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भारतीय नौसेना के शौर्य को दुनिया ने देखा, सात दिनों तक जलता रहा कराची

1971 को बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारत और पाकिस्तान में जब जंग छिड़ी थी. इस युद्ध में भारतीय नौसेना ने पाक को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था.

Updated on: 04 Dec 2021, 11:18 AM

highlights

  • घटनाक्रम में 4 दिसंबर की तिथि काफी अहम मानी जाती है.
  • युद्ध में पाक को संभलने का मौका नहीं मिला था
  • तेल डिपो में लगी आग 7 दिनों तक जलती रही

नई दिल्ली:

Indian Navy Day 2021: आज भारतीय नौसेना दिवस है. 4 दिसंबर को मनाया जा रहा नौसेना दिवस केवल एक ऐतिहासिक घटना की सालगिरह ही नहीं, बल्कि भारतीय नौसेना को सही संदर्भ में देखने का भी दिन है. इस दिन भारतीय नौसेना के शौर्य को पूरी दुनिया ने देखा. 1971 को जब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारत और पाकिस्तान में जंग छिड़ी थी. उस युद्ध के घटनाक्रम में 4 दिसंबर की तिथि काफी अहम मानी जाती है. भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था. इसकी सफलता की याद में इस दिन को मनाया जाता है.

उस समय भारतीय नौसेना ने रूस से कुछ लड़ाकू पोत खरीदे थे. इन पोतों का उपयोग भारतीय बंदरगाहों की रक्षा के लिए ही किया जाना था.  एडमिरल एसएम नंदा उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास पहुंचे. उस मुलाकात में इंदिरा ने एडमिरल से पूछा की हमारी नौसेना भारतीय बंदरगाहों की रक्षा के लिए कितनी तैयार है. लेकिन इसके जवाब में एडमिरल ने इंदिरा से कहा कि क्या हम कराची पर हमला कर सकते हैं. इंदिरा गांधी यह सुनकर सकते में चली गईं, मगर बाद में कुछ देर सोचने के बाद इंदिरा गांधी ने एडमिरल के हमले के प्रस्ताव पर हामी भर दी. 

निर्णायक साबित हुआ था वह हमला

इस युद्ध में पाक को संभलने का मौका नहीं मिला था. उस समय बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान था. यहां तक रसद पहुंचाने की जिम्मा पश्चिमी पाक नौसेना के पास था. पश्चिम पाकिस्तान नौसेना के जरिए ही पूर्वी पाकिस्तान को सामान भेज सकता था. मगर भारतीय नौसेना के हमले ने पाक को तगड़ा झटका दिया. कराची बंदरगाह पर तेल डिपो पर हमला और पाक के तीन युद्धपोत ध्वस्त होने के कारण भारत ने बांग्लादेश से पाक की पकड़ को कमजोर ​दिया था. पाकिस्तान को इस युद्ध में मुंह की खानी पड़ी. तेल डिपो में लगी आग 7 दिनों तक जलती रही और कहते हैं कि वहां धुंए के गुब्बार के कारण लगभग तीन दिनों तक सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंची. एक रिपोर्ट में इस आग को 'एशिया का सबसे बड़ा बोनफायर' बताया गया था.

नौसेना स्वर्णिम विजय वर्ष

साल 2021 में 1971 के युद्ध की जीत की स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है. इसलिए इस दिन को भारतीय नौसेना स्वर्णिम विजय वर्ष माना जाता है. भारतीय नौसेना की स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1612 में की थी, जिसे बाद में रॉयल इंडियन नेवी का नाम दिया गया. आजादी के बाद 1950 से इसे भारतीय नौसेना का नाम दिया गया.