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...तो इसलिए महंगा हो रहा है पेट्रोल-डीजल, अभी नहीं मिलेगी राहत

Petrol-Diesel Price Today: गंगानगर में पेट्रोल 122.32 रुपये और डीजल 113.21 रुपये प्रति लीटर और अनूपपुर में पेट्रोल 121.44 रुपये और डीजल 110.66 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है.

Updated on: 01 Nov 2021, 03:06 PM

highlights

  • दिल्ली में पेट्रोल 109.69 रुपये और डीजल 98.42 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है
  • मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल क्रमश: 35 पैसे, 36 पैसे और 31 पैसे महंगा हो गया है

नई दिल्ली:

Petrol-Diesel Price Today: पिछले एक महीने में पेट्रोल और डीजल की महंगाई ने आम आदमी का जीना दूभर कर दिया है. अकेले अक्टूबर महीने में पेट्रोल 7.70 रुपये और डीजल 8.20 रुपये महंगा हो चुका है. वहीं नवंबर के पहले दिन दिल्ली में पेट्रोल 35 पैसे और डीजल भी 35 पैसे महंगा हो चुका है. दिल्ली में पेट्रोल 109.69 रुपये और डीजल 98.42 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है. मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल क्रमश: 35 पैसे, 36 पैसे और 31 पैसे महंगा हो गया है. वहीं तीनों शहर में डीजल के दाम में भी क्रमश: 39 पैसे प्रति लीटर, 37 पैसे और 34 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई है. गंगानगर में पेट्रोल 122.32 रुपये और डीजल 113.21 रुपये प्रति लीटर और अनूपपुर में पेट्रोल 121.44 रुपये और डीजल 110.66 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है. पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती महंगाई को देखकर आपने मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इसकी कीमतें बढ़ क्यों रही हैं. तो आइए इस रिपोर्ट में हम उस जवाब को ढूंढने की कोशिश करते हैं, जिसकी वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं.   

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शहर           पेट्रोल               डीजल           
दिल्ली      109.69 रुपये         98.42 रुपये
मुंबई         115.50 रुपये        106.62 रुपये  
कोलकाता  110.15 रुपये       101.56 रुपये  
चेन्नई         106.35 रुपये        102.59 रुपये   

बता दें कि देश में पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त महीने में एक बड़ा बयान दिया था. वित्त मंत्री ने उस दौरान कहा था कि पेट्रोल-डीजल के ऊपर लगने वाले टैक्स में किसी भी तरह की कोई कटौती नहीं की जाएगी. उन्होंने दोटूक कहा था कि अभी पेट्रोल-डीजल के ऊपर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती का सवाल ही नहीं उठता है. वित्त मंत्री ने कहा था कि पिछली UPA सरकार ने ऑयल बॉन्ड (Oil Bonds) को जारी किया था और अब हमारी सरकार को उसके ब्याज का भुगतान करना पड़ रहा है. 

37,000 करोड़ रुपये ब्याज का भुगतान करना बाकी
वित्त मंत्री ने कहा था कि मोदी सरकार ने पिछले 5 साल में ऑयल बॉन्ड के ब्याज के रूप में 70,195.72 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को अभी भी 2026 तक 37,000 करोड़ रुपये ब्याज का भुगतान करना है. ब्याज के लगातार पेमेंट के बावजूद अभी भी 1.30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का मूलधन बकाया है. वित्त मंत्री ने कहा कि अगर सरकार के ऊपर ऑयल बॉन्ड का बोझ नहीं होता तो हमारी सरकार पेट्रोल-डीजल के ऊपर से एक्साइज ड्यूटी को कम कम करने की स्थिति में जरूर होती. 

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यूपीए सरकार ने जारी किए थे 1.44 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बॉन्ड्स 
वित्त मंत्री ने कहा था कि तेल की कीमतों को कम करने के लिए यूपीए सरकार ने 1.44 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बॉन्ड्स जारी किए थे. उन्होंने उस दौरान कहा था कि वह यूपीए सरकार की तरह चालबाजी नहीं कर सकती हैं. वित्त मंत्री का कहना है कि ऑयल बॉन्ड्स की वजह से हमारी सरकार पर भारी बोझ पड़ा है और यही वजह है कि हमारी सरकार पेट्रोल और डीजल के ऊपर लगने वाले टैक्स में कटौती करने में असमर्थ है.