Kuno Cheetah Death: कूनो में आखिर क्यों मर रहे हैं चीते? अफसरों ने किया हैरान करने वाला खुलासा

Kuno Cheetah Death: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 25 मई को दो और चीता शावकों की मौत हो गई. इससे दो दिन पहले भी एक शावक की मौत हुई थी. जबकि बचे हुए एक शावक की हालत भी गंभीर बताई जा रही है

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Mohit Sharma
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Kuno Cheetah Death

Kuno Cheetah Death( Photo Credit : News Nation)

Kuno Cheetah Death: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में शुरू हुआ चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. चीते एक-एक दम तोड़ते जा रहे हैं. इनमें से अधिकांश चीते तो वो हैं जो भारत में साउथ अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए हैं. चीतों की लगातार हो रही मौतों को देखते हुए भारत सरकार का चीता प्रोजेक्ट खतरे में पड़ता नजर आ रहा है. वहीं, चीतों की मौत की वजह भी सरकार और अफसरों को सोचने पर मजबूर कर रही है. सरकार को चिंता है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश से चिता विलुप्त हो जाएगा. यही वजह है कि बिल्ली की इस प्रजाति को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. 

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ऐसे शुरू हुआ चीतों की मौत का सिलसिला

दरअसल, 25 मई को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दो और चीता शावकों ने दम तोड़ दिया. जबकि इससे 2 दिन पहले भी एक शावक की मौत हुई थी. चीता शावकों की एक के बाद एक हो रही मौत से कूनो प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 में 3 चीतों की मृत्यु पहले ही हो चुकी है. थोड़ा पीछे चलने पर पता चलता है कि इस साल 27 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था. इन चार शावकों के आने से कूनो में कुल चीतों की संख्या 23 हो गई थी. लेकिन इन शावकों के पैदा होने से दो दिन पहले ही एक फीमेल चीता साशा की मौत हुई थी और कुछ समय बाद ही चीता उदय और दक्षा ने भी दम तोड़ दिया था.

भारत में पूरे 70 साल बाद चीतों की वापसी हुई थी

क्या आपको मालूम है कि भारत में पूरे 70 साल बाद चीतों की वापसी हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अपने जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से आए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. जिसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया गया. 

इस साल 26 मार्च 2023 के दिन नामीबिया से लाई गई एक फीमेल चीता साशा की किडनी खराबी की वजह से मौत हो गईसाशा के बाद देश में केवल 19 चीते ही बचे. इसके अगले ही दिन यानी 27 मार्च को एक मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था. लेकिन 23 अप्रैल 2023 को एक मेल चीता उदय की हार्ट अटैक से मौत हो गई. इसके बाद कूनो में शावको समेत चीतों की संख्या घटकर 22 रह गई. इस महीने की शुरुआत में यानी 9 मई को मेल चीता दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत हो गई और कूनो में चीतों की संख्या घटकर 21 रह गई. फिर 23 मई को ज्वाला के एक शावक की मौत हो गई. अब कूनो में कुल चीतों की संख्या 20 रह गई.

चीतों की मौत का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ और 25 मई को भी ज्वाला के दो और शावकों ने भी गर्मी और लू की वजह से दम तोड़ दिया. कूनो में अब चीतों की संख्या 18 बची हुई है.

क्यों हो रही चीतों की मौत?

दक्षिण अफ्रीका में 293 चीतों की मौतों पर की गई एक स्टडी में बताया गया कि--

  • 6.5 चीतों की मौत शिविर लगाने के कारण हुई
  • 7.5 प्रतिशत चीतों की मौत रिलोकेशन के कारण हुई
  • 0.7 चीतों की मौत ट्रैकिंग डिवाइस के कारण हुई
  • इन तीनों वजहों से कुल 15 प्रतिशत चीतों की मौत
  • 53.2 प्रतिशत चीतों की शिकार होने की वजह मौत
  • चीता शावकों के जंगल में जिंदा रहने की संभावना केवल 10 से 20 प्रतिशत

Source : News Nation Bureau

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