह दी गई.

7. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान, NSA अजीत डोभाल ने अपने कनाडाई समकक्षों से उनक देश में कट्टरवाद के उदय और भारतीय संपत्तियों व हिंदू धार्मिक स्थलों के खिलाफ हिंसा पर बातचीत की थी. पीएम मोदी ने भी जी20 शिखर सम्मेलन से इतर जस्टिन ट्रूडो के साथ हुई द्विपक्षीय बातचीत में कनाडा में चरमपंथियों की बढ़ती एक्टिविटी और वहां हिंदू धार्मिक स्थलों पर हमले का मुद्दा उठाया था. 

8. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरदीप सिंह निज्जर को भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने भगोड़ा और आतंकवादी घोषित कर रखा था. NIA की तरफ से निज्जर पर 10 लाख का इनाम घोषित था.

9. जी-20 में शामिल होने के लिए कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत आए थे तो दोनों नेताओं की मुलाकात तनावपूर्ण रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए वहां की सरकार की ओर से जरूरी कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया था. सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी ने ट्रूडो से इस मुद्दे पर अपनी जाराजगी जाहिर की थी.

10. हाल के महीनों में हरदीप सिंह निज्जर तीसरा ऐसा कट्टरपंथी था जिसकी मौत हुई. इसी साल जून महीने में ही ब्रिटेन में अवतार सिंह खांडा भी बर्मिंगम में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया था. लाहौर में भी परमजीत सिंह पंजवार की हत्या कर दी गई थी. परमजीत को भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया हुआ था. हरदीप सिंह निज्जर की इसी साल जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

नवीन कुमार की रिपोर्ट