सचिन पायलट का दबाव रंग ला रहा, नया फॉर्मूला हो रहा तैयार
ऑफर के तहत पायलट खेमे को 3 मंत्री पद सहित निगम और बोर्डों में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा.
highlights
- अशोक गहलोत ने अपने मंत्रियों से रिपोर्ट कार्ड तलब किया
- कुछ को हटा पायलट खेमे को मिल सकते हैं 3 मंत्री पद
- इसके अलावा बोर्ड और निगम पदों पर भी संभव है नियुक्तियां
नई दिल्ली:
दिल्ली में सचिन पायलट (Sachin Pilot) का दबाव रंग ला रहा है. एक तरफ घरेलू मोर्चे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अपने मंत्रियों से रिपोर्ट कार्ड तलब किया है, तो दूसरी तरफ इस बीच कांग्रेस आलाकमान की तरफ से एक बड़ा ऑफर दिया गया है. कांग्रेस (Congress) आलाकमान से जुड़े सुत्रों के मुताबिक ऑफर के तहत पायलट खेमे को 3 मंत्री पद सहित निगम और बोर्डों में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा. हालांकि किसी भी सूरत में 3 से ज्यादा मंत्रिपद नहीं मिलेंगे. अब सचिन पायलट को ही फैसला लेना है, क्योंकि वह इससे पहले 5 से 6 मंत्री पद चाहते थे. इस बीच मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तलब वाला कैबिनेट विस्तार और फेरबदल के बीच सीएम गहलोत का यह कदम अहम है.
3 मंत्री और अन्य महत्वपूर्ण पद
राजस्थान सियासी संकट पर नजदीकी से नजर रखने वाले सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी और सीएम अशोक गहलोत का तर्क है कि 9 मंत्री पद खाली हैं. इसमें बीएसपी के छह विधायकों और निर्दलीय (लगभग एक दर्जन विधायकों) में से भी कुछ को मंत्री बनाना है. वहीं, कुछ गहलोत खेमे से भी मंत्री बनेंगे, इसलिए सचिन पायलट को 3 से ज्यादा मंत्रिपद दे पाना संभव नहीं है. सूत्र कहते हैं कि पहले सचिन को एआईसीसी में लाकर महासचिव बनाने के साथ किसी राज्य का प्रभारी बनाने का ऑफर दिया गया था. यही नहीं, अब उनके लिए थोड़ा और महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है, अगर वे 3 मंत्रिपद पर मान जाएं. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने साफ कर दिया है कि अगर सचिन पायलट मान जाएं तो राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार जल्दी कर दिया जाएगा.
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गहलोत ने मांगी मंत्रियों से रिपोर्ट कार्ड
इस बीच सीएम अशोक गहलोत के मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड मांगने के पीछे मुख्य वजह मानी जा रही है कि जिन मंत्रियों की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं रही उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है. दरअसल सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक लगातार सरकार व कांगेस आलकमान से सत्ता में भागीदारी दिए जाने की मांग कर रहे है. ऐसे में किसी भी समय मंत्रिमंडल विस्तार पर सहमति बन सकती है.
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ऐसा होगा मंत्रिमंडल विस्तार
फिलहाल सीएम अशोक गहलोत 2 महीने के क्वारंटाइन पर हैं, ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार कैसे होगा ? इस सवाल के जवाब में पार्टी सूत्र का कहना है कि गेंद सचिन पायलट के पाले में है, वे अगर ऑफर स्वीकार करते हैं तो सीएम मंत्रिमंडल विस्तार कर देंगे, ये केंद्रीय नेतृत्व सुनिश्चित करेगा. यही नहीं, सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान इसलिए सचिन से अब तक नहीं मिला, क्योंकि सुलह कमेटी और बाकी नेताओं से बातचीत में सचिन अपने रुख पर कायम हैं. आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल राजस्थान में अशोक गहलोत ही पार्टी के नंबर 1 नेता हैं. सचिन को उनके साथ समन्वय से आगे बढ़ना होगा, क्योंकि सचिन ही राज्य में पार्टी के भविष्य हैं. यानी आलाकमान से साफ संकेत दे दिए हैं कि पार्टी अब सचिन के दबाव में नहीं आने वाली है.
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