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पैगंबर मोहम्मद पर बयान और Cyber Attack, भारत में सुरक्षा उपायों का हाल

मलेशिया के हैक्टिविस्ट समूह ड्रैगनफोर्स के साइबर हमले में ऑनलाइन प्लेटफार्मों के साथ इजराइल में भारतीय दूतावास, राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के ई-पोर्टल को निशाना बनाया गया.

Updated on: 14 Jun 2022, 06:24 PM

highlights

  • साल 2004 में भारत में सबसे पहला डिजिटल या साइबर हमला
  • भारत साइबर हैकर्स के सबसे ज्यादा निशाने पर बना हुआ देश है
  • सरकारी साइट और निजी पोर्टल्स 8 से 12 जून के बीच हैक किया

नई दिल्ली:

पैगंबर मोहम्मद ( Prophet Mohammad) पर एक राजनेता के बयान से उपजे विवाद के बाद कई देशों के साइबर हैकरों ने देश के 500 से ज्यादा वेबसाइट्स पर हमला (Cyber Attack on India) बोल दिया. मंगलवार को अहले सुबह हुए सायबर हमले में महाराष्ट्र के ठाणे पुलिस ( Maharashtra Police) की साइट, तीन सरकारी वेबसाइट समेत 70 अन्य वेबसाइट शामिल हैं. मलेशिया और इंडोनेशिया के हैकरों के नाम सामने आ रहे हैं. विदेशी हैकर्स ने भारत के एक प्रमुख बैंक को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी. महाराष्ट्र में 50 से ज्यादा वेबसाइटें हमले का शिकार हुईं.

मलेशिया के हैक्टिविस्ट समूह ड्रैगनफोर्स के साइबर हमले में ऑनलाइन प्लेटफार्मों के साथ इजराइल में भारतीय दूतावास, राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के ई-पोर्टल को निशाना बनाया गया. हैकर्स ने लगभग 70 वेबसाइटों को हैक कर लिया. नामचीन पब्लिक स्कूल्स, कॉलेजों के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों को खासकर निशाना बनाया गया. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को मिले इनपुट्स के मुताबिक हैक्टिविस्ट समूह के 13 हजार से ज्यादा सदस्य हैं. भारत में उनकी सक्रियता के बारे में पता लगाया जा रहा है.

भारत के खिलाफ नफरत से भरे मुस्लिम हैकर्स

हैकर्स के समूह ने हैक्ड वेबसाइट पर ऑडियो क्लिप और टेक्स्ट के माध्यम से एक संदेश भी भेजा है. उनके संदेश में कहा गया कि तुम्हारे लिए तुम्हारा धर्म है और मेरे लिए मेरा धर्म है. हमें भारतीय लोगों से कोई दिक्कत नहीं है. वे अपना धर्म चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन हम उन्हें हमारे धर्म (इस्लाम) पर हमला नहीं करने देंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकारी साइटों और निजी पोर्टलों को 8 और 12 जून के बीच हैक किया गया था. जानकारी के मुताबिक दुनिया भर के सभी मुस्लिम हैकर्स ने मानवाधिकार संगठनों और एक्टिविस्टों से भारत के खिलाफ अभियान शुरू करने का आह्वान भी किया है. 

मुस्लिम हैकर्स के निशाने पर हमेशा रहा इजरायल

आंकड़ों के मुताबिक, जून-जुलाई 2021 में भी ड्रैगनफोर्स ने इस्राइल सरकार की वेबसाइटों पर कहर बरपाया था कि वह दक्षिण-पूर्व एशिया के मुस्लिम-बहुल देशों के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए तैयार है. हालांकि इस बार भारतीय अधिकारियों ने इजराइल में भारतीय दूतावास की वेबसाइट समेत कई सरकारी साइट्स को बहुत जल्दी सफलतापूर्वक बहाल कर लिया. 

भारत में साइबर हमले और सुरक्षा का हाल 

आंकड़ों के मुताबिक भारत में सबसे पहला डिजिटल या साइबर हमला साल 2004 में दर्ज किया गया था. तब से भारत साइबर हमलों के सबसे ज्यादा निशाने पर बना हुआ है. साइबर सिक्योरिटी फर्म सर्फशार्क (Surfshark) के मुताबिक,  2004 के बाद से साइबर हमलों में 14.9 बिलियन से अधिक खाते लीक हो चुके हैं. इनमें से 254.9 मिलियन या 25.49 करोड़ खाते भारत यूजर्स के हैं. भारत दुनिया में छठा सबसे ज्यादा ब्रीच किया जाने वाला देश बन चुका है. लेटेस्ट रिपोर्ट में हर 100 भारतीयों में से 18 की पर्सनल कॉन्टैक्ट डिटेल को ब्रीच किए जाने की बात सामने आई है. मजबूत डेटा सुरक्षा कानूनों के अभाव के चलते यह साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है.

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महाराष्ट्र गृह विभाग ने दिए जांच के आदेश

महाराष्ट्र के गृह विभाग ने राज्य की सायबर सेल को सरकारी वेबसाइट्स और बाकी पोर्टल्स के हैक होने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं. महाराष्ट्र साइबर सेल के एडीजी मधुकर पांडेय ने बताया कि कई साइबर हैकरों ने मिलकर यह हमला बोला. वहीं ठाणे पुलिस के सायबर सेल डीसीपी सुनील लोखंडे ने बताया कि तकनीकी विशेषज्ञों ने डाटा और पुलिस की वेबसाइट को बहाल कर लिया है. कई निजी पोर्टल भी वापस हासिल कर लिए गए. मामले की जांच जारी है.