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PM Modi ने कर्नाटक को दिया बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे का तोहफा, जानें इसकी प्रमुख बातें

एनएच-275 पर 118 किमी बेंगलुरु-मैसूर राजमार्ग कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु और राज्य के सांस्कृतिक केंद्र मैसूर के बीच यात्रा के समय को तीन घंटे से घटाकर 75-90 मिनट कर देगा.

Updated on: 12 Mar 2023, 04:44 PM

highlights

  • 118 किलोमीटर लंबा है बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे
  • यात्रा को तीन घंटे से घटाकर 75-90 मिनट कर देगा
  • मैसूर-कुशलनगर 4 लेन राजमार्ग की आधारशिला भी रखी

बेंगलुरु:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को 118 किलोमीटर लंबी बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे (Bengaluru Mysuru Expressway) परियोजना का उद्घाटन किया. यह दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को लगभग तीन घंटे से घटाकर लगभग 75 मिनट कर देगा. 8,480 करोड़ रुपये की परियोजना में एनएच-275 के बेंगलुरु-निदाघट्टा-मैसूर (Mysuru) खंड को छह लेन में शामिल करना शामिल है और यह क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कार्य करेगा. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने मैसूर-कुशलनगर 4 लेन राजमार्ग की आधारशिला भी रखी. 92 किलोमीटर में फैली इस परियोजना को लगभग 4,130 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा. यह परियोजना राज्य की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) के साथ कोडगु जिले के कुशलनगर की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और यात्रा के समय को पांच घंटे से कम करने में मदद करेगी.

जानते हैं इस एक्सप्रसवे के बारे में और इससे क्या होगा लाभ

    • एनएच-275 पर 118 किलोमीटर का बेंगलुरु-मैसूर हाईवे एक दस लेन का एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवे है, जो कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु और राज्य के सांस्कृतिक केंद्र मैसूर के बीच यात्रा के समय को तीन घंटे से घटाकर 75-90 मिनट कर देगा.
    • राजमार्ग पर नौ मुख्य पुल, 42 छोटे पुल, 64 अंडरपास, 11 ओवरपास और चार रेल ओवर ब्रिज हैं. राजमार्ग के किनारे के शहरों में यातायात की भीड़ से बचने के लिए इसमें बिदादी, रामनगर-चन्नापटना, मद्दुर, मांड्या और श्रीरंगपटना के आसपास के पांच बाईपास शामिल हैं.
    • यह राजमार्ग बेंगलुरु के निवासियों के लिए ऊटी, वायनाड, कोझिकोड, कूर्ग और कन्नूर जैसे क्षेत्रों में वीकएंड्स की छुट्टियों के लिए जाने वालों की यात्रा का समय कम कर देगा. एक रिपोर्ट बताती है कि मोटरवे में न केवल कर्नाटक, बल्कि तमिलनाडु और केरल में भी पर्यटन को बढ़ाने की क्षमता है.
    • रिपोर्ट के अनुसार एनएचएआई ने मुख्य लेन के खुलने के बाद बेंगलुरु-निदाघट्टा खंड में टोल एकत्र करने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में इसे अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण 14 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. इस खंड बेंगलुरु-निदाघट्टा पर एक यात्रा में वाहन श्रेणी के आधार पर 135 रुपये और 880 रुपये के बीच टोल टैक्स लेना था. मसलन कारों, जीपों, वैन के लिए टोल 135 रुपये. एक दिन के भीतर वापसी यात्रा के लिए 205 रुपये और 4,525 रुपये मासिक की योजना बनाई गई थी. एक मासिक पास एक महीने में 50 यात्राओं को कवर करेगा. मैसूर के सांसद प्रताप सिम्हा के अनुसार ऑटोमोबाइल सहित एलएमवी को बेंगलुरु से मैसूर तक पूरे मार्ग के लिए 250 रुपये का टोल देना पड़ सकता है.
    • कर्नाटक में पहली बार एनएचआईए राजमार्ग पर दोपहिया वाहनों और धीमी गति से चलने वाले वाहनों जैसे तिपहिया वाहनों के उपयोग पर रोक लगाने का इरादा रखता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार यह दुर्घटनाओं को रोकने के लिए है, क्योंकि ये वाहन अधिक असुरक्षित हैं.
  • राजमार्ग आमतौर पर समय बचाता है, लेकिन बेंगलुरु में कुंबलगोडु जैसे स्थानों में और मैसूरु में मणिपाल अस्पताल जंक्शन के पास बाहरी रिंग रोड में प्रवेश या निकास बिंदुओं पर भारी ट्रैफिक जाम की खबरें आई हैं. एनएचआईए ने मणिपाल अस्पताल चौराहे के पास क्लोवरलीफ इंटरचेंज की योजना बनाई थी. हालांकि यह काम  फिलहाल रुका हुआ है.
  • हाईवे ने मैसूर रोड को घर खरीदारों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य बना दिया है. जून 2023 तक बेंगलुरु मेट्रो को मैसूर रोड पर छल्लाघट्टा तक बढ़ाया जाएगा. मैसूर रोड पर केंगेरी जैसे इलाकों से एनआईसीई रोड, मेट्रो और भारतीय रेलमार्ग के माध्यम से शहर के किसी भी हिस्से तक पहुंचा जा सकता है.