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Manik Saha Swearing In Ceremony: डॉक्टर, टीचर, नेता और सीएम, ऐसा है त्रिपुरा मुख्यमंत्री माणिक साहा का सफर

त्रिपुरा की राजनीति में 8 मार्च 2023 का दिन काफी अहम है.

Updated on: 08 Mar 2023, 01:42 PM

highlights

माणिक साहा ने दूसरी बार संभाली त्रिपुरा सीएम की कुर्सी

पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी हुए शपथ समारोह में शामिल

9 विधायकों ने 

New Delhi:

Manik Saha Swearing In Ceremony: त्रिपुरा की राजनीति में 8 मार्च 2023 का दिन काफी अहम है. त्रिपुरा में माणिक साहा ने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. माणिक साहा के शपथ ग्रहण समारोह में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शिकरत की. माणिक साहा के अलावा 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इनमें प्रमुख रूप से रतन लाल नाथ, सांतना चकमा, सुशांता चौधरी और टिंकू रॉय का नाम शामिल है. हालांकि माणिक साहा के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस शामिल नहीं हुई. कांग्रेस समारोह में आने के पीछे प्रदेश में हुई हिंसा को कारण बताया. इसके चलते ही कांग्रेस ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया. 

बीजेपी में सात साल और साहा का सत्कार 
माणिक साहा ने लगातार दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. खास बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए उन्हें महज सात वर्षों का ही समय हुआ है. इतने कम समय में बीजेपी शीर्षनेतृत्व के आगे माणिक साहा ने अपनी अच्छी पकड़ बनाई है. हालांकि पिछली सरकार में बिल्पलव देव चार साल मुख्यमंत्री रहे थे. आखिरी के एक वर्ष में बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदला और माणिक साहा को ये अहम जिम्मेदारी सौंपी. साहा ने इस जिम्मेदारी के बखूबी निभाया और चुनाव भी उन्हीं के चेहरे पर लड़ा गया. नतीजा सबके सामने  है बीजेपी बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने में कामयाब रही. 

कौन है माणिक साहा
माणिक साहा का जन्म 8 जनवरी 1953 को माखन लाल साहा और प्रिया बाला साहा के घर हुआ था. साहा ने डेंटल की पढ़ाई पटना के डेंटल कॉलेज से बीडीएस के तौर पर पूरी की. इसके साथ  ही उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ से एमडीएस की डिग्री भी ली. 

पेशे से डॉक्टर फिर...
माणिक साहा पेशे से डॉक्टर हैं. दंत चिकित्सक के रूप में लंबे समय तक माणिक साहा ने सेवाएं दीं. साहा एक ओरल एंड मेक्सिलोफेशियल सर्जन हैं.  यही नहीं उन्होंने हपनिया के त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में बतौर शिक्षक पढ़ाया भी. इसके साथ ही वे क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. नेता बनने से पहले उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में खुद को स्थापित किया. इसके बाद राजनीति का स्वाद चखा. 

स्वपना साहा से की शादी

माणिक साहा ने अपने हमसफर के रूप में स्वपना साहा को चुना. स्वपना साहा भी पेशे से डॉक्टर हैं.  माणिक साहा की दो बेटिया हैं बड़ी अस्मिता और छोटी त्रिशिता. त्रिपुरा सीएम की बड़ी बेटी अस्मिता भी पेशे से डॉक्टर हैं. 

पहले कांग्रेस फिर बीजेपी 
राजनीतिक करियर की शुरुआत माणिक साहा न कांग्रेस में शामिल होने के साथ की. हालांकि यहां ज्यादा दिन उनका मन नहीं लगा और 2016 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. सात साल के ही सफर में माणिक साहा ने बीजेपी में अपना अगल मुकाम बना लिया. 2022 में बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने साहा को बिप्लव देव की जगह त्रिपुरा की कमान सौंपी. एक साल में ही माणिक साहा ने अपने काम से प्रदेश की जनता में साख बना ली. यही वजह है कि बीजेपी दोबारा उनको ही अपना चेहरा चुना और चुनाव नतीजे अपने पक्ष में कर लिए. 

बताया जाता है कि 2018 केच चुनाव में वामपंथ के किले को ढहाने में भी माणिक साहा का बड़ा हाथ था. हालांकि उस दौरान बीजेपी ने बिप्लव देव को सीएम बनाकर सभी को चौंका दिया था. लेकिन चार साल बाद माणिक साहा को उनकी सही जगह मिल ही गई. 

साफ सुथरी छवि
बीजेपी के जानकार बताते हैं कि माणिक साहा पर दोबारा भरोसे के पीछे उनकी साफ सुथरी छवि अहम है. वे सक्रिय तौर पर काम करने के साथ-साथ विवादों से दूर रहते हैं. यही नहीं माणिक साहा को किसी खेमे बाजी से भी दूर ही माना जाता है.