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शिंजो आबे ही नहीं इन नेताओं की हत्या भी बनीं वैश्विक सुर्खियां

शिंजो आबे की इस नृशंस हत्या से दुनिया भर में सदमे की लहर है. हालांकि आबे के अलावा कुछ ऐसे वैश्विक नेताओं की हत्या भी अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बनीं. एक नजर ऐसे ही शीर्ष 10 राजनीतिज्ञों पर जिनकी हत्या ने दुनिया को झकझोर दिया.

Updated on: 08 Jul 2022, 05:05 PM

highlights

  • जापान के पूर्व पीएम आबे की गोली मार कर हत्या
  • इस हत्या से ताजा हुई शीर्ष 10 नेताओं की हत्याएं

नई दिल्ली:

शुक्रवार सुबह जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मार कर हत्या कर दी गई. वह चीन और अमेरिका के खिलाफ जापान की सेना को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे थे. नारा में एक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान तत्‍सुका यामागामी नाम के लगभग 41 साल के शख्स ने होममेड बंदूक से आबे को पीछे से दो बार गोली मारी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां कई घंटों के उपचार के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके. शिंजो आबे की इस नृशंस हत्या से दुनिया भर में सदमे की लहर है. हालांकि आबे के अलावा कुछ ऐसे वैश्विक नेताओं की हत्या भी अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बनीं. एक नजर ऐसे ही शीर्ष 10 राजनीतिज्ञों पर जिनकी हत्या ने दुनिया को झकझोर दिया.

अब्राहम लिंकन 
दास प्रथा खत्म करने वाले और अमेरिका को गृहयुद्ध से बाहर निकालने वाले 16वें अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन को 15 अप्रैल 1865 को गोली मारी गई. लिंकन उस वक्त फोर्ड थियेटर में अवर अमेरिकन कजिन नाटक देख रहे थे. उसी दौरान एक नाट्यकर्मी जॉन वाइक्स बूथ ने सिर के पीछे गोली मार दी. घटना से दो दिन पहले लिंकन ने अमेरिकी राष्ट्रपति की हत्या और व्हाइट हाउस में मातम का सपना देखा था. जानकारी के अनुसार 11 अप्रैल 1865 को लिंकन ने अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों को भी मताधिकार देने की वकालत की थी. माना जाता है कि नीग्रो को बराबरी देने की बात से नाराजगी उनकी हत्या का कारण बनी.

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आर्चड्युक फर्डिनेंड 
आर्चड्युक फर्डिनेंड ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी थे. 28 जून 1914 को वह पत्नी होहेनबर्ग संग बोस्निया स्थित साराजेवो के दौरे पर थे. जब वो साराजेवो में थे तब ऑस्ट्रिया-हंगरी ने अचानक सर्बिया के खिलाफ युद्ध घोषित कर दिया. इसके बाद जर्मनी तथा ऑस्ट्रिया-हंगरी और सर्बिया एक-दूसरे के खिलाफ युद्ध घोषित कर दिया, जिससे प्रथम विश्वयुद्ध शुरू हुआ. इसी दौरान उनकी और उनकी पत्नी की एक सार्वजनिक कार्यक्रम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या को प्रथम विश्व युद्ध की पहली चिंगारी माना जाता है. 

महात्मा गांधी 
महात्मा गांधी के नाम से पूरी दुनिया में लोकप्रिय मोहनदास करमचंद गांधी की 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में गोली मारी गई. वह प्रतिदिन यहां प्रार्थना किया करते थे. उस शाम भी वह प्रार्थना के लिए जा रहे थे, तभी नाथूराम गोडसे ने उनके पैर छूने के बाद बैरेटा से तीन गोलियां मार दी. इस मुकदमे में नाथूराम गोडसे सहित आठ लोगों को हत्या की साजिश में आरोपी बनाया गया था. दिगम्बर बड़गे के सरकारी गवाह बनने पर बरी कर दिया गया. शंकर किस्तैया को उच्च न्यायालय में अपील करने पर माफ कर दिया गया. सावरकर के खिलाफ़ कोई सबूत नहीं मिलने से अदालत ने उन्हें मुक्त कर दिया. अन्त में बचे पांच अभियुक्तों में से तीन गोपाल गोडसे, मदनलाल पाहवा और विष्णु रामकृष्ण करकरे को आजीवन कारावास हुआ तथा नाथूराम गोडसे व नारायण आप्टे को फांसी दे दी गयी.

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मार्टिन लूथर किंग 
अमेरिका में अश्वेतों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने वाले मार्टिन लूथर किंग अश्वेतों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले प्रमुख अमेरिकी नेता रहे. उन्हें अमेरिका का गांधी भी कहा जाता है. वे गांधीजी के अहिंसक आंदोलन से बेहद प्रभावित थे. गांधीजी के आदर्शों पर चलकर ही मार्टिन लूथर किंग ने अमेरिका में इतना सफल आंदोलन चलाया, जिसे अधिकांश गोरों का भी समर्थन मिला. सन्‌ 1959 में उन्होंने भारत की यात्रा की. शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मार्टिन लूथर किंग ने इस अवसर पर अपने भाषण में रंगभेद का मुद्दा उठाया था. 4 अप्रैल 1968 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.

