Independence day 2019: 15 अगस्त को ही भारत को क्यों मिली आजादी? कभी सोचा है
15 अगस्त (15 August)आने में महज कुछ दिन बचे हुए हैं. अंग्रजों ने हमें आजादी 15 अगस्त को ही क्यों दी, देश का कमान इसी दिन क्यों सौंपा गया इसे लेकर कभी आपके जहन में सवाल आया.
नई दिल्ली:
15 अगस्त (15 August)आने में महज कुछ दिन बचे हुए हैं. अंग्रजों ने हमें आजादी 15 अगस्त को ही क्यों दी, देश का कमान इसी दिन क्यों सौंपा गया इसे लेकर कभी आपके जहन में सवाल आया. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर 15 अगस्त 1947 को अंग्रेज भारत छो़ड़कर क्यों चले गए. दरअसल, ब्रिटिश संसद ने लॉड माउंटबेटन को 30 जून 1948 तक भारत की सत्ता भारतीयों को सौंपने का वक्त दिया था. लॉर्ड माउंटबेटन को साल 1947 में भारत के आखिरी वायसराय के तौर पर नियुक्त किया गया था. भारत की आजादी पर लिखी गई बेहद चर्चित किताब "फ्रीडम एट मिडनाइट" में इसका जिक्र है. इस किताब में लिखा है कि माउंटबेटन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मैंने सत्ता सौंपने की तिथि तय कर ली है. ये तारीख 15 अगस्त 1947 होगी.
माउंटबेटन से जब पत्रकारों ने पूछा आजादी देने की तारीख तय कर ली
आजादी के डेढ़ महीने पहले माउंटबेटन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था. जिसमें वो बंटवारे को लेकर लोगों को जानकारी दे रहे थे. इस दौरान एक पत्रकार ने पूछा कि जब आप सत्ता सौंपे जाने वाले समय तक कार्यों में तेजी लाने की बात कर हे हैं तो क्या आपने आजादी देने की तारीख तय कर ली है? कब आप भारत को सत्ता सौंपेंगे?
और पढ़ें:Independence Day Special: भारत के साथ-साथ इन 4 देशों के लिए भी खास है 15 अगस्त का दिन, जानें क्यों
किताब में जिक्र है कि इस सवाल पर माउंटबेटन सोचने लगे कि कौन सी तारीख सही होगी. सितंबर के बीच में या सितंबर के अंत में..या फिर 15 अगस्त के बीच में. तभी 15 अगस्त की तारीख उनके दिमाग में अटक गई. 15 अगस्त 1947...हां ये तारीख होगा भारत की आजादी के लिए. माउंटबेटन ने पत्रकारों से कहा, 'मैंने तिथि तय कर ली है और ये तिथि है 15 अगस्त 1947.
राजगोपालाचारी ने दिया था माउंटेबटन को सुझाव
वहीं, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि सी राजगोपालाचारी के सुझाव पर माउंटबेटन ने भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख चुनी. बताया जाता है कि सी राजगोपालाचारी ने माउंटबेटन से कहा था कि अगर 30 जून 1948 तक इंतजार किया गया तो हस्तांतरित करने के लिए कोई सत्ता नहीं बचेगी. जिसके बाद लॉर्ड माउंटबेटन ने इस दिन को आजादी देने के लिए चुना.
इसे भी पढ़ें:15 अगस्त: देशभक्ति से भरी वो फिल्में जिन्हें देखकर आपको भी महसूस होगा गर्व
4 जुलाई 1947 को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस में इंडियन इंडिपेंडेंस बिल पेश किया गया. इस बिल में भारत के बंटवारे और पाकिस्तान के बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था. यह बिल 18 जुलाई 1947 को स्वीकारा गया और 14 अगस्त को बंटवारे के बाद 15 अगस्त 1947 को मध्यरात्रि 12 बजे भारत की आजादी (Indian Independence) की घोषणा की गई.
माउंटबेटन 15 अगस्त को मानते थे शुभ दिन
वहीं, कुछ इतिहासकारों का मानना था कि 15 अगस्त के दिन भारत को स्वतंत्रता देने का फैसला माउंटबेटन का निजी था. माउंटबेटन 15 अगस्त की तारीख को शुभ मानता था इसीलिए उसने भारत की आजादी के लिए ये तारीख चुनी थी. 15 अगस्त 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आर्मी ने आत्मसमर्पण किया था. उस वक्त माउंटबेटन अलाइड फोर्सेज के कमांडर थे. इसलिए इस दिन को वो शुभ मानते थे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Principles Of Hinduism : क्या हैं हिंदू धर्म के सिद्धांत, 99% हिंदू हैं इससे अनजान
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म की बड़ी भविष्यवाणी- 100 साल बाद यह होगा हिंदू धर्म का भविष्य