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लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार रात 11 बजे मत विभाजन के बाद गिर गया। अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में मोदी सरकार के पक्ष में 325 वोट मिले, वहीं विपक्ष को महज 126 वोट पड़ा। टीडीपी सांसद की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव गिर गया।
अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ' NDA को लोकसभा और 125 करोड़ लोगों पर विश्वास है। मैं उन तमाम पार्टियों को शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने हमारे पक्ष में वोट किया। भारत को बदलने और युवाओं के सपने को पूरा करने का हमारा प्रयास जारी है। जय हिंद'।
NDA has the confidence of the Lok Sabha and the 125 crore people of India. I thank all the parties that have supported us in the vote today. Our efforts to transform India and fulfil the dreams of our youth continue. Jai Hind!, tweets PM Narendra Modi pic.twitter.com/P20KtbfDeP
— ANI (@ANI) July 20, 2018
इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव को लेकर लोकसभा में करीब 12 घंटे तक चर्चा चला। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी दलों के नेताओं ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपने विचार रखें।
इस दौरान संसद में हंगामा, हंसी-ठिठोली भी देखने को मिली। शिवसेना, बीजेडी और पप्पू यादव अविश्वास प्रस्ताव में हिस्सा नहीं लिया।
संसद में पीएम मोदी ने राहुल पर साधा निशाना
पीएम मोदी राहुल गांधी के वार का पलटवार करते हुए कहा,' उनका एक ही मकसद है मोदी हटाओ। मैं हैरान हूं कि सुबह चर्चा शुरू हुई थी, मतदान भी नहीं हुआ था, जय पराजय का फैसला भी नहीं हुआ लेकिन उन्हें यहां पहुंचने का इतना उत्साह है कि आकर (मुझसे) बोले, उठो उठो।'
मोदी ने कहा, 'अहंकार ही कहता है कि हम खड़े होंगे तो प्रधानमंत्री 15 मिनट तक खड़े नहीं हो पाएंगे।' उन्होंने कहा, 'मैं खड़ा भी हूं और चार साल जो काम किये हैं, उस पर अड़ा भी हूं।'
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उन्होंने सभी सदस्यों से इस प्रस्ताव को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत से बनी सरकार ने पिछले चार साल में जिस गति से काम किया है, उसके काम पर विश्वास जताएं।
राहुल ने इन मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा
इससे पहले राहुल गांधी ने मोदी सरकार को किसान, युवा, महिला, रोज़गार, राफेल और मॉब लिंचिंग जैसे सभी मसलों को लेकर मोदी सरकार को घेरते नजर आए।
टीडीपी ने पहले अविश्वास प्रस्ताव का दिया था नोटिस
तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के केसिनेनी श्रीनिवास पहले सांसद थे, जिन्होंने अविश्वास नोटिस दिया और उनसे इस प्रस्ताव को रखने के लिए कहा। प्रस्ताव को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और माकपा के 50 सांसदों का समर्थन था।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अविश्वास प्रस्ताव नोटिस दिया था। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि उन्हें इस मामले में सभी नोटिस को एक समय में एक साथ लेना चाहिए था।
खड़गे और श्रीनिवास के अलावा कांग्रेस के के.सी. वेणुगोपाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तारिक अनवर, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन.के. प्रेमचंद्रन और तेदेपा के थोटा नरसिम्हन ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था।
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Source : News Nation Bureau