अहंकार की वजह से लाया गया यह अविश्वास प्रस्ताव: प्रधानमंत्री

टीडीपी और कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गये पहले अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लोकतंत्र की महत्वपूर्ण शक्ति का परिचायक है।

टीडीपी और कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गये पहले अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लोकतंत्र की महत्वपूर्ण शक्ति का परिचायक है।

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Deepak Kumar
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अहंकार की वजह से लाया गया यह अविश्वास प्रस्ताव: प्रधानमंत्री

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लोकसभा में विपक्षी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले चार साल में देश में हुए विकास के इतने कार्यों के बावजूद 'अहंकार' के कारण अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें सवा सौ करोड़ देशवासियों ने चुना है और 'यहां से कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है।'

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उन्होंने अपने संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर विशेष निशाना साधा। उन्होंने आज सुबह राहुल गांधी द्वारा अपने पास आकर गले मिलने के घटनाक्रम का जिक्र किया और कहा, 'उनका एक ही मकसद है मोदी हटाओ। मैं हैरान हूं कि सुबह चर्चा शुरू हुई थी, मतदान भी नहीं हुआ था, जय पराजय का फैसला भी नहीं हुआ लेकिन उन्हें यहां पहुंचने का इतना उत्साह है कि आकर (मुझसे) बोले, उठो उठो।'

उन्होंने कहा, 'यहां कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है। सवा सौ करोड़ देशवासी उठा सकते हैं। इतनी जल्दबाजी क्या है।'

उन्होंने कहा, 'उनका एक ही मकसद है, मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा। इसके लिए कम से कम अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो न बनाइए।'

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मोदी ने कहा, 'अहंकार ही कहता है कि हम खड़े होंगे तो प्रधानमंत्री 15 मिनट तक खड़े नहीं हो पाएंगे।' उन्होंने कहा, 'मैं खड़ा भी हूं और चार साल जो काम किये हैं, उस पर अड़ा भी हूं।'

टीडीपी और कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गये पहले अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लोकतंत्र की महत्वपूर्ण शक्ति का परिचायक है। भले ही यह टीडीपी के माध्यम से आया हो लेकिन उनके साथ जुड़े हुए कुछ अन्य सदस्यों ने भी इसके समर्थन में बात कही है तो एक बड़े वर्ग ने इसके विरोध में कुछ बात कही हैं।

उन्होंने सभी सदस्यों से इस प्रस्ताव को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत से बनी सरकार ने पिछले चार साल में जिस गति से काम किया है, उसके काम पर विश्वास जताएं।

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मोदी ने कहा कि इससे हमें अपनी बात करने का मौका तो मिल ही रहा है, साथ ही देश को देखने को मिल रहा है कि विपक्ष में कैसी नकारात्मकता है, विकास के प्रति कितनी नकारात्मक सोच है। 'उन सबका चेहरा निखरकर सजधज कर बाहर आया है।'

उन्होंने कहा कि कभी तो लगता है कि आज उनके (विपक्षी दलों के) सारे भाषण, उनका व्यवहार अज्ञानवश नहीं है। यह झूठे आत्मविश्वास के कारण भी नहीं। 'अहंकार इस प्रकार की प्रवृत्ति के लिए खींच लाया।' मोदी ने कहा कि विपक्ष को हमारे इतने सारे विकास कार्यों, योजनाओं पर विश्वास नहीं है।

राफेल सौदे को लेकर राहुल के बयान के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दो जिम्मेदार सरकारों के बीच सौदा है, दो कारोबारी पार्टियों के बीच नहीं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर तो 'यह बचकाना रवैया' नहीं अपनाएं।

मोदी ने कहा कि हम यहां इसलिए हैं कि हमारे पास संख्याबल है। हम यहां इसलिए हैं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हमारे साथ है। उन्होंने अपने भाषण में यह कविता भी कही, 'न माझी, न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है'

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Source : News Nation Bureau

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