गलवान घाटी झड़प में चीन को हुआ था भारी नुकसान, नई रिपोर्ट में दावा
अखबार ने‘गलवान डिकोडेड’शीर्षक से जारी इस रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इस संघर्ष को लेकर चर्चा को रोकने के लिए भी चीन ने सख्ती तक बरती थी.
highlights
- ऑस्ट्रेलियाई अखबार क्लैक्सन की खोजी रिपोर्ट में खुलासा
- गलवान डिकोडेड रिपोर्ट का दावा चीन ने किया था गुमराह
- बताए गई सख्या से 9 गुना ज्यादा मारे गए चीनी सैनिक
नई दिल्ली:
2020 में गलवान घाटी (Galwan Clash) में भारतीय और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवानों के बीच हुए हिंसक संघर्ष में मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या छिपाने का आरोप ड्रैगन पर काफी भारी पड़ रहा है. अब ऑस्ट्रेलिया के एक खोजी अखबार ने दावा किया है कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय सैनिकों (Indian Army) के साथ हुई हिंसक झड़प में चीन को बहुत नुकसान हुआ था. यह नुकसान चीन (China) की ओर से बताई गई संख्या का 9 गुना अधिक है. अखबार के मुताबिक पीएलए के कई सैनिक रात के अंधेरे में तेज बहती नदी को पार करते समय डूब गए थे. गौरतलब है कि चीन ने दोनों पक्षों के बीच हुए हिंसक संघर्ष में पांच सैन्य अधिकारियों और सैनिकों के मारे जाने की बात काफी समय बाद स्वीकारी थी.
ऑस्ट्रेलियाई अखबार क्लैक्सन की रिपोर्ट में खुलासा
क्लैक्सन नाम के ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने अपनी रिपोर्ट को कई गुमनाम शोधकर्ताओं और चीनी ब्लॉगर के निष्कर्षो के आधार पर तैयार किया है. अखबार के मुताबिक शोधकर्ताओं और ब्लॉगर के नाम सुरक्षा कारणों से उजागर नहीं किए जा रहे हैं. हालांकि अखबार दावा करता है कि उनके निष्कर्ष इस पूरे मामले पर नई रोशनी डालते हैं. एंथनी क्लान की अगुआई वाली स्पेशल रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के 38 सिपाही उस रात गलवान नदी में बह गए थे. इस रिसर्च रिपोर्ट ने ड्रैगन के सभी प्रोपेगैंडा को ध्वस्त कर दिया है. गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारतीय और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे और कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे.
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चीन ने कभी भी सही नहीं बताई अपने मृत सैनिकों की संख्या
हिंसक संघर्ष की खबर आम होने के बाद चीन ने पहले-पहल तो किसी भी तरह के नुकसान से इंकार किया था. बाद में उसने अपने पांच जवानों और सैनिकों के मारे जाने की बात कही थी. हालांकि तब भी भारतीय सेना ने कहा था कि इस संघर्ष में चीन के उससे ज्यादा सैनिक मारे गए थे. अब ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने कहा है कि संघर्ष में चीन को भारी नुकसान हुआ था. अखबार ने‘गलवान डिकोडेड’शीर्षक से जारी इस रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इस संघर्ष को लेकर चर्चा को रोकने के लिए भी चीन ने सख्ती तक बरती थी.
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दोनों देशों के रिश्तों में जारी है गतिरोध
हिंसक संघर्ष के बाद भारत-चीन के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हो सके हैं. यह स्थिति तब है जब कई स्तर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं दोनों पक्षों के बीच हो चुकी हैं. इन सबके बीच चीन की सीमा पर उकसावे वाली हरकतें भी लगातार जारी हैं. मई 2022 में गलवान नदी की एक धारा पर भारतीय सैनिकों ने पुल का निर्माण किया. वहीं पीएलए अप्रैल से पारस्परिक रूप से तय बफर जोन में बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा था. 6 जून को 80 पीएलए सैनिक भारतीय पक्ष की ओर से बनाए गए पुल को तोड़ने आए. इसकी रक्षा के लिए 100 भारतीय सैनिक आगे आए.
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