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चीन को लग गई श्रीलंका की हाय... हेनान के बैंक कंगाल, सुरक्षा में उतारे टैंक

पीएलए ने सड़कों पर टैंक बैंकों की सुरक्षा और लोगों को बैंकों तक पहुंचने से रोकने के लिए उतारे हैं. बताते हैं बैंक ऑफ चाइना की हेनान शाखाओं से जारी एक आदेश में कहा गया कि बैंक में जमा आम लोगों का धन निवेश की रकम है और फिलहाल लोग इसे निकाल नहीं सकेंगे.

Updated on: 21 Jul 2022, 03:45 PM

highlights

  • बैंक ऑफ चाइना की हेनाना शाखा ने जमा रकम निकालने पर रोक लगाई
  • इस आदेश के विरोध में हजारों की संख्या में लोग बैंक के सामने हफ्तों से जमा
  • बैंकों की सुरक्षा और लोगों को रोकने के लिए पीएलए ने सड़कों पर उतारे टैं

नई दिल्ली:

चीन (China) में क्या थियानमेन चौक नरसंहार का इतिहास फिर से दोहराया जाएगा... 4 जून 1989 को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने लोकतंत्र समेत अधिक स्वतंत्रता से जुड़े अधिकारों की मांग कर रहे हजारों निहत्थे छात्रों और उनके समर्थन में जुटे लोगों के खिलाफ सड़कों पर हजारों टैंक उतार दिए थे. यही नजारा एक बार फिर चीन के हेनान प्रांत की सड़कों पर दिख रहा है. चीन की पिपुल्स लिबरेशन आर्मी ने इस बार भी बैंकों की सुरक्षा के लिए टैंक और सेना सड़कों पर उतार दी है. इस बार वजह बना है अप्रैल के महीने से बैंकों की ओर से जमाकर्ताओं की जमा रकम निकालने पर रोक का आदेश. इसके विरोध में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. यह स्थिति पिछले कई हफ्तों से चल रही है और लोगों के जेहन में लगभग 33 साल पहले के थियानमेन चौक नरसंहार की रूह कंपाने वाली तस्वीरें ताजा हो आई हैं. 

बैंकों ने लोगों पर जमा रकम निकालने से रोक लगाई
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पीएलए ने सड़कों पर टैंक बैंकों की सुरक्षा और लोगों को बैंकों तक पहुंचने से रोकने के लिए उतारे हैं. बताते हैं बैंक ऑफ चाइना की हेनान शाखाओं से जारी एक आदेश में कहा गया कि बैंक में जमा आम लोगों का धन निवेश की रकम है और फिलहाल लोग इसे निकाल नहीं सकेंगे. चीनी मीडिया से छन-छन कर आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंक के इस आदेश के खिलाफ हजारों की संख्या में लोग बाहर जमा हैं. स्थानीय पुलिस से कई बार हिंसक झड़प के बाद पीएलए ने सेना को तैनात करने के साथ टैंक सड़कों पर तैनात कर दिए हैं. बैंक ने पहले कहा था कि 15 जुलाई को वह जमाकर्ताओं के एक समूह को उनकी रकम बैंक से निकालने का मौका देगा. बताते हैं कि मुट्ठी भर लोग ही बैंकों से अपनी रकम निकाल सके. इससे लोगों में रोष और बढ़ गया है. इन हिंसक संघर्षों पर चीन का राष्ट्रीय मीडिया कुछ कहने से बच रहा है, लेकिन हांगकांग और गैर राष्ट्रीय मीडिया इसकी तुलना थियानमेन चौक नरसंहार से कर रहा है. 

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बैंक झेल रहे हैं नकदी का संकट
इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक बैंक के पास लोगों का धन देने के लिए नकदी का संकट है. इस वजह से नगदी का प्रवाह रोकने के लिए बैंक यह कदम उठा रहे हैं. यह स्थिति गंभीर इसलिए हो गई है, क्योंकि स्थानीय सरकारों की बड़ी आमदनी लैंड लीज से होती है. वह अपने-अपने इलाकों की लैंड रियल एस्टेट डेवल्पर्स और अन्य व्यापारिक तबकों को देते हैं. कोरोना काल और अन्य कारणों से तमाम रियल एस्टेट प्रोजेक्ट बंद हो गए हैं. ऐसे में इस क्षेत्र से जुड़े लोग लैंड लीज के लिए बैंक की ओर मुंह नहीं कर रहे हैं. नतीजतन यह संकट आन खड़ा हुआ है, क्योंकि बैंकों की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. 

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चीन के लिए कहीं थियानमेन चौक न बन जाए हेनान
इस बीच पिछले दिनों सोशल मीडिया पर शिंगुआ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झेंग यूहांग का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह 2022 को चीन के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण बता रहे थे. इनके मुताबिक साल की लगभग खत्म हो रही पहली छमाही में ही 4,66,000 कंपनियों पर ताला लग गया है. 3.1 मिलियन औद्योगिक और कॉमर्शियल हाउस होल्ड दिवालिया हो गए हैं. जो बचे हैं उनके लिए भी खर्च निकालना 23 फीसदी तक महंगा हो चुका है. कॉलेज से निकले 10.76 मिलियन छात्रों पर रोजगार का गहरा दबाव है और तकरीबन 80 मिलियन युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. लोन रिपेमेंट पर इस संकट की शुरुआत से ही काम नहीं हो सकने की एक बड़ी वजह यह है कि सफल रियल एस्टेट डेवलपर्स के सीधे संबंध चीन की शक्तिशाली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से हैं. सामान्य डेवलपर्स को अपने प्रोजेक्ट से जुड़े निवेश के लिए सरकारी अधिकारियों के हाथ गर्म करने पड़ते हैं. उस पर करप्शन की गाज गिरने की भी आशंका अलग से रहती है. इन सब बातों ने बैंकों की आय पर गहरा असर डाला है.