NSE Co-Location Scam: सीईओ चित्रा रामकृष्ण ने किया अपने पद का दुरुपयोग किया

एनएसई में सुब्रमण्यम के कार्यकाल के दौरान, सीईओ चित्रा रामकृष्ण मानव संसाधन विभाग की मंजूरी के बिना उनके पारिश्रमिक में लगातार वृद्धि सहित उन्हें अनुचित लाभ देती रहीं.  

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Pradeep Singh
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चित्रा रामकृष्ण( Photo Credit : News Nation)

सीबीआई ने गुरुवार को अदालत में  स्टेटस रिपोर्ट दायर कर को-लोकेशन घोटाला मामले में जमानत की मांग करने वाले पूर्व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम द्वारा दायर याचिका का विरोध करते हुए एक स्थिति रिपोर्ट दायर की. अपनी स्टेटस रिपोर्ट में प्रमुख जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि सुब्रमण्यम अत्यधिक प्रभावशाली है और इस मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकता है. स्टेटस रिपोर्ट में सीबीाई ने कहा, "याचिकाकर्ता अत्यधिक प्रभावशाली है और गवाहों को प्रभावित करने में सक्षम है. को-लोकेशन सेट अप से जुड़े पूरे षडयंत्र का पर्दाफाश करने के लिए अन्य गवाहों से पूछताछ की जा रही है. यदि याचिकाकर्ता को जमानत पर बड़ा किया जाता है तो वह महत्वपूर्ण गवाहों से संपर्क कर सकता है और ई-मेल / डिजिटल साक्ष्य को नष्ट कर सकता है."  

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इसमें आगे कहा गया है कि एनएसई में सुब्रमण्यम के कार्यकाल के दौरान, सीईओ चित्रा रामकृष्ण मानव संसाधन विभाग की मंजूरी के बिना उनके पारिश्रमिक में लगातार वृद्धि सहित उन्हें अनुचित लाभ देती रहीं.  

सीबीआई ने कहा, "जांच के दौरान यह पता चला कि आपराधिक साजिश के तहत याचिकाकर्ता के मानदेय को सह-आरोपी चित्रा रामकृष्ण द्वारा आधिकारिक पद का घोर दुरुपयोग करके बिना किसी उचित आधार के मनमाने ढंग से बढ़ाया गया था. याचिकाकर्ता के मेहनताने में लगातार बढ़ोतरी को सह-आरोपी चित्रा रामकृष्ण द्वारा मानव संसाधन विभाग से कोई इनपुट लिए बिना अवैध और मनमाने ढंग से मंजूरी दी गई थी."

इसके अलावा, एजेंसी ने अदालत को बताया कि एनएसई में सह-आरोपी चित्रा रामकृष्ण द्वारा याचिकाकर्ता के प्रदर्शन मूल्यांकन के संबंध में कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं था. जांच एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि जनवरी 2013 में एनएसई में मुख्य रणनीतिक सलाहकार के रूप में अपनी जुड़ाव से पहले, आनंद सह-आरोपी चित्रा रामकृष्ण के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ था.

"2010-15 की अवधि के दौरान (यानी जब सह-आरोपी चित्रा रामकृष्ण एनएसई के मामलों का प्रबंधन कर रही थी), ओपीजी सिक्योरिटीज प्राइवेट  लिमिटेड फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में 670 कारोबारी दिनों में सेकेंडरी पीओपी सर्वर से जुड़ा था.

सीबीआई ने सुब्रमण्यम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा, "याचिकाकर्ता और सह-आरोपी सुश्री चित्रा रामकृष्ण के कार्यकाल के दौरान एनएसई के अधिकारियों द्वारा कुछ दलालों को तरजीही पहुंच और उससे अनुचित लाभ के आरोपों के संबंध में जांच चल रही है." 

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सीबीआई ने एनएसई को-लोकेशन मामले में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा उन्हें जमानत देने से इनकार करने के आदेश को चुनौती देने वाली आनंद की याचिका के जवाब में सीबीआई द्वारा स्टेटस रिपोर्ट दायर की है. विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका को ठुकराते हुए कहा था कि जांच चल रही है और जांच एजेंसी अदालत को इस"हिमालयी योगी का असली चेहरा दिखाने के लिए गुप्त पर्दा हटाने की प्रक्रिया में है, जो पौराणिक यति की तरह मायावी है."

"जांच के इस स्तर पर अभियोजन पक्ष को अलग-अलग बिखरे बिंदुओं पर काम करने के लिए कहा गया है, जिससे उसे चार्जशीट के रूप में एक अंतिम तस्वीर बनानी होगी. जो जांच प्रारंभिक चरण में है, वह चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही ठोस रूप में सामने आएगी."

HIGHLIGHTS

  • सीबीआई ने आनंद सुब्रमण्यम की जमानत याचिका का किया विरोध
  • चित्रा रामकृष्ण ने किया अपने आधिकारिक पद का घोर दुरुपयोग
  • चित्रा रामकृष्ण के कार्यकाल के दौरान एनएसई में थी दलालों की पहुंच

 

NSE Co-Location Scam CBI filed a status report Anand Subramanian CEO Chitra Ramkrishna Misused Her Position NSE National Stock Exchange
      
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