घुंघरू और घंटियां बनाने के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है ये छोटा-सा शहर

उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम के बाद जलेसर के पीतल उत्पादों से जुड़े 100 से ज्यादा कारोबारियों के साथ ही सैकड़ों हस्तशिल्पी और निर्यातकों को फायदा हो रहा है.

उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम के बाद जलेसर के पीतल उत्पादों से जुड़े 100 से ज्यादा कारोबारियों के साथ ही सैकड़ों हस्तशिल्पी और निर्यातकों को फायदा हो रहा है.

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Dhirendra Kumar
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Ghungroos

Ghungroos ( Photo Credit : NewsNation)

घुंघरू-घंटी के साथ ही पीतल उत्पादों को भी एक जनपद-एक उत्पाद योजना (One District-One Production Scheme) में शामिल किए जाने के बाद से जलेसर के घंटा और पीतल से बनाए जाने वाले अन्य वस्तुओं के कारोबार की चमक बढ़ने लग गई है. एक जनपद-एक उत्पाद योजना के अंतर्गत उद्यमियों के साथ-साथ हस्तशिल्पियों को भी बैंकों के जरिए अनुदान युक्त वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. बता दें कि कई वर्षों से यहां के व्यापारी घुंघरू-घंटी उद्योग की अपेक्षा को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त करते आ रहे थे. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक जनपद-एक उत्पाद योजना लॉन्च होने के बाद एटा से घुंघरू-घंटी उद्योग को इसमें शामिल कर लिया था. 

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उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम के बाद जलेसर के पीतल उत्पादों से जुड़े 100 से ज्यादा कारोबारियों के साथ ही सैकड़ों हस्तशिल्पी और निर्यातकों को फायदा हो रहा है. राज्य सरकार के इस कदम के बाद अब उद्यमी और हस्तशिल्पियों को बैंकों से आर्थिक मदद लोन के रूप में मिल रही है. हस्तशिल्पी अनुदान आधारित ऋण लेकर खुद भी कारोबार चला रहे हैं. इसके अलावा घुंघरू-घंटी के साथ-साथ जलेसर के पीतल व्यवसाय को तरक्की के नए अवसर मिल रहे हैं. बता दें कि उत्तर प्रदेश के एटा जिले में जलेसर एक ऐतिहासिक कस्बा है जो कि पूर्व में मगध नरेश जरासंध की राजधानी थी. यूपी का यह जिला मुख्यतः पीतल की घंटियों या घुंघरू घंटियों के लिए जाना जाता है. घंटियों को बनाने के लिए प्रयुक्त होने वाला सामान यथा मिट्टी, सफ़ेद पाउडर तथा पीतल इस क्षेत्र में सरलता से पाया जाता है. जानकारी के मुताबिक जलेसर में 1 हजार छोटे बड़े कारखाने हैं. जलेसर से घुंघरू, घंटी, घंटे और पीतल के अन्य उत्पादों की सप्लाई दूर-दूर तक होती है. 

अयोध्या के राम मंदिर में लगेगा जलेसर का बना घंटा

बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर में जलेसर में बनाए गए 2,100 किलोग्राम वजनी घंटा लगाया जाएगा. इस घंटे को बनाने वाले दाउ दयाल 30 साल से भी ज्यादा समय से विभिन्न आकार-प्रकार की घंटियां तैयार कर रहे हैं. दाउ दयाल की टीम ने अयोध्या (Ayodhya) के राम मंदिर (Ram Temple)  के लिए 2,100 किलोग्राम वजनी घंटा बनाकर सभी को चौंका दिया है. यहां खास बात यह है कि इस घंटे की डिजाइन एक मुस्लिम कारीगर इकबाल मिस्त्री ने की है.

HIGHLIGHTS

  • जलेसर में बनाया गया 2,100 किलोग्राम वजनी घंटा अयोध्या के राम मंदिर में लगाया जाएगा
  • जलेसर से घुंघरू, घंटी, घंटे और पीतल के अन्य उत्पादों की सप्लाई दूर-दूर तक होती है 
One District One Production Scheme Pital Industry Ghungroos Jalesar
      
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