जॉन एफ कैनेडी 
कैनेडी ने 35वें और दूसरे सबसे युवा राष्ट्रपति के रूप में 43 साल की आयु में अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभाला था. सत्ता संभालने के दो साल बाद 22 नवंबर 1963 को डलास शहर में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई. वह पत्नी जैकलीन कैनेडी, टेक्सास के गवर्नर जॉन बी. कॉनली और उनकी पत्नी के साथ भारी सुरक्षा में खुली कार में लोगों का अभिवादन स्वीकार रहे थे. इसी दौरान एक प्लाजा के पास से उन पर गोलियां बरसाई गईं. कैनेडी के सिर और गर्दन पर दो गोलियां लगीं. हमले में गवर्नर कॉनली भी घायल हुए थे. दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां जॉन एफ. कैनेडी ने दम तोड़ दिया.

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शेख मुजीबुर्रहमान 
बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की 15 अगस्त 1975 को राष्ट्रपति भवन में ही परिवार सहित हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड को बांग्लादेश सेनावाहिनी (बांग्लादेश की सेना) के युवा समूह ने अंजाम दिया था. शेख मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश का जनक भी कहा जाता है. वे अवामी लीग के अध्यक्ष थे. उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सशस्त्र संग्राम की अगुवाई करते हुए बांग्लादेश को मुक्ति दिलाई. वे बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति बने और बाद में प्रधानमंत्री भी बने. वे 'शेख़ मुजीब' के नाम से भी प्रसिद्ध थे. उन्हें बंगबन्धु की पदवी से सम्मानित किया गया था. उनकी हत्या के सैनिक तख्तापलट के मकसद से की गई थी. युवा सैन्य अफसरों की ये टुकड़ी हथियार बंद तो थी ही, ये अपने साथ टैंक लेकर भी राष्ट्रपति भवन पहुंची थी.

इंदिरा गांधी 
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही बॉडीगार्ड ने 31 अक्टूबर 1984 को नई दिल्ली के सफदरजंग रोड स्थित उनके सरकारी आवास पर गोलियों से भूल कर हत्या कर दी गई थी. सुबह करीब साढ़े नौ बजे वह अपने आवास के लॉन में निकली थीं, तभी उनके सिख अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उन पर गोलियां बरसा दीं. उस वक्त सिखों में ऑपरेशन ब्लू स्टार और इस दौरान स्वर्ण मंदिर पर की गई सैन्य कार्रवाई से काफी नाराजगी थी. इस कार्रवाई के आदेश अमृतसर के हरमंदिर साहिब परिसर की इमारतों से सिख उग्रवादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके सशस्त्र अनुयायियों को हटाने के लिए इंदिरा गांधी ने दिया था. इससे देश-दुनिया के सिखों में जबर्दस्त नाराजगी थी. इसी वजह से सिख अंगरक्षकों ने उनकी हत्या की थी. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश भर में व्यापक पैमाने पर दंगे हुए, जिनमें सिख समुदाय को निशाना बनाया गया. 

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ओलोफ पाल्मे
स्वीडन के डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता 1969 से 1976 तक वह दो बार स्वीडन के प्रधानमंत्री बने. उन्हें पीएम होने के बाद सामान्य जीवन जीने के लिए भी याद किया जाता है. मरणोपरांत उन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 28 फरवरी 1986 को सेंट्रल स्टॉकहोम स्ट्रीट पर उस वक्त उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह पत्नी और बेटे के साथ सिनेमाघर से वापस लौट रहे थे. उस वक्त इनके साथ सुरक्षाकर्मी नहीं थे. सादगी पंसद पाल्मे अक्सर सुरक्षाकर्मियों के बिना बाहर निकल जाते थे. हमलावर ने एक गोली ओलोफ पाल्मे को मारी और दूसरी गोली उनकी पत्नी लिसबेथ पाल्मे को मारी थी. पाल्मे की हत्या आधुनिक स्वीडिश इतिहास में अपनी तरह पहली घटना थी, जिसका पूरे स्केनेवेडिया क्षेत्र में गहरा असर पड़ा। 

राजीव गांधी 
इंदिरा गांधी के हत्या के बाद उनके बड़े बेटे और पेशे से पायलट राजीव गांधी को देश का नया प्रधानमंत्री बनाया गया. छोटे भाई संजय गांधी की हवाई दुर्घटना में मृत्यु के बाद 1981 में वह मां इंदिरा गांधी को सहयोग करने के लिए राजनीति में आए. उन्हें भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है. मतदाताओं की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करना, महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण भी उन्हीं की देन है. 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदुर में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम' की आत्मघाती महिला आतंकी ने उन्हें बम से उड़ा दिया था. लिट्टे श्रीलंकाई सेना को प्रशिक्षण और उनकी मदद के लिए भारतीय सेना की टुकड़ी भेजने से नाराज था. राजीव गांधी की हत्या में पहली बार आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया गया.

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बेनजीर भुट्टो 
पाकिस्तान की 12वीं व 16वीं प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो की हत्या 27 दिसंबर 2007 को की गई थी. उस वक्त वह रावलपिंडी में एक राजनीतिक रैली कर रहीं थी. इसी दौरान उन्हें आत्मघाती धमाके और गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था. बेनजरी किसी भी मुस्लिम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं. पूरब की बेटी के नाम से जानी जाने वाली बेनज़ीर किसी भी मुस्लिम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री तथा दो बार चुनी जाने वाली पाकिस्तान की पहली प्रधानमंत्री थीं. वे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की प्रतिनिधि तथा मुसलिम धर्म की शिया शाखा की अनुयायी थीं. पहली बार प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के समय बेनज़ीर लोकप्रियता के शिखर पर थी. उनकी ख्याति विश्व स्तर पर सर्वप्रमुख महिला नेता की थी.