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kargil vijay diwas 2023( Photo Credit : File Photo)
Kargil Vijay Diwas 2023 : पूरे देश में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन भारतीय सेना के जांबाज और बहादुर जवानों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के चंगुल से कारगिल की पहाड़ियों को मुक्त कराया था और वहां तिरंगा फहराया था. इस युद्ध में शहीद हुए जवानों को कारगिल विजय दिवस समर्पित है, जोकि हर वर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है. आइये इस कारगिल युद्ध से जुड़ी 10 रोचक तथ्यों के बारे में विस्तार से जानते हैं...
कारगिल युद्ध : साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच लद्दाख के बाल्टिस्तान में कारगिल की लड़ाई लड़ी गई थी.
पाकिस्तानी जवानों की घुसपैठ : पाकिस्तानी सेना के करीब 5 हजार जवानों ने 3 मई 1999 को भारत में घुसपैठ करके कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा जमा लिया था. जब इसकी जानकारी भारत सरकार को हुई तो भारतीय सेना के जवानों ने ऑपरेशन विजय के तहत दुश्मनों को खदेड़ दिया था.
1971 का युद्ध : कारगिल युद्ध से पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1971 में जंग हुई थी. इस युद्ध के बाद पाकिस्तान से बांग्लादेश एक अलग देश बना था.
भारत के प्रधानमंत्री का कुशल नेतृत्व : कारगिल युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे, जबकि पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ थे.
जमने वाले तापमान में जंग : करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई और माइनस 10 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर कारगिल युद्ध हुआ था.
इंडियन एयरफोर्स : इंडियन एयरफोर्स ने भारतीय सेना की मदद में मिग-27, मिग-29 और मिराज 2000 जैसे फाइटर प्लेन, मिसाइलों और रॉकेट के साथ 'ऑपरेशन सफेद सागर' चलाया था. वायुसेना के इन लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तानी फौजियों के छक्के छुड़ा दिए थे.
कारगिल में शहीद हुए जवान : कारगिल युद्ध में 500 से ज्यादा बहादुर भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि पाकिस्तान ने दावा किया था कि उनके 3 हजार से फौजी मारे गए थे.
सबसे ऊंचाई पर हुई थी जंग : सबसे ऊंचाई पर कारगिल युद्ध लड़ा गया था. हाल के दिनों में इतनी ऊंचाइयों पर अबतक कोई लड़ाई नहीं लड़ी गई है.
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शिमला समझौता : भारत और पाकिस्तान के बीच 2 जुलाई 1972 में शिमला समझौता हुआ था, जिसमें कहा गया था कि बार्डर पर सशस्त्र संघर्ष नहीं होगा. इसके बाद भी कारगिल युद्ध हुआ था.
बड़ी संख्या में दागे गए थे बम : कारगिल युद्ध में लाखों बम और रॉकेट दागे गए थे. अंत में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को भागना पड़ा था.
Source : News Nation Bureau