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पैगंबर मोहम्मद पर बयान: प्रदर्शनकारियों पर क्यों बिफरा कुवैत- बड़ी वजह

कुवैत सरकार ( Kuwait) ने पैगंबर मोहम्मद ( Prophet Mohammed) पर विवादित कमेंट के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले मुसलमानों को गिरफ़्तार कर उनके मुल्क भेजने का फैसला किया है. इन सबने जुमे की नमाज के बाद कुवैत के शहरों में विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था.

Updated on: 13 Jun 2022, 01:32 PM

highlights

  • कुवैत में विदेशियों का प्रदर्शन और आंदोलन करना गंभीर अपराध
  • प्रदर्शनकारियों को कुवैत में एंट्री से हमेशा के लिए रोका जा सकता है
  • कुवैत मध्य पूर्व में भारत के सबसे पुराने सहयोगी देशों में एक है

नई दिल्ली:

कुवैत सरकार ( Kuwait) ने पैगंबर मोहम्मद ( Prophet Mohammed) पर विवादित कमेंट के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले मुसलमानों को गिरफ़्तार कर उनके मुल्क भेजने का फैसला किया है. इन सबने जुमे की नमाज के बाद कुवैत के शहरों में विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. कुवैत में विदेशियों के प्रदर्शन और आंदोलन करने को गंभीर अपराध माना जाता है. कुवैत प्रशासन इस मामले में सख्त कदम को उठाकर सबक देना चाहता है कि प्रवासी लोग आगे भी कभी कानून तोड़ नहीं पाएं. इससे पहले कुवैत सरकार ने भारतीय राजदूत को तलब कर पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेता के बयान को लेकर एतराज जताया था. भारतीय राजदूत ने कहा कि यह बयान भारत सरकार की राय नहीं है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक कुवैत सरकार ने पैगंबर मोहम्मद पर बयान विवाद पर नए निर्देश जारी किए हैं. कुवैत सरकार के निर्देशों के अनुसार बयान को लेकर जिन्होंने प्रदर्शन किया था उन सब प्रवासियों को पकड़कर कुवैत के अधिकारी डिपोर्टेशन सेंटर भेजेंगे. बाद में उन्‍हें उनके मुल्कों में वापस भेजा ( Deport) जाएगा. सरकार ने साफ कहा कि सभी प्रवासियों को कुवैत के कानून का सम्मान करना चाहिए. उन्हें किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेना चाहिए. चर्चा है कि प्रदर्शन में शामिल होने वाले प्रवासी प्रदर्शनकारियों को कुवैत में एंट्री से हमेशा के लिए रोका जा सकता है.

प्रदर्शन में शामिल स्थानीय लोगों पर भी कार्रवाई

जुमे की नमाज के बाद 10 जून को कुवैत के फहाहील क्षेत्र में 40-50 प्रवासियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया.. उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की थी. प्रदर्शनकारियों में पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और अरब देशों के प्रवासियों के साथ ही भारतीय मुसलमानों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है. हालांकि, रिपोर्ट में प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों की राष्ट्रीयता का उल्लेख नहीं है. इसके अलावा कुवैत सरकार धरना-प्रदर्शन में शामिल होने वाले स्थानीय लोगों पर भी जरूरी कानूनी कार्रवाई कर सकती है.

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मध्य पूर्व में भारत का सबसे पुराना सहयोगी देश

कुवैत खाड़ी और अरब देशों या मध्य पूर्व में भारत के सबसे पुराने सहयोगी देशों में एक है. कुवैत के शाही परिवार का भारत से ऐतिहासिक संबंध हैं. कोरोना वायरस महामारी के डेल्टा वेरिएंट की वजह से भारत में आई दूसरी लहर के दौरान कुवैत मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाला प्रमुख देश था. बीते साल पीएम मोदी का संदेश लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर कुवैत गए थे. उन्होंने इस दौरान कुवैत के प्रधानमंत्री समेत सभी शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी.