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सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर जानिए क्या है राज्य सरकारों का प्रस्ताव

नागरिक संशोधन कानून ( CAA - Citizenship Amendment Act ) बन चुका है. इस बिल के मुताबिक दूसरे देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों को CAA के तहत भारत की नागरिकता दी जाएगी.

Updated on: 23 Mar 2021, 07:28 PM

highlights

  • राज्य सरकारों ने दिए NRC CAA पर प्रस्ताव
  • देश मेंं अवैध घुसपैठियोंं पर सरकार की नजर
  • बाहरी देशों से आने वाले गैर मुस्लिमों को नागरिकता

नई दिल्ली:

CAB (  Citizenship Amendment Bill ) साल 2019 में संसद में पास होने और राष्ट्रपति की महुर लगने के बाद नागरिक संशोधन कानून ( CAA - Citizenship Amendment Act ) बन चुका है. इस बिल के मुताबिक अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों को CAA के तहत भारत की नागरिकता दी जाएगी.  नागरिकता संशोधन कानून ( CAB - Citizenship Amendment Bill) बनाने के बाद अब मोदी सरकार की नजर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स ऑफ इंडिया ( NRC ) देश भर में लागू करवाने पर है. सरकार अवैध लोगों की पहचान के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करना चाहती है. सरकार ने कहा कि इसमें सभी धर्मों और संप्रदायों के लोगों को शामिल किया जाएगा. आइे आपको बताते हैं एनपीआर, सीएए और एनआरसी पर राज्य सरकारों के क्या प्रस्ताव हैं.

केरल
31  दिसंबर 2019  को  राज्य विधानसभा ने सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था और 13 जनवरी 2020 को केरल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया था, जिसने सीएए को असंवैधानिक घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.20  जनवरी को  केरल मंत्रिमंडल ने फैसला किया की राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू नहीं होगा.

पंजाब
17  जनवरी 2020 को  पंजाब विधानसभा ने भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिया है. एनपीआर में संशोधन का प्रस्ताव भी पास हुआ था , प्रस्ताव पास करते वक़्त कहा गया की यह सदन संकल्प करता है कि केंद्र सरकार को एनपीआर से संबंधित फार्मों /दस्तावेजों में संशोधन करना चाहिए ताकि लोगों के मन की ऐसी आशंकाओं को दूर किया जा सके और इसके बाद ही एनपीआर के अंतर्गत काम शुरू करे.

राजस्थान
राजस्थान विधानसभा ने 25 जनवरी 2020 को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पास किया. केरल और पंजाब के बाद ऐसा प्रस्ताव पास करने राजस्थान तीसरा राज्य बन गया .  राजस्थान विधानसभा में सीएए के साथ ही एनपीआर में हुए संशोधनों को लेकर भी संकल्प पास हुआ.

पश्चिम बंगाल
नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 27  जनवरी 2020 को पश्चिम बंगाल विधानसभा में भी प्रस्ताव पास हो गया.प्रस्ताव पास होने के बाद ममता ने  कहा था की एनआरसी, एनपीआर और सीएए आपस में जुड़े हुए हैं , एनपीआर पर हुए बैठक का भी ममता ने बायकाट किया था.

दिल्ली 14 MARCH 2020
दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया.  आम आदमी पार्टी (आप) सरकार चाहती है कि 2010 के प्रारूप के अनुसार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर संचालित किया जाए. AAP ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि वह एनआरसी के खिलाफ है.

बिहार
सरकार राज्य में एनआरसी नहीं लागू करेगी. 25 फरवरी 2020 को विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव प्रस्ताव पारित किया गया है.राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर भी संशोधन प्रस्ताव पारित किया गया है.

पुड्डुचेरी
पुड्डुचेरी विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान 12 फरवरी 2020 को नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया और केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग की गयी.

आंध्रप्रदेश
3 मार्च 2020 को आंध्रप्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने ट्वीट किया, ‘NPR में प्रस्तावित कुछ सवाल अल्पसंख्यकों के दिमाग में संदेह उत्पन्न कर रहे हैं. हमारी पार्टी के भीतर पूर्ण विचार-विमर्श करने के बाद हमने केन्द्र सरकार से 2010 की शर्तां को ही रखने का अनुरोध करने का निर्णय किया है.'  ‘इस संबंध में हम आगामी विधानसभा सत्र में एक प्रस्ताव भी लाएंगे.

तमिलनाडु
12  मार्च 2020 को राज्य के राजस्व मंत्री आरबी उदयकुमार ने कहा, हमने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) की प्रक्रिया के लिए नोटिफिकेशन नहीं जारी की है क्योंकि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के इस प्रक्रिया से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दिया है."पलानीसामी ने पिछले महीने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर NPR की प्रक्रिया को लेकर अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर मुस्लिम के बारे में अपने डर को प्रकट किया था और इसमें आवश्यक बदलाव की मांग की थी. उन्होंने आधार और माता-पिता की जानकारी आदि के बारे में केंद्र सरकार से शिकायत की थी.

तेलंगाना
तेलंगाना की केसीआर की कैबिनेट ने 17 फरवरी 2020 को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी . 7  मार्च 2020 को सीएम केसीआर ने कहा की विधानसभा में सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे , उन्होंने कहा था की मेरे पास ही बर्थ सर्टिफिकेट नहीं; देश के दलित, पिछड़े और गरीब ऐसे दस्तावेज कहां से लाएंगे, हालांकि अब तक प्रस्ताव पेश नहीं हुआ है.