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इमरान खान देने लगे 'सुपारी', 'विरोधी' मौलाना की संदिग्ध मौत... ISI पर संदेह

आशंका इस बात से गहरा रही है कि इमरान खान के लिए पिछले लंबे समय से सिरदर्द बने जहर उगलने वाले मौलाना खादिम हुसैन रिजवी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है.

Updated on: 20 Nov 2020, 03:22 PM

इस्‍लामाबाद:

पाकिस्तान सेना औऱ खुफिया संस्था इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस की मदद से पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम बने इमरान खान अब अपने विरोधियों को कुचलने के लिए भी सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करने लगे हैं. इस बात की आशंका इस बात से गहरा रही है कि इमरान खान के लिए पिछले लंबे समय से सिरदर्द बने जहर उगलने वाले मौलाना खादिम हुसैन रिजवी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. रिजवी ने पाकिस्‍तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्‍बैक पाकिस्‍तान की स्‍थापना की थी. यह वही संगठन है, जिसने इमरान सरकार की नीतियों के विरोध में रावलपिंडी और इस्‍लामाबाद को घेर लिया था. यही नहीं, फ्रांस में पैंगबर साहब के कार्टून सामने आने के बाद खादिम ने परमाणु बम गिराने की वकालत की थी. रिजवी की संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत के पीछे आईएसआई का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।

ईशनिंदा कानून के नाम पर समाज में बोया जहर खादिम ने
सूत्रों के मुताबिक ईशनिंदा कानून के नाम पर पाकिस्‍तानी समाज में जहर बोने वाले रिजवी की मौत के बाद आईएसआई ने यह कोशिश की कि कोई भी नेता इस मौत का फायदा न उठा सके. मौलाना की मौत रहस्‍यमय परिस्थितियों में हुई लेकिन इमरान सरकार ने घोषणा की कि मौलाना रिजवी की कोरोना वायरस से मौत हुई है. रिजवी बरेलवी समुदाय से आता था. फ्रांस के राष्‍ट्रपति के इस्‍लाम को लेकर दिए बयान के बाद मौलाना ने फ्रांसीसी सामानों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. इन प्रदर्शनों के जरिए मौलाना ने इमरान सरकार की नाक में दम कर रखा था और कानून व्‍यवस्‍था के लिए समस्‍या बन गया था. कई लोगों ने दावा किया है कि आईएसआई ने मौलाना की मौत के बाद भी उनके बेटे से जबरन जिंदा होने का बयान दिलवाया. बताया जा रहा है कि जब उन्‍हें अस्‍पताल में लाया गया था तभी उनकी मौत हो गई थी.  इन दिनों आईएसआई और सेना को जनता के विद्रोह का डर लग रहा है. सेना के लोगों को यह डर लग रहा था कि रिजवी इमरान सरकार के लिए संकट बन सकते थे.

पंजाब के गवर्नर के हत्यारे की सजा का विरोध भी किया था
पाकिस्‍तान के इस जहरीले मौलाना ने ईशनिंदा कानून को कमजोर नहीं करने पर जोर दिया था और 2015 में तहरीक-ए-लब्‍बैक पाकिस्‍तान की स्‍थापना की थी. दावा किया जा रहा है कि रिजवी की 'बुखार' से लाहौर के एक अस्‍पताल में मौत हो गई. अधिकारियों ने अभी उनके मौत के कारणों पर चुप्‍पी साध रखी है. पाकिस्‍तान से सबसे अधिक प्रभाव वाले पंजाब प्रांत में रिजवी की गहरी पकड़ थी. मौलाना ने पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की 2011 में हत्‍या करने वाले मुमताज कादरी की मौत की सजा का विरोध किया था. मुमताज कादरी ने ईशनिंदा कानून को कमजोर करने की मांग के बाद उनकी हत्‍या कर दी थी.

आसिया बीबी को बरी की रिहाई के भी था खिलाफ
यही नहीं, 2018 में पाकिस्‍तान के सुप्रीम कोर्ट के ईशनिंदा कानून में दोषी पाई गई ईसाई महिला आसिया बीबी को बरी कर‍ दिए जाने के बाद रिजवी और उनके संगठन ने पूरे देश में भूचाल ला दिया था. राजधानी इस्‍लामाबाद कई सप्‍ताह तक चारों तरफ से कटी रही थी. यह विवाद तब सुलझा जब सेना ने हस्‍तक्षेप किया और एक समझौता कराया था. इस डील के बाद पाकिस्‍तान के कानून मंत्री को इस्‍तीफा देना पड़ा था. गौर करने वाली बात यह है कि इमरान खान की नाक में दम करने वाला मौलाना खादिम 2006 से ही व्‍हील चेयर पर था.