MP Bypoll: BJP-कांग्रेस की बड़ी चुनौतियां, जानिए क्या होगा हार-जीत का समीकरण
अगर हम बीजेपी की बात करें तो वो कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरे पर चुनाव जीतने की कोशिश करेगी इसके अलावा सीएम शिवराज सिंह पिछले 15 सालों से जनता की कसौटियों पर खरे उतरे हैं
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर उप चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. अगले महीने की तीन तारीख को इन 28 सीटों पर उपचुनाव होंगे जबकि 10 नवंबर को इन सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे भी आएंगे. मध्य प्रदेश के उप चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में सियासी हलचलें तेज हो गयीं हैं. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की इन 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव बहुत ही खास हैं, क्योंकि बीते 16 सालों में महज 30 सीटों पर उप चुनाव हुए थे, लेकिन मध्य प्रदेश में इस बार एक साथ 28 सीटों पर उपचुनाव होंगे.
आपको बता दें कि इस उपचुनाव में जनता सरकार और मध्य प्रदेश के बड़े नेताओं का भविष्य तय करेंगे. दोनों ही पार्टियां इस उपचुनाव को जीतने के लिए सिर से लेकर पैर तक का जोर लगा देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. अगर हम बीजेपी की बात करें तो वो कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरे पर चुनाव जीतने की कोशिश करेगी इसके अलावा सीएम शिवराज सिंह पिछले 15 सालों से जनता की कसौटियों पर खरे उतरे हैं, वहीं अगर बात कांग्रेस की करें तो उसके पास सिर्फ यही मुद्दा है कि सिंधिया ने 28 विधायकों को बरगला कर जनता की चुनी हुई सरकार के साथ धोखा किया.
साल 2018 में इन 28 में से 27 सीटों पर कांग्रेस ने मारी थी बाजी
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की इन 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की अगर बात करें तो साल 2018 के विधानसभा चुनावों में इनमें से 27 सीटों पर कांग्रेस ने बाजी मारी थी और भारतीय जनता पार्टी को इन 27 सीटों पर करारी शिकस्त दी थी. 22 में से 20 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर थे और हार का अंतर 10 फीसदी से कम का रहा था. हालांकि अब दल बदल के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के पास वोटों का हार जीत का अंतर कम करने और पिछले चुनाव में मिले वोट प्रतिशत बरकरार रखने की बड़ी चुनौती सामने है.
जानिए विधानसभा का जादुई आंकड़ा
कुल विधानसभा सीट- 230
बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत
बीजेपी या कांग्रेस में से जो भी राजनैतिक दल या गठबंधन 116 या उससे ज्यादा सीटे जीतेंगी वो पार्टी या गठबंधन मध्य प्रदेश की जनता के लिए आने वाले चुनाव तक नीति निर्धारण का कार्य करेगा.
क्या है मौजूदा स्थिति?
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-107
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-88
बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) - 2
समाजवादी पार्टी (सपा) -1
अन्य / निर्दलीय विधायक - 4
उपचुनाव के लिए रिक्त सीटें-28
मध्य प्रदेश की इन 28 सीटों पर होने हैं उपचुनाव
मध्य प्रदेश की ग्वालियर-चंबल क्षेत्र, मालवा-निमाड़ क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों को मिलाकर कुल 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. आइए आपको बताते हैं इन 28 विधानसभा सीटों के नाम- 1. मुरैना 2. मेंहगांव 3.ग्वालियर पूर्व 4. ग्वालियर 5. डबरा 6. बमौरी 7. अशोक नगर 8. अम्बाह 9. पौहारी 10. भांडेर 11. सुमावली 12. करेरा 13. मुंगावली 14. गोहद 15. दिमनी 16. जौरा 17. सुवासरा 18. मान्धाता 19. सांवेर 20. आगर 21. बदनावर 22. हाटपिपल्या 23. नेपानगर 24. सांची (भोपाल) 25. मलहरा (छतरपुर) 26. अनूपपुर 27. ब्यावरा (राजगढ़) 28. सुरखी विधान सभा सीटों पर होंगे उपचुनाव. आपको बता दें कि इनमें से जौरा, आगर और ब्यावरा विधानसभा सीटों के 3 विधायकों का असामयिक निधन हो चुका है जबकि अन्य 25 सीटों के कांग्रेस विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ले ली थी.
बीजेपी को है महज 9 सीटों की जरूरत
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में उपचुनाव तो 28 सीटों पर होना है, लेकिन बीजेपी के पास मौजूदा समय 107 विधायक हैं और उन्हें 7 अन्य विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है इस लिहाज से बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 28 में से महज 9 सीटें ही जीतने की जरूरत है. वहीं अगर बात कांग्रेस की करें तो उसके पास इस समय 88 विधायक हैं इस परिस्थिति में कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए पूरी 28 सीटें जीतनी जरूरी हैं. वहीं अगर बसपा या अन्य पार्टी 2 सीटों पर भी जीत हासिल करती है तो कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है.
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