तीन तलाक को आपराधिक करार देने वाले विधेयक को गुरुवार को लोकसभा ने पारित कर दिया।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी का जिक्र किया और पति से अलग गुजरात में रह रहीं जसोदा बेन के लिए भी न्याय सुनिश्चित करने की मांग की।
ओवैसी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा, 'गुजरात की हमारी भाभी सहित पति द्वारा छोड़ी गईं सभी धर्मो की 20 लाख महिलाओं के लिए भी न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए।'
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक को लेकर भरोसा दिया कि 'यह धर्म के बारे में नहीं है, बल्कि महिलाओं के आदर व न्याय के लिए है।' इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने विधेयक का विरोध किया और इस पेश किए जाने पर आपत्ति जताई।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा मुस्लिम महिला (अधिकार संरक्षण व विवाह) विधेयक का मसौदा पेश किए जाने के बाद ऑल इंडिया मजलिस ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सांसद ने कहा कि यह मूल अधिकारों का हनन करता है।
तीन तलाक बिल लोकसभा में पास, ओवैसी के संशोधन प्रस्ताव खारिज
उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर पर्याप्त सलाह नहीं ली गई है।
तीन तलाक पीड़ित महिलाओं के भरण-पोषण के अधिकार के प्रावधान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'मौजूदा कानूनी ढांचे में सामंजस्य का आभाव है। विधेयक में कहा गया है कि पति को जेल भेजा जाएगा व इसमें यह भी कहा गया कि वह गुजारा भत्ता देगा..जो व्यक्ति जेल में रहेगा, वह कैसे गुजारा भत्ता देगा?'
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'ये ऐतिहासिक दिन है। हमें भोरसा है कि ये बिल राज्यसभा में भी पास होगा।'
अमित शाह ने इस फ़ैसले पर कहा, 'तीन तलाक़ बिल का लोकसभा में पास होना मुस्लिम महिलाओं के गौरव बढ़ाने की दिशा में मददगार साबित होगी। मैं सभी लोकसभा सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस ऐतिहासिक फ़ैसले का समर्थन किया।'
वहीं कई मुस्लिम महिलाओं ने इस बिल के पास होने के बाद ख़ुशी ज़ाहिर की है। उन्होंने कहा हमलोग तीन तलाक़ के ख़िलाफ़ काफी दिनों से लड़ाई लड़ रहे हैं। ये क़ानून सदियों से चली आ रही समस्या का निवारण साबित होगा।
वाराणसी में कई मुस्लिम महिलाओं ने घर के बाहर निकलकर तीन तलाक़ बिल पास होने की ख़ुशी में पटाख़े जलाए।
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Source : News Nation Bureau