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Agneepath Scheme से ऐसे बदलेगी भारतीय सेना, जानें क्या है योजना 

योजना के तहत 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के सैनिकों की भर्ती की जाएगी. सैनिकों की सेवा चार साल के बाद समाप्त हो जायेगी, जिसमें छह महीने का प्रशिक्षण भी शामिल होगा.

Updated on: 14 Jun 2022, 07:09 PM

highlights

  • सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने अग्निपथ प्रस्ताव किया पास
  • सेना में कम समय के लिए होगी रंगरूटों की भर्ती
  • 'अग्निपथ' योजना सशस्त्र बलों का युवा प्रोफाइल तैयार करने का प्रयास

 

नई दिल्ली:

भारतीय सेना में महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है. यह बदलाव सैनिकों की सेवा अवधि, वेतन भत्ते और तैनाती तक में होने वाली है. आज यानि मंगलवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने अग्निपथ प्रस्ताव पास कर दिया है. अब सेना में आमूल-चूल परिवर्तन होने की संभावना है.  टूर ऑफ़ ड्यूटी (टीओडी) योजना, जिसे अग्निपथ भी कहा जाता है, जिसके तहत सैनिकों को "अल्पकालिक और लंबी अवधि"  के आधार पर भर्ती किया जाना है. केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद यह परिवर्तन अब जल्द शुरू किया जा सकता है.

ड्यूटी के प्रारंभिक प्रस्ताव के अनुसार, नई योजना के तहत सेना में सैनिकों की जो तत्काल भर्ती आयोजित की जानी है उसमें  50 प्रतिशत नए रंगरूटों की सेवा अवधि तीन से पांच साल के बीच हो सकती है जबकि बाकी का कार्यकाल बहुत लंबा हो सकता है. यानी निकट भविष्य में भर्ती होने वाले आधे सैनिक 3 या 5 साल में रिटायर हो जायेंगे, और आधे सैनिकों की भर्ती लंबे अवधि के लिए हो सकता है.

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, "सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने आज 'अग्निपथ' की परिवर्तनकारी योजना को मंजूरी देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. इसके तहत भारतीय युवाओं को सशस्त्र सेवाओं में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा. 'अग्निपथ' योजना के तहत सशस्त्र बलों का युवा प्रोफाइल तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है. यह उन्हें नई तकनीकों के लिए प्रशिक्षित करने और उनके स्वास्थ्य के स्तर में सुधार करने में मदद करेगा. इस योजना से विभिन्न क्षेत्रों में नए कौशल के साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे." 

क्या है टूर ऑफ ड्यूटी योजना 

1.वर्तमान में, सेना शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत युवाओं को 10 साल के शुरुआती कार्यकाल के लिए भर्ती करती है जिसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है. नई योजना के तहत, तीन साल और उससे अधिक के लिए भर्ती किए जाने वाले लोग प्रमुख अग्रिम स्थानों पर लड़ाकू के रूप में तैनात होने के पात्र होंगे और उनकी भूमिकाओं में कोई प्रतिबंध नहीं होगा.

2. शीर्ष सूत्रों ने  बताया कि पहली बार में 45,000 से अधिक रंगरूटों को तीनों सेवाओं में लिया जाएगा.योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिकों को 30,000 रुपये से 40,000 रुपये के बीच मासिक वेतन मिलेगा.एक सूत्र ने कहा, "उन्हें नियमित सैनिकों के समान जोखिम और कठिनाई भत्ता अलग से दिया जाएगा, जहां वे तैनात हैं."

3. योजना के तहत 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के सैनिकों की भर्ती की जाएगी. चार साल बाद सनकी सेवा समाप्त हो जायेगी. जिसमें छह महीने का प्रशिक्षण भी शामिल होगा. रंगरूटों के सेना छोड़ने के बाद उनके लिए डिप्लोमा और डिग्री की भी योजना बनाई जा रही है.

4. योजना के नवीनतम मसौदे में कहा गया है कि भारतीय सेना में सभी सैनिकों को अंततः टूर ऑफ ड्यूटी मॉडल के तहत भर्ती किया जाएगा, जिनमें से लगभग 25 प्रतिशत तीन साल बाद और 25 प्रतिशत पांच साल सेवा में रहेंगे.शेष 50 प्रतिशत अपनी सेवानिवृत्ति की आयु तक पूर्ण अवधि के लिए सेना में सेवा करना जारी रखेंगे.

5. उपरोक्त के साथ दो अन्य संयोजनों की भी जांच की जा रही थी. उनमें से एक को भर्ती किए गए 33 प्रतिशत सैनिकों को स्थायी रूप से बनाए रखना था, जबकि उनमें से 33 प्रतिशत को तीन और पांच साल के अंत में सेवा समाप्त करना था. दूसरे में भर्ती किए गए कुल सैनिकों में से 40 प्रतिशत सैनिकों को बनाए रखना था, जबकि 60 प्रतिशत को तीन से पांच साल के बीच एक ही बोर्ड में जारी किया गया था.

6. सूत्रों ने पिछले महीने बताया था कि सेना अधिकतम सैनिकों को बनाए रखने के पक्ष में है, जिसे तत्काल कटौती के बजाय धीरे-धीरे कम किया जा सकता है.उन्होंने कहा कि यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या सेना से उनके अल्पकालिक अनुबंधों के अंत में सेवा समाप्त किए गए प्रशिक्षित जनशक्ति को अर्धसैनिक बलों में समाहित किया जा सकता है, जो बाद में अपने कर्मियों को प्रशिक्षित करने की लागत को कम कर सकता है.

7. प्रस्तावित योजना के नवीनतम मसौदे में प्रत्येक सैनिक और सरकार को हर महीने एक समान राशि जमा करने की आवश्यकता है जो कि लगभग 10 लाख रुपये की होगी-जो सैनिकों को चार साल की सेवा के बाद उनकी सेवानिवृत्ति पर प्राप्त होगी.

8. 'सेवा निधि पैकेज' में यह शामिल है कि, हर महीने एक सैनिक अपनी परिलब्धियों का 30 प्रतिशत योगदान करेगा और सरकार भी उतनी ही राशि का योगदान करेगी.चार साल बाद सेवानिवृत्त होने पर सैनिकों को ब्याज के साथ करीब 10 लाख रुपये मिलेंगे.सेवा निधि पैकेज राष्ट्रीय पेंशन योजना के समान है.

9. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में सेवा निधि पैकेज का दावा करने के लिए सैनिकों को दो विकल्प प्रदान किए जाएंगे. एक विकल्प यह होगा कि चार साल बाद सेवा समाप्ति पर सैनिक के खाते में 1 लाख रुपये जमा करें और शेष राशि को ऋण जुटाने के लिए बैंक गारंटी में परिवर्तित करें.दूसरा एक बार में पूरी रकम सिपाही के खाते में जमा करना है.

10. सैनिकों की सेवा सामप्ति के बाद, उनमें से एक निश्चित प्रतिशत को कुछ निश्चित मापदंडों के आधार पर सेना में पूर्ण कार्यकाल के लिए अगले 15 वर्षों के लिए फिर से नियुक्त किया जाएगा, जिन्हें अभी तैयार किया जाना है.सूत्रों ने कहा कि उनकी पिछले चार साल की सेवा को उनकी सेवानिवृत्ति पर पेंशन की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा.