मोदी विरोधी रिपोर्ट बड़ी दवा कंपनियों की चाल, दाग लगाने की कोशिश

भारत में कोरोना महामारी के प्रबंधन को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाने वाली मेडिकल जर्नल लैंसेट की ताजा रिपोर्ट विकासशील देश की क्षमता को कमतर करने की बड़ी दवा कंपनियों की चाल है.

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Nihar Saxena
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बड़ी दाव कंपनियां नहीं चाहती वैक्सीन के मामले में आत्मनिर्भर भारत.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने के लिए सिर्फ भारतीय राजनीति का विपक्षी खेमा ही वितंडा नहीं रच रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पर दाग लगाने की अनगिनत कोशिशें हो रही हैं. इस कड़ी में मेडिकल जर्नल लैंसेट का नाम भी जुड़ गया है. वास्तव में भारत में कोरोना महामारी के प्रबंधन को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाने वाली मेडिकल जर्नल लैंसेट की ताजा रिपोर्ट विकासशील देश की क्षमता को कमतर करने की बड़ी दवा कंपनियों की चाल है. ईयूरिपोर्टर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी दवा कंपनियों की मजबूत लॉबी है, जो यह कभी नहीं चाहती कि कोई विकासशील देश कम कीमत पर दुनिया को वैक्सीन उपलब्ध कराकर उनके एकाधिकार को चुनौती दे.

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बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स स्थित न्यूज वेबसाइट ईयूरिपोर्टर ने कहा है कि ऐसे समय में जब भारत को सहायता, सहानुभूति और साझेदारी की जरूरत है, वैश्विक स्तर पर ख्यातिप्राप्त पत्रिका को राजनीतिक लेखों और व्यावसायिक विचारों से बचना चाहिए, जो ऐसे संकट के समय में किसी भी देश के मनोबल को कमजोर करने वाले हैं. वेबसाइट ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में लगातार इस तरह की रिपोर्ट और लेख आ रहे हैं, जिसमें भारत के टीकाकरण अभियान और बड़े पैमाने पर टीका उत्पादन की उसकी क्षमता पर सवाल उठाए जाते हैं. इस तरह से भारतीय टीकों को कमतर दिखाने की कोशिशें की जा रही हैं, ताकि बाजार में टीकों की कमी पैदा कर उसका आर्थिक लाभ उठाया जा सके.

ईयूरिपोर्टर ने कहा है कि लैंसेट के इस लेख में भी इसी तरह की कोशिश की गई है. लेख लिखने वाले ने दुनिया की बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनियों के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिष्ठित प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया है और उनके मनमुताबिक आंकड़ें दिए हैं. गौरतलब है कि लैसेंट ने अपने लेख में कोरोना महामारी की दूसरी लहर से निपटने में भारत सरकार के प्रबंधन पर सवाल उठाया था. उसने यह भी कहा था कि सरकार की नाकामी के चलते ही भारत को इस भीषण संकट का सामना करना पड़ा है. लैंसेट ने अपने इस लेख में मोदी सरकार की काफी आलोचना की थी, जो हर तरफ सुर्खियां भी बनीं.

HIGHLIGHTS

  • लैंसेट का कोरोना संक्रमण पर मोदी सरकार पर लेख है एक चाल
  • विदेशी दवा कंपनियां भारत की वैक्सीन क्षमता को कमतर आंक रहीं
  • ईयू रिपोर्टर ने लैंसेट की मंशा पर सवाल खड़ा कर दी बड़ी नसीहत
छवि कोरोना संक्रमण Image COVID-19 Epidemic लैंसेट corona-virus vaccination कोविड-19 Undermine Lancet PM Narendra Modi Busting पीएम नरेंद्र मोदी खराब
      
